राम मंदिर को लेकर विपक्ष पर बरसे ्रकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कहा- वोट बैंक के नाराज होने के डर से वे भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं गये
नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर के ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने पर विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि उनके फैसले से देश भर में धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। भाजपा ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए कई राजनीतिक दलों को निमंत्रण भेजा था, लेकिन विपक्षी भारत समूह से जुड़े कई दलों ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था। उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने घोषणा की कि पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव बाद में अपने परिवार के सदस्यों के साथ राम मंदिर का दौरा करेंगे। कांग्रेस और नेहरू गांधी परिवार के सदस्य भी तृणमूल कांग्रेस और दक्षिणी राज्यों में स्थित पार्टियों से दूर रहे।
अमित शाह ने जोर देकर कहा कि भाजपा ने राम मंदिर का उद्घाटन करके एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बनाया है, जो उसके घोषणापत्र में उल्लिखित प्रमुख वादों में से एक था। उन्होंने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक वोट बैंक खिसकने के डर से विपक्ष इस आयोजन से दूर रहा। अमित शाह ने नेटवर्क18 के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि विपक्ष चिंतित है और पूरा देश उनसे नाराज़ है क्योंकि जब राम मंदिर शांतिपूर्ण, संवैधानिक रूप से बनाया गया था, और प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तो उन्होंने इसका बहिष्कार किया। अल्पसंख्यकों के नाराज होने के डर से वे भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं गये। इसीलिए पूरा देश उनसे नाराज है।
विपक्ष ने राम मंदिर समारोह के समय पर सवाल उठाया था क्योंकि यह मौजूदा लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही आयोजित किया गया था। हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा मौजूदा लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान वोट आकर्षित करने के लिए राम मंदिर मुद्दे का इस्तेमाल नहीं कर रही है। शाह ने कहा कि जब मंदिर नहीं बना था तो हमें राम के नाम पर वोट मिलते थे और हम कहते थे कि हम बनाएंगे। हमने तो वोट मांगने का कारण ही ख़त्म कर दिया। विपक्ष परेशान है और पूरा देश उनसे नाराज है क्योंकि जब राम मंदिर शांतिपूर्ण, संवैधानिक तरीके से बन गया और प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी तो उन्होंने इसका बहिष्कार किया। अल्पसंख्यकों के नाराज होने के डर से वे भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं गये। इसलिए पूरा देश उनसे नाराज है।
उन्होंने कहा कि मतगणना के दिन दोपहर 12:30 बजे से पहले आप देखेंगे, एनडीए 400 सीटें पार कर जाएगी और मोदी जी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। कम मतदान के कई कारण हैं। 12 साल बाद मतदाता सूची में संशोधन किया गया है। दूसरे, दूसरे पक्ष से कोई मुकाबला नहीं है जिससे मतदान पर असर पड़े। हमारे विश्लेषण के अनुसार, हम पहले दो चरण से 100 से अधिक सीटों के साथ तीसरे चरण की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज बिहार, झारखंड, उड़ीसा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र… इन 7 राज्यों से नक्सलवाद समाप्त हो चुका है। छत्तीसगढ़ के 4 जिलों में बचा है, वहां पर भी अब भाजपा की सरकार बनी है और बीते 4 महीनों में ही करीब 100 नक्सलवादी मारे गए हैं। मोदी जी के तीसरे कार्यकाल में हमें नक्सलवाद से पूरी तरह निजात मिल जाएगी।