हिमाचल बस केंद्र से अपना हक मांग रहा: विक्रमादित्य

  • बोले- हिमाचल और दिल्ली को बांटना ठीक नहीं
  • सड़कों को लेकर भाजपा व कांग्रेस में तकरार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शिमला। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल और दिल्ली को बांटना ठीक नहीं है। केंद्र से अपना हक मांगा जा रहा है। यह हमारा अधिकार है। हिमाचल में चरण चार में ढाई सौ आबादी वाली 22 क्षेत्रों को सडक़ से जोड़ा जाएगा। विक्रमादित्य सिंह ने यह जानकारी भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार की ओर से लाए गए सड़कों और पुल संबंधित कटौती पर के जवाब में दी। चर्चा के जवाब के दौरान भाजपा विधायक हंसराज ने हस्तक्षेप किया। इस पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आपको हर चीज में ज्ञान देना शुरू कर देते हैं। इस बीच दोनों के बीच नोकझोंक भी हुई।
उन्होंने कहा कि हिमाचल को बराबर देखा जा रहा है। ऊपर और निचले क्षेत्र में बांटना हमारे डीएनए में नहीं है। ऐसा नहीं है कि विधायकों की डीपीआर मंजूरी के लिए नहीं भेजी गई है। सडक़ों के लिए आर्थिक राशि का प्रावधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सडक़ों और पुलों के टेंडर प्रकाशन पहले 37 दिन था लेकिन अब इसे घटाकर 12 दिन किया गया है। मुख्यमंत्री सडक़ योजना के लिए भी 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य के जवाब के बाद कटौती प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गया।

सड़कों की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत : अनिल शर्मा

भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि सडक़ें हिमाचल की भाग्य रेखा हैं। पहले सरकार के वित्तीय संसाधन नहीं होते थे। अब नाबार्ड, पीएमजीएसवाई एनएचईआई से सडक़ों का जाल बिछ रहा है। सदन में गंभीर चर्चा चल रही है लेकिन लोक निर्माण मंत्री सदन में नहीं है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस पर संज्ञान लिया जाएगा, आप बोलते रहिए। अनिल शर्मा ने कहा कि अब ऑनलाइन टेंडर किए जा रहे हैं। ठेकेदार बजट से 40 फीसदी कम पर काम ले रहे हैं। इससे भी कार्य में गुणवत्ता नहीं आ रही है।

लोक निर्माण के बजट में 700 करोड़ की कमी : बलवीर

भाजपा विधायक बलवीर वर्मा ने कटौती प्रस्ताव पर अपनी क्षेत्रों की सडक़ों का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण के बजट में 700 करोड़ रुपये की कमी की गई है। मंत्री ने नेरवा – बाईपास बनाने की बात कही थी लेकिन अभी तक इसका काम शुरू नहीं हुआ। सैंज के आगे सिंगल रोड है। उन्होंने इसे भी डबल लेन किए जाने की मांग की।

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