विजय सिन्हा हो गए बेनकाब, लाइव कैमरे पर हुई गजब बेज्जती!
दोस्तों बिहार चुनाव को मद्देनजर रखते हुए सभी दल एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं। पहले चरण के मतदान भले ही सम्पन्न हो चुके हों लेकिन नेताओं की बयनबाजियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दोस्तों बिहार चुनाव को मद्देनजर रखते हुए सभी दल एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं। पहले चरण के मतदान भले ही सम्पन्न हो चुके हों लेकिन नेताओं की बयनबाजियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। वहीं बीते रोज हुए पहले चरण के मतदान की अगर बात की जाए तो, उस दौरान ऐसा कुछ हुआ जो हमेशा याद रखा जाएगा। दरअसल सत्ताधरी गठबंधन NDA के नेताओं को जनता के विरोध का सामना करना पड़ा। और इस विरोध के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। और खिसियाए उपमुख्यमंत्री RJD MLC पर झूठा आरोप लगाने निकल पड़े, जहां किरकरी हो गई।
बिहार के लखीसराय में मतदान के दौरान उपमुख्यमंत्री और बीजेपी उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा के काफिले पर हमला हो गया. जानकारी के मुताबिक, विजय सिन्हा को सूचना मिली थी कि नदियावां इलाके में उनके समर्थकों को वोट डालने से रोका जा रहा है. वह स्थिति जानने मौके पर पहुंचे तो वहां आरजेडी समर्थक उग्र हो गए. विजय सिन्हा की गाड़ी पर गोबर और पत्थर फेंके गए. उस समय वह गाड़ी से उतरकर लोगों से बात कर रहे थे. सुरक्षा बलों ने तुरंत उन्हें गाड़ी में बैठाया और काफिले को आगे बढ़ाने की कोशिश की. विजय सिन्हा ने इस हमले के लिए आरजेडी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है और विपक्ष के लोग हताशा में ऐसी हरकतें कर रहे हैं. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया. फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है.
लेकिन इस घटना के ठीक बाद ऐसा कुछ हुआ जो की और ज्यादा चर्चा में बना। दरअसल इस घटना के बाद एक और वीडियो सामने आया है, जो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में आरजेडी एमएलसी अजय कुमार सिंह और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के बीच बहस होती दिखाई दे रही है. दोनों के बीच सड़क पर ही तीखी नोकझोंक हुई. विजय सिन्हा ने अजय सिंह पर शराब पीकर हंगामा करने और बहस करने का आरोप लगाया.
इसी लिए बौखलाहट है तो वहीं दूसर तरफ उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा RJD MLC पर बार-बार शराब पीने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा गलत और उनका आरोप झूठा उस वक़्त साबित हुआ जब RJD एमएलसी के शराब पीने की पुष्टि ब्रेथ एनालाइजर से भी नहीं हो सकी।
वहीं दोस्तों आपको बता दें कि बिहार में पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है. इस बार की वोटिंग पिछले कई चुनावों से काफी अलग रही. बिहार के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक वोटिंग का रिकॉर्ड भी बना. हालांकि अभी एक ही चरण की वोटिंग पूरी हुई है, लेकिन वोटर्स ने उम्मीद से कहीं ज्यादा उत्साह दिखाया. चुनाव आयोग को दूसरे चरण में भी यही फ्लो बने रहने की उम्मीद है. पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर करीब 65 फीसदी वोट ने सियासी हलचल तेज कर दी है.
सभी दल इसे अपने-अपने लिए वरदान बता रहे हैं. लेकिन इतिहास बताता है कि 60 फीसदी से अधिक की वोटिंग राष्ट्रीय जनता दल के लिए मुफीद रही है. राज्य में बंपर वोटिंग ऐसे समय हुई जब पिछले महीने विशेष गहन पुनरीक्षण यानी कराया गया जिसको लेकर विपक्षी दलों ने लगातार विरोध जताया. विपक्ष एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर धांधली और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप भी लगाता रहा है.
हालांकि आपको बता दें कि अभी भी 122 सीटों पर वोटिंग बाकी है पहले चरण में 121 सीटों पर वोटिंग के बाद अब दूसरे चरण में शेष 122 सीटों पर वोट डाले जाने हैं. इसके लिए राजनीतिक दलों ने अपने चुनावी अभियान को और तेज कर दिए हैं. पहले चरण में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के अलावा दोनों उपमुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत कई मंत्रियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई. पहले चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में उतरे. बिहार में पिछले 40 सालों में यह चौथी बार है जब राज्य में वोटिंग प्रतिशत 60 फीसदी से अधिक जाने की उम्मीद लग रही है. इन 4 दशकों में राज्य के लोग वोटिंग को लेकर अलग-अलग वजहों से ज्यादा उत्साहित नहीं रहे हैं.
यही वजह है कि इस दौरान सिर्फ 3 बार ही 60 से अधिक की वोटिंग दर्ज थी, और अब 2025 के चुनाव में यह रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. साल 2000 में आखिरी बार 60 फीसदी से अधिक वोट डाले गए थे. लेकिन बिहार में वोटिंग के पिछले 4 दशकों के पैटर्न को देखें तो 60 फीसदी से अधिक की वोटिंग का मतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की सत्ता में वापसी. लालू प्रसाद यादव ने जनता दल से अलग होकर साल 1997 में आरजेडी का गठन किया था. पहले लालू ने जनता दल की ओर से राज्य में सरकार चलाई फिर वह आरजेडी के दम पर सत्ता में लौटे. भ्रष्टाचार के मामले में सजायाफ्ता होने के बाद सत्ता की बागडोर अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सौंप दी.
वहीं इस बार बढ़ते मतदान प्रतिशत से सियासी पंडितों का यही कहना है कि इस बार RJD यानी महागठबंधन की वापसी हो सकती है। खैर अब ये तो आने वाले चुनावी मतीजों के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन अभी मौजूदा समय की अगर बात की जाए तो अभी हार के डर से बौखलाए भाजपा और NDA नेता महगठबंधन के नेताओं पर झूठे आरोप लगाने के बाज नहीं आ रहे हैं।



