यूपी कांग्रेस नहीं तलाश पा रही प्रदेश अध्यक्ष!

4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सक्रिय राजनीति में आने के बाद पहली बार अपने बूते कांग्रेस को यूपी चुनाव में लेकर उतरीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। पार्टी 2017 के अपने प्रदर्शन से भी खराब स्थिति में पहुंच गई। सीटों की संख्या घटकर दो रह गई। वहीं दो महीने बाद भी कांग्रेस यूपी में एक प्रदेश अध्यक्ष तक नहीं तलाश पाई। इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार उमाशंकर दुबे, राजेश बादल, सुशील दुबे, राजनीतिक विश्लेषक नीरज झा, कांग्रेसी नेता जीशान हैदर और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
उमाशंकर दुबे ने कहा, यूपी चुनाव में कांग्रेस की स्थिति निराशाजनक रही। लोक सभा चुनाव में यूपीए और एनडीए की ही लड़ाई रहेगी। इन सबके बावजूद कांग्रेस अपना प्रदेश अध्यक्ष नहीं तलाश पा रही है, यह संगठन के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। सुशील दुबे ने कहा, यूपी से यूथ कांग्रेस को खत्म कर दिया गया। संगठन दिन-ब-दिन कमजोर होता जा रहा है। अब पोती आ गई मैदान में, बावजूद लड़की हूं लड़ सकती हूं अभियान धाराशायी हो गया। कांग्रेस को यूपी ही नहीं सब जगह मेहनत करनी होगी। नीरज झा ने कहा, देखा जाए तो पार्टी 2024 की लड़ाई लडऩे के मूड में भी नहीं दिख रही है। कांग्रेस के साथ सबसे बड़ी समस्या उनके साथ खड़े होने वाले ही साथ नहीं है। चुनाव के दो महीने बाद प्रियंका प्रदेश को भूल गईं। संगठन को मजबूत करने के लिए अनवरत प्रयास जारी रहना चाहिए। राजेश बादल ने कहा इतनी सारी नाकामियों के बाद भी 12 करोड़ मत अभी भी कांग्रेस को मिलते हैं अगर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभानी है तो इसे बढ़ाना पड़ेगा। पांच राज्यों के चुनाव में मिली हार को सिर माथे लगाना पड़ेगा। जनता के बीच जाना पड़ेगा। संगठन में सक्रियता दिखानी पड़ेगी। कांग्रेस अपना घर दुरस्त करने में जितना देर करेगी, उतना नुकसान होगा। बीज पड़े है, बस सिंचाई भर करनी है।
जीशान हैदर ने कहा कि प्रियंका के यूपी आने के बाद 30-35 बड़े नेता पार्टी छोड़कर चले गए। स्थिति यह है कि कोई अपनी बात प्रियंका तक पहुंचा ही नहीं सकता। पूरे प्रदेश को पता है कि एक जो नौकर है, उसको पहले हटाया जाए। उस नौकर को नौकर चाहिए नेता नहीं इसलिए दो महीने बाद ही प्रदेश अध्यक्ष दे नहीं पाए।

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