इंडिगो की कारगुजारी के खिलाफ उठने लगी आवाज

- इंडिगो की मलेशिया में गोपनीय लैंङ्क्षडग की शिकायत
- जन अधिकार सेना ने डीजीसीए को लिखा पत्र
- आम यात्रियों ने भी साझा की उस दिन की घटना की आपबीती
- फ्लाइट रिकॉर्ड तक को परिवर्तित किया गया
- एयरक्राफ्ट एक्ट 1935 के साथ एयरक्राफ्ट रूल 1937 के तहत विभिन्न धाराओं में अपराध
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। एक दौर वो था जब कोई दुर्घटना घटती थी तो सरकारें अपनी जिम्मेदारी लेती थीं। संबंधित मंत्री इस्तीफा दे देता था। पर अब तो ऐसा हो गया है विमान के बड़े-बड़े हादसे हो जातें है सैकड़ों लोग काल के गाल में समा जाते हैं पर सत्ताधीशों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। तुर्रा ये कि घटनाओं को छुपाने की कोशिश तक की जाती है। लेकिन सरकार में बैठे लोगों को शायद ये पता नहीं है आज के जमाने कुछ भी छिपाना आसान नहीं है।
अहमदाबाद विमान हादसे की तरह अभी एक और बड़ा हादसा इंडिगो फ्लाइट संख्या 6ई 104 में होने से बच गया। पर इस लापरवाही को पूरी तरह से नजरअंदाज ही नहीं किया गया बल्कि इस खबर को दबा दिया गया। पर अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए 4पीएम न्यूज नेटवर्क ने इस मामले को उठाया। इसीक्रम आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन, नई दिल्ली को सिंगापुर से दिल्ली के लिए 27 जून 2025 को उडऩे वाली इंडिगो फ्लाइट संख्या 6ई 104 के मलेशिया के एक अज्ञात एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग की शिकायत की है। यहीं नहीं बहुत से यात्रियों ने भी 27 जून की उस डरावनी घटना को सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
4PM ने प्रमुखता से दिखाई खबर
एक वक्त था जब भारत में ट्रेन में यात्रा करते हुए लोगों को सुरक्षित पहुंचने का भरोसा होता था। अगर दुर्घटना हो तो कार्रवाई होती थी, इस्तीफा लिया जाता था। लेकिन फिर एक के बाद एक एक्सीडेंट हुए, और रेल मंत्री शान से रील बनाते रहे। अब फ्लाइट में वहीं हो रहा है। एक के बाद एक दुर्घटनाओं की खबर आ रही है। कार्रवाई तो दूर, अब घटनाएं छिपाई जा रही हैं। इंडिगो फ्लाइट ई1014 की विदेश में इमरजेंसी लैंडिंग हुई. 21 दिन पहले की घटना है। लेकिन 21 दिनों में ये खबर मीडिया में नहीं क्यों ? क्योंकि पूरी व्यवस्था ने खबर को दबाने के लिए काम किया। 4पीएम पहला मीडिया चैनल है जो इस खबर को प्रमुखता से उठा रहा है।
अमिताभ ठाकुर ने कई वीडियो और फोटो भी भेजे
अमिताभ ठाकुर ने इससे जुड़े कई वीडियो और फोटो भेजे हैं। उन्होंने इस घटना को अत्यंत गंभीर बताते हुए इसे एयरक्राफ्ट एक्ट 1935 के साथ एयरक्राफ्ट रूल 1937 के तहत विभिन्न धाराओं में अपराध में बताया है। अत: उन्होंने डीजीसीए से इस मामले में तत्काल आपराधिक मुकदमा दर्ज कराए जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने फ्लाइट के सभी यात्रियों को समुचित मुआवजा दिए जाने की मांग भी की है।
फ्लाइट के उड़ान भरते ही उसमें जलने की बदबू फैली
उन्होंने कहा कि अत्यंत विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार फ्लाइट के उडऩे के बाद उसके अंदर से जलने की काफी तेज बदबू आई। इसके कारण फ्लाइट मलेशिया के पुत्रजय के पास एक छोटे से हवाई अड्डे पर उतारा गया। उन्हें प्राप्त जानकारी के अनुसार इंडिगो ने इस इमरजेंसी लैंडिंग को आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया और इसे छिपाने का हर संभव प्रयास किया गया है। बताया जाता है कि यहां तक की इंटरनेट पर इस उड़ान के फ्लाइट रिकॉर्ड तक को परिवर्तित कर दिया गया है ताकि घटना का कोई सबूत ना शेष रह जाए।
सोशल मीडिया पर शेयर न करने का डाला गया दबाव
इंडिगो केकर्मचारियोंने सभी केफोन लेकर फेसबुक और एक्स चेक करना शुरू किया। जिन यात्रियों ने इस घटना के विषय में लिख दिया था उनसे कहा गया कि वे पहले अपनी पोस्ट डिलीट करें तभी उनको भारत भेजने केलिए अगले जहाज की व्यवस्था की जाएगी। एक महिला के पति ने अमेरिका में ही इस मामले में एक्स पर पोस्ट लिख दी थी और इंडिगो को टैग किया था तो इस महिला से कहा गया कि अपने पति से पहले वह पोस्ट डिलीट करवायें।
मौत को सामने देख सिहर गए लोग
उस जहाज से यात्रा कर रहे कुछ यात्रियों ने उस समय को मोबाइल के कैमरों में कैद कर लिया। कई यात्रियों ने बताया कि जहाज की लैंडिंग इतनी खतरनाक थी कि यात्रियों को लगा की ये उनकेजीवन का आखिरी पल है। जैसे ही जहाज रु का बाहर फायरब्रिगेड और पुलिस की गाडिय़ां मौजूद थीं। जहाज में जलने की गंध और तेज होती जा रही थी। इसकेबाद पायलट ने केबिन से बाहर आकर कहा कि कार्गो में आग लग गई थी। लेकिन यात्रियों को इस पर यकीन नहीं हुआ। जहाज पर सवार एक यात्री ने 4पीएम को बताया कि उनको कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गयी। यात्रियों को जहाज से निकाल कर टर्मिनल में ले जाया गया। तब तक यात्रियों केपरिजन परेशान को गये थे जो जहाज को लाइव ट्रैक कर रहे थेे। इस दौरान कुछ लोगों ने फेसबुक और एक्स पर घटना की जानकारी लिख दी थी।




