कोविड सेंटर घोटाला मामले में उद्धव और आदित्य ठाकरे के करीबी के ठिकानों पर छापेमारी
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। हाल में पूर्व विधायक शिशिर शिंदे और पार्टी प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने शिवसेना (यूबीटी) से इस्तीफा दिया था। अब मुंबई में कथित कोविड सेंटर घोटाला मामले में ईडी ने उद्धव और आदित्य ठाकरे के करीबी के ठिकानों पर छापेमारी की है।
उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के करीबी माने जाने वाले युवसेना (यूबीटी) के सचिव सूरज चव्हाण और आईएएस संजीव जायसवाल के आवास समेत 16 ठिकानों पर ईडी जांच कर रही है। बीते साल अगस्त महीने में बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज के चार पार्टनर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें सुजीत मुकुंद पाटकर का नाम भी शामिल था। अक्टूबर, 2022 में इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई थी।
किरीट सोमैया ने शिकायत में आरोप लगाया था कि कोविड सेंटर बनाने के लिए एक ऐसी फर्म को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया, जिसके पास स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं देने का कोई एक्सपीरिएंस नहीं था। इस फर्म को जाली दस्तावेजों के आधार पर ठेका मिला था।
बीजेपी नेता यह भी आरोप लगाया कि फर्म को पुणे मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया था, लेकिन फर्म ने बीएमसी से इस तथ्य को छिपाया और जंबो केंद्रों में सेवाएं प्रदान करने के लिए अनुबंध प्राप्त करने में कामयाब रही।
इससे पहले बीजेपी नेता ने आरोप लगाया था कि दहिसर में 100 बेड वाले अस्पताल की सुविधाओं के लिए 25 जून, 2020 को प्री-बिड मीटिंग बुलाई गई थी। उसके बाद एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट 27 जून को बुलाया गया था, जबकि लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज की स्थापना 26 जून को की गई थी। इसलिए फर्म के अस्तित्व में आने से पहले ही वो प्री-बिड में शामिल हुई और दहिसर में कोविड आईसीयू बेड संचालन-प्रबंधन हासिल किया। इसको लेकर शहर की एक अदालत में याचिका भी दायर की गई थी।