आज ईवीएम में कैद होगी राहुल, थरूर, हेमा मालिनी समेत कई दिग्गजों की किस्मत

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान शुक्रवार (26 अप्रैल) को रहा है। इसके साथ ही 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर चुनाव लड़ रहे कुल 1202 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। जिन 88 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से कई सीटें ऐसी हैं जहां से दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इनमें वायनाड से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, छह केंद्रीय मंत्री, दो पूर्व मुख्यमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और कई पूर्व मंत्री शामिल हैं।
राजीव चंद्रशेखर बनाम शशि थरूर: केरल की तिरुवनंतपुरम सीट पर सियासी लड़ाई भी दिलचस्प है। कांग्रेस ने यहां से एक बार फिर से शशि थरूर को टिकट दिया है। वहीं, भाजपा ने यहां से केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को मैदान में उतारा है। राजीव चंद्रशेखर राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और अब लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। राज्य की सत्ता पर काबिज वाम दलों की ओर से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पन्नियन रवींद्रन तिरुवनंतपुरम सीट पर उम्मीदवार हैं। 2019 में यहां कांग्रेस से शशि थरूर को जीत मिली थी। पिछले चुनाव में यहां 73.74 प्रतिशत मतदान हुआ था।
हेमा मालिनी: उत्तर प्रदेश की चर्चित सीटों में शुमार मथुरा से फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी चुनाव लड़ रही हैं। वह तीसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव में उतरी हैं। वर्तमान में हेमा मालिनी मथुरा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व भी कर रही हैं। उनके सामने इस बार कांग्रेस से मुकेश धनगर और बसपा से सुरेश सिंह की दावेदारी है। हालांकि, पहले चर्चा थी कि हेमा मालिनी के सामने कांग्रेस बॉक्सर विजेंदर सिंह को उतारेगी लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में मथुरा लोकसभा सीट पर भाजपा के टिकट पर हेमा मालिनी को जीत मिली थी। उस चुनाव में यहां कुल 61.08त्न लोगों ने मतदान किया था।
अरुण गोविल: उत्तर प्रदेश की एक और हॉट सीट मेरठ है, जहां से अभिनेता अरुण गोविल किस्मत आजमा रहे हैं। गोविल वही अभिनेता हैं जिन्होंने 80 के दशक में दूरदर्शन पर आए रामायण धारावाहिक में भगवान राम की भूमिका निभाई थी। इस चुनाव में अरुण गोविल भगवान राम की तस्वीरों के साथ चुनाव प्रचार करते दिखे। उनके प्रचार अभियान में रामायण में मां सीता बनीं दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी भी जुड़े। इस चुनाव में अरुण गोविल के सामने सपा से सुनीता वर्मा और बसपा से देवव्रत त्यागी मैदान में हैं।
2019 में मेरठ उन सीटों में रही जहां भाजपा को जीत तो मिली लेकिन अंतर बहुत कम रहा। उस चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र अग्रवाल महज 4,729 वोटों से चुनाव जीते थे। इस बार भाजपा ने अग्रवाल का टिकट काट दिया। पिछले चुनाव में मेरठ सीट पर 64.29 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
दानिश अली: उत्तर प्रदेश की अमरोहा सीट भी इस बार चर्चा में है। पिछले चुनाव में इस सीट पर बसपा से चुनाव जीतने वाले दानिश अली इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। अमरोहा सांसद दानिश अली हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे। इससे पहले बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते दानिश को पार्टी से निकाल दिया था। इस चुनाव में दानिश का सामना भाजपा के कंवर सिंह तंवर और बसपा के मुजाहिद हुसैन से है। 2019 में अमरोहा सीट पर 71.05त्न मतदान दर्ज किया गया था।
केसी वेणुगोपाल: कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल की दावेदारी ने केरल की अलप्पुझा सीट को चर्चित बना दिया है। एआईसीसी महासचिव (संगठन) और राहुल गांधी के करीबी सहयोगी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अलप्पुझा राज्य की एकमात्र लोकसभा सीट है जो 2019 में वाम दलों के पास थी। 2019 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने राज्य की 20 में से 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में वेणुगोपाल के सामने माकपा से एएम आरिफ और भाजपा से शोभा सुरेंद्रन हैं। 2019 में अलप्पुझा सीट पर माकपा के एएम आरिफ को सफलता मिली थी। उस चुनाव में 80.35त्न मतदान दर्ज किया गया था।
