दूसरे चरण में जम्मू-कश्मीर में विवादों के बीच जमकर मतदान

  • विदेशी राजनयिकों के दौरे पर जताई विपक्षी दलों ने नाराजगी
  • उमर, महबूबा व राहुल ने की ज्यादा से ज्यादा वोटिंग की अपील
  • दोपहर तक लगभग 37 प्रतिशत मतदान
  • उमर, रैना व कर्रा की किस्मत ईवीएम में बंद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहा है। राज्य में पहले चरण का मतदान सम्पन्न हो चुका है। दूसरे चरण के लिए 26 विधानसभा सीटों पर बुधवार को मतदान जारी है। इस चरण में मतदान धीमी गति से हो रहा है। हालांकि शाम तक वोटिंग बढऩे के आसार हैं। वहीं कु छ जगहों पर लोग वोट डालने नहीं जा रहे हैं। इस बीच कुछ जगहों पर हल्काफुल्का बवाल भी देखने को मिला। नेशनल कॉन्फेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों का निरीक्षण करने के लिए विदेशी प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने के केंद्र के निर्णय की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव भारत का आतंरिक मामला है और मुझे नहीं पता कि विदेशियों के यहां चुनाव प्रक्रिया का जायजा लेने, निगरानी करने के लिए क्यों बुलाया जाना चाहिए था।दूसरे चरण में 25 लाख से अधिक मतदाता 239 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। दोपहर 1 बजे तक 36.93 फीसदी वोटिंग हुई है। पहले चरण में 24 सीटों पर 18 सितंबर को मतदान हुआ था।

पीडीपी के बिना कोई सरकार नहीं बनेगी : महबूबा

पीडीपी अध्यक्ष महब्बोबा मुफ्ती आरएस पुरा में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है। पहले कोई अपराध नहीं होता था लेकिन अब स्थिति बदल गयी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह आपको तय करना है कि आप इससे कैसे बाहर निकलना चाहते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर डॉक्टर हमें अच्छा इलाज नहीं दे रहा है तो हमें उसे बदल देना चाहिए। मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन परिवारों वाली टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि जब नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने पाकिस्तान में शामिल होने की बात की थी, तो वह मुफ्ती मोहम्मद सईद ही थे जिन्होंने कश्मीर में भारतीय ध्वज को ऊंचा उठाया था। सरकार धर्मनिरपेक्ष होगी और पीडीपी के बिना जम्मू-कश्मीर में कोई सरकार नहीं बनेगी। दक्षिण कश्मीर में हुए (पहले चरण के) चुनाव में पीडीपी नंबर एक पार्टी बनकर उभर रही है।

उमर ने कांग्रेस को दी नसीहत

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वोट डालने के बाद कहा क मुझे उम्मीद है कि राहुल कश्मीर में एक या दो सीटों पर प्रचार खत्म करने के बाद जम्मू में ध्यान केंद्रित करेंगे। अंतत: कांग्रेस कश्मीर में क्या करती है, यह महत्वपूर्ण नहीं है। जम्मू में कांग्रेस क्या करती है, यह महत्वपूर्ण है। दुर्भाग्य से, कांग्रेस ने जम्मू के मैदानी इलाकों में उतना कुछ नहीं किया है जितना हम उनसे उम्मीद करेंगे। आज दूसरे चरण का मतदान चल रहा है। मतदाता बड़ी संख्या में वोटिंग कर रहे हैं। मुझसे हमेशा पूछा जाता है कि हमारी अपेक्षाएं क्या हैं। कोई भी उम्मीदवार हारने के लिए चुनाव नहीं लड़ता। उन्न्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आज अधिकतम वोट एनसी उम्मीदवारों को मिलेंगे और जहां कोई एनसी उम्मीदवार नहीं है, हमारे साथ गठबंधन में कांग्रेस के उम्मीदवार हैं और वोट उनके लिए होना चाहिए।

इस चरण में कई दिग्गज मैदान में

चुनावी रण में कई दिग्गज भी ताल ठोक रहे हैं। इस चरण के लिए मुख्य नाम नेकां के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, जेकेपीसीसी अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा और भाजपा जम्मू-कश्मीर प्रमुख प्रमुख रविंदर रैना हैं। बता दें कि दूसरे चरण के लिए 3502 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। इस चरण में करीब 25 लाख से अधिक मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। दूसरे चरण के लिए जम्मू संभाग के तीन और कश्मीर घाटी के तीन जिलों में वोटिंग जारी है।

यह चुनाव इतिहास बनाने जा रहा : चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा ने कहा कि लोग बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए निकल रहे हैं। यह चुनाव इतिहास बनाने जा रहा है। हमें बहुत खुशी है कि पूरी घाटी और जम्मू में उत्साह के साथ मतदान हो रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे वह श्रीनगर की घाटी हो, चाहे वह ऊंची पर्वत चोटियां हों जहां से व्यवधान के आह्वान आते थे, हर जगह लोग मतदान करने के लिए निