सनातन विवाद पर बोले केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विपक्ष के गठबंधन ने अपनी नीति बता दी

नई दिल्ली। सनातन धर्म और देश का नाम बदलने की अटकलों पर बवाल के बीच केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि नाम बदलने से कुछ बदल नहीं बदलेगा। उन्होंने विपक्षी गठबंधन इंडिया को निशाने पर लिया। कहा कि डीएमके मंत्री ए राजा द्वारा सनातन धर्म के बारे में अपमानजनक और कटु टिप्पणियां, मानसिक दिवालियापन और गहरी हिंदूफोबिया को दर्शाती हैं। प्रधान ने कहा कि गठबंधन में ऐसे लोग भरे हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश देख रहा है कि कैसे कांग्रेस और उनके साथी जानबूझकर भारत की आत्मा को बदनाम कर रहे हैं। इन नफरत फैलाने वालों को याद दिलाया जाए कि ‘सनातन शाश्वत है, सनातन सत्य है।’ विवाद के बीच तमिलनाडु के निलगिरी से लोकसभा सांसद ए। राजा का सनातन धर्म को लेकर बयान सामने आया। उन्होंने सनातन की तुलना एचआईवी से की थी जिसे ‘मिटाने की जरूरत है।’ ए। राजा भी उसी मीटिंग का हिस्सा थे, जहां सीएम एमके स्टालिन के बेट उदयनिधि स्टालिन ने सनातन को डेंगू-मलेरिया बताया था। उदयनिधि के बयान के बाद विपक्षी खेमा भी बीजेपी के निशाने पर आ गया है। चूंकि डीएमके गठबंधन का हिस्सा है, बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला। पूछा कि क्या कांग्रेस भी इस तरह के बयान से सहमत है? केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही तुष्टिकरण और ध्रुविकरण की राजनीति करती है। 2012 में कांग्रेस ने ‘भगवा आतंक’ शब्द गढ़ा था, जहां तबतक उसे लग गया था कि उसके पैरों के नीचे की जमीन खिसक रही है।
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया था कि विदेशी मंचों पर कांग्रेस के नेता हिंदुत्व को खत्म करने की बात कर चुके हैं। परिवारवादी असल में ‘नफरत की दुकान’ चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन मुंबई की मीटिंग में अपना नेता तो नहीं चुन पाए लेकिन अपनी नीति जरूर बना ली। केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाए। कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि वह इस मुद्दे पर चुप हैं। उन्होंने एनसीपी नेता शरद पवार, समाजवादी पार्टी के मुखिय अखिलेश यादव और अन्य विपक्षी नेताओं से भी जवाब मांगा है।

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