पप्पू यादव: 40 लोकसभा सीटों वाले बिहार में इस बार पूर्णिया सीट की खूब चर्चा है। पूर्णिया से पूर्व सांसद पप्पू यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है, जिससे इस सीट का मुकाबला दिलचस्प हो गया है। पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव लडऩा चाहते थे लेकिन महागठबंधन में बात नहीं बनी। इसी प्रयास में कुछ दिन पहले पूर्व सांसद ने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) का कांग्रेस में विलय भी किया था। राजद ने यहां बीमा भारती को टिकट देकर पप्पू यादव के प्रयासों पर विराम लगा दिया। अंतत: पप्पू यादव निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर गए हैं।
2024 के चुनाव में पप्पू यादव का मुकाबला जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा और राजद की बीमा भारती से है। मौजूदा सांसद संतोष कुमार एनडीए के प्रत्याशी के तौर पर जदयू से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, राजद की तरफ से पूर्व विधायक बीमा भारती उम्मीदवार हैं। रुपौली से विधायक रहीं बीमा हाल में जदयू से इस्तीफा देकर राजद में आई हैं। 2019 में पूर्णिया सीट पर जदयू के संतोष कुमार को जीत मिली थी। उस चुनाव में पूर्णिया सीट पर कुल 65.37त्न वोटिंग हुई थी।
ओम बिड़ला: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की उम्मीदवारी से राजस्थान की कोटा सीट भी चर्चित सीटों में शुमार है। यहां से बिड़ला एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। 2024 के चुनाव में ओम बिड़ला का सामना कांग्रेस के प्रह्लाद गुंजल से है। 2019 में कोटा से बिड़ला को जीत मिली थी। उस चुनाव में कोटा सीट पर 70.22त्न मतदान हुआ था।
भूपेश बघेल: छत्तसीगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दूसरे चरण में मैदान में हैं। बघेल राजनांदगांव सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। वर्तमान में वह पाटन से कांग्रेस के विधायक हैं। 2019 में राजनांदगांव से भाजपा के संतोष पांडे जीते थे। इस बार भी पांडे भाजपा उम्मीदवार हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव सीट पर 76.20त्न मतदान हुआ था।
कैलाश चौधरी: राजस्थान की बाड़मेर सीट भी लगातार सुर्खियां बटोर रही है। मोदी सरकार के एक और मंत्री कैलाश चौधरी एक बार फिर बाड़मेर सीट से चुनाव मैदान में हैं। कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी 2019 में यहां से जीते थे। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के उम्मेदराम बेनीवाल और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे शियो विधानसभा सीट से विधायक रविन्द्र सिंह भाटी से है। 2019 में बाड़मेर सीट पर 73.30त्न मतदान हुआ था। 2019 में बाड़मेर सीट पर कैलाश चौधरी ने पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह के बेटे और कांग्रेस उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह को हराया था।
वी. मुरलीधरन: दूसरे चरण में केंद्र सरकार के छह मंत्रियों की किस्मत भी दांव पर लगी है। इनमें एक नाम है विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन। वी. मुरलीधरन केरल की आटिंगल सीट से भाजपा उम्मीदवार हैं। मुरलीधरन महाराष्ट्र से राज्यसभा के सांसद रहे हैं। 2019 में आटिंगल से कांग्रेस के अदूर प्रकाश को सफलता मिली थी। इस बार मुरलीधरन के सामने कांग्रेस से अदूर प्रकाश और माकपा से वी. जॉय हैं। 2019 में आटिंगल सीट पर 74.48 प्रतिशत लोगों ने वोटिंग की थी।
सीपी जोशी, भाजपा: इस चुनाव में राजस्थान में चित्तौडग़ढ़ लोकसभा सीट की लड़ाई भी दिलचस्प है। भाजपा ने यहां प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को चुनावी मैदान में उतारा है जो पिछले दो चुनाव से जीत रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने उदयलाल आंजना को चुनावी रण में भेजा है। पिछले चुनाव में चित्तौडग़ढ़ सीट पर भाजपा के सीपी जोशी को जीत मिली थी। 2019 में इस सीट पर 72.39 प्रतिशत मतदान हुआ था।
सीपी जोशी, कांग्रेस: राजस्थान की भीलवाड़ा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को मैदान में उतारा है। जोशी 2009 से 2014 तक भीलवाड़ा से सांसद रह चुके हैं। इस दौरान वे मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री भी रहे। इस चुनाव में जोशी के सामने भाजपा ने दामोदर अग्रवाल को आगे किया है। 2019 में भीलवाड़ा सीट पर भाजपा के सुभास चंद्र बहेरिया को जीत मिली थी। उस चुनाव में 65.64 प्रशित मतदान हुआ था।
दुष्यंत सिंह: राजस्थान की झालावाड़-बारां सीट पर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह को उतारा है। इस सीट पर दुष्यंत सिंह का मुकाबला कांग्रेस की उर्मिला जैन भाया से है। 2019 में झालावाड़-बारां सीट पर दुष्यंत सिंह को जीत मिली थी। 2019 में इस सीट पर 71.96त्न मतदान हुआ था।
सुकांत मजूमदार: दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल की बालूरघाट सीट पर भारतीय जनता पार्टी के डॉ. सुकांत मजूमदार उम्मीदवार हैं। सुकांत प्रदेश भाजपा इकाई के अध्यक्ष हैं। इस चुनाव में सुकांत मजूमदार के सामने तृणमूल कांग्रेस के बिप्लब मित्रा और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के जॉयदेब सिद्धांत हैं। उन्हें 2019 में बालूरघाट सीट पर जीत मिली थी। पिछले चुनाव में इस सीट पर 83.69 प्रशित मतदान हुआ था।
वीडी शर्मा: मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मैदान में है। यहां पर कांग्रेस ने अपने सहयोगी समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ दी थी, लेकिन सपा उम्मीदवार मीरा यादव का नामांकन रद्द हो गया। इसके बाद गठबंधन ने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी आरबी प्रजापति को समर्थन दिया है। इस सीट पर 2019 में भाजपा से वीडी शर्मा जीते थे। उस चुनाव में खजुराहो सीट पर 68.31 प्रतिशत मतदान हुआ था।
नवनीत राणा: इस चुनाव में लोगों की निगाहें महाराष्ट्र के अमरावती सीट पर भी हैं। भाजपा ने यहां मौजूदा सांसद नवनीत राणा को मैदान में उतारा है, जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुई थीं। इस चुनाव में नवनीत का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार बलवंत वानखेड़े से है। नवनीत राणा ने 2019 का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीता था। उस चुनाव में अमरावती सीट पर 60.76 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार इस्तेमाल किया था।
गजेंद्र सिंह शेखावत: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत अपनी परंपरागत जोधपुर सीट से एक बार फिर से चुनाव मैदान में हैं। शेखावत यहां से लगातार दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं। 2019 में उन्होंने इस सीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे और कांग्रेस उम्मीदवार वैभव गहलोत को हराया था। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के करण सिंह से है। 2019 में लोकसभा सीट पर 68.89 प्रतिशत मतदान हुआ था।
वैभव गहलोत: राजस्थान की जालौर सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को उतारा है। वैभव के सामने भाजपा ने लुंबाराम को उतारा है। 2019 में जालौर सीट पर भाजपा के देवजी पटेल ने जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में जालोर सीट पर पर 65.74त्न मतदान हुआ था।
शोभा करंदलाजे: केंद्र सरकार में कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे कर्नाटक की बंगलूरू उत्तर सीट से अपना भाग्य आजमा रही हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में शोभा भाजपा के टिकट पर उडुपी चिकमंगलूर सीट से जीती थीं। वहीं बंगलूरू उत्तर सीट से भाजपा के डीवी सदानंद गौड़ा जीतकर सांसद बने थे। 2024 के चुनाव में शोभा करंदलाजे का मुकाबला कांग्रेस के प्रो. एमवी राजीव गौड़ा से है। 2019 में बंगलूरू उत्तर सीट पर 54.76 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार इस्तेमाल किया था।
तेजस्वी सूर्या: कर्नाटक की बंगलूरू दक्षिण सीट भी चुनावों में प्रतिष्ठित सीट मानी जाती है। यहां से भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस की सौम्या रेड्डी हैं जो कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी हैं। मजबूत राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली सौम्या विधायक रह चुकी हैं। 2019 में बंगलूरू दक्षिण सीट पर तेजस्वी सूर्या जीते थे। उस चुनाव में कुल 53.70 फीसदी मतदान हुआ था।
डीके सुरेश: दूसरे चरण में कर्नाटक की बेंगलूरू ग्रामीण सीट का मुकाबला भी खास है। इस सीट पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। सुरेश के सामने के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के दामाद सीएन मंजूनाथ हैं। मंजूनाथ की पहचान प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ के तौर पर है। वह भाजपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 में बेंगलुरु ग्रामीण सीट पर कांग्रेस के डीके सुरेश को जीत मिली थी। उस चुनाव में 64.98 प्रतिशत मतदान हुआ था।
एचडी कुमारस्वामी: इस लोकसभा चुनाव में मांड्या की लड़ाई भी दिलचस्प है। यहां से जेडीएस के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी चुनाव लड़ रहे हैं। कर्नाटक में भाजपा जेडीएस का गठबंधन है और समझौते के तहत मांड्या सीट जेडीएस के खाते में गई। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने स्टार चंद्रू के नाम से मशहूर वेंकटरमाने गौड़ा को अपना दावेदार बनाया है। 2019 में इस सीट पर निर्दलीय सुंबलता अंबरीश को जीत मिली थी। उस चुनाव में मांड्या सीट पर 80.59 प्रतिशत मतदान हुआ था।

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