सत्ता की आड़, बच्चें की जानकेसाथ किया जा रहा खिलवाड़ !

  • सब कुछ जानते हुए मौन है सरकार
  • रसूखदार आरोपी केआगे पुलिस भी थी लाचार
  • जानलेवा कफ सिरप कांड में यूपी एसटीएपफ का पूर्व बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह गिरफ्तार
  • पूर्व सांसद व बाहुबली धनंजय सिंह से लेकर भाजपा केकई नेताओं से संबंध

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मप्र में जानलेवा कफ सिरप पीने से कई मासूमों की जान चली गई थी। इसकी जांच की गई तो इसके तार तमिलनाडु से लेकर यूपी तक के रसूखदार लोगों को गदर्न तक पहुंचने लगी है। सबसे बड़ी शर्म की बात तो यह रही इसमें वो लोग शामिल हैं जो बाल विकास की बात करते हैं। कफ सिरप के इस गोरखधंधे मेेें मप्र व यूपी के सत्ता पक्ष से जुड़े कई नेता भी जुड़े हंै। ये अपराधियों को बचा ही नहीं रहे थे बल्कि उनकी काली कम में हाथ भी साफ कर रहे थे। यूपी में एसटीएफ जैसी सुरक्षा एजेंसी केबर्खास्त सिपाही इस काले अपराध में पकड़ा गया है। सबसे बड़ी बिडंबना है कि उसके संबंध भाजपा के करीबी पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह है। उधर इस मामले पर सियासत भी होने लगी। सपा ने भाजपा की योगी सरकार को घेर लिया है।

करोड़ों रुपये की संपत्तियां अर्जित की

बता दें एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह ने नशीले कफ सिरप सिंडीकेट का हिस्सा बनने के बाद करोड़ों रुपये की संपत्तियां अर्जित की हैं। पुलिस सेवा से बर्खास्त होने के बाद वह पूर्व सांसद व बाहुबली धनंजय सिंह का गनर बना। इसके बाद पूर्वांचल के अंडरवल्र्ड में उसकी पैठ गहरी होती गई। पुलिस में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर वह शराब, खनन और नशीले कफ सिरप के कारोबार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाता गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे संरक्षण देने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आलोक के बढ़ते रसूख का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने लखनऊ स्थित सुल्तानपुर रोड पर धनंजय सिंह के घर के सामने महलनुमा घर बनवाया है, जिसकी कीमत करीब 20 करोड़ रुपये है। वह कई लग्जरी एसयूवी के साथ धनंजय सिंह के साथ चलता है। जौनपुर में वोटर लिस्ट में धनंजय सिंह और आलोक सिंह के घर पर पता एक ही दर्शाया गया है। सूत्रों की मानें तो आलोक सिंह पूर्व सांसद का दाहिना हाथ माना जाता है। अब गिरफ्तारी के बाद वह ईडी समेत कई एजेंसियों के निशाने पर आ गया है। एसटीएफ उसकी फर्मों के जरिये हुए नशीले कफ सिरप के कारोबार की कडिय़ों को जोड़ रही है। उसकी फर्मों से एक करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ है। इसके अलावा तमाम फर्जी फर्मों के जरिये भी करोड़ों रुपये के नशीले कफ सिरप की तस्करी की गई है।

कई अन्य नेताओं से भी है संबंध

इस प्रकरण में पूर्व सांसद धनंजय सिंह का तीन आरोपियों से सीधा संबंध होना है। शुभम सिंह, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह, पूर्व सांसद के सर्वाधिक करीबियों में शुमार किए जाते हैं। हालांकि पुलिस अधिकारी, पूर्व सांसद की भूमिका की जांच करने से कतरा रहे हैं। आलोक, धनंजय सिंह के साथ रहने वाले एक एमएलसी का भी करीबी है। सूत्रों के मुताबिक पूर्वाचल के कई माफिया भी आलोक के जरिये शुभम से अपना हिस्सा ले रहे थे।

भाजपा वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया पर काम कर रही है : अखिलेश

सपा प्रमुख व यूपी केपूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा घोटला है इसकी ठीक से जांच होनी चाहिए। दवाओं और कफ सिरप से जुड़े बड़े भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया पर काम कर रही है। इस नीति के तहत कई बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं, जिसमें दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

20 साल पहले सोना लूट कांड में बर्खास्त हुआ था आलोक

आलोक पहले भी कई मामलों में विवादों के घेरे में रह चुका है। उसे करीब 20 साल पहले सोना लूट कांड में बर्खास्त किया गया था, हालांकि बाद में वह केस से बरी हो गया। बर्खास्तगी के बाद भी पुलिस में उसका रसूख कम नहीं हुआ। सूत्रों की मानें तो वह पूर्वांचल के अंडरवल्र्ड को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को कई अहम सूचनाएं देता रहता था। इसकी वजह से पुलिस भी उस पर कार्रवाई नहीं करती थी। कई माफिया और अपराधियों को पुलिस की कार्रवाई से बचाने की वजह से भी अंडरवर्ल्ड  में उसका प्रभाव बढ़ता जा रहा था।

ईडी ने भी कसा शिकंजा

उत्तर प्रदेश में चर्चित कफ सिरप कांड में बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले की जांच में और भी तेजी आ गई है। इस मामले में अब ईडी की भी एंट्री हो गई हैं। आरोपी आलोक सिंह के पूर्वांचल के दो बाहुबलियों से कनेक्शन के बाद ईडी की टीम भी इस मामले पर नजर बनाए हैं। कफ सिरप सिंडीकेट के आरोपियों की कई तस्वीरें और वीडियो फुटेज इन बाहुबलियों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। सूत्रों के मुताबिक इन साक्ष्यों के आधार पर अब ईडी की टीम आरोपियों के साथ इनके कनेक्शन की जानकारी हासिल करने में जुट गई है। ईडी के निशाने पर दोनों बाहुबलियों की संपत्ति भी है। आलोक ने बहुत कम समय में करोड़ों की संपत्ति इकठ्ठा कर ली थी, यूपी एसटीएफ़ अब इस पूरे मामले में उसकी संलिप्तता की भी जांच कर रही है, सूत्रों के मुताबिक उसकी संपत्ति भी जब्त करने की तैयारी की जा रहा है।

कई ब्यूरोक्रेट भी संपर्कमें

सूत्रों की मानें तो एक पूर्व ब्यूरोक्रेट ने आलोक के साथी विकास के जरिये लखनऊ स्थित सुल्तानपुर रोड पर कई बेशकीमती संपत्तियां खरीदी हैं। ईडी ने इसकी जांच शुरू कर दी है। शुभम जायसवाल, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह को दुबई की सैर कराने वाले जौनपुर के विकास सिंह विक्की ही पूर्व ब्यूरोक्रट सिंडीकेट की काली कमाई को रियल एस्टेट में निवेश कर रहा था।

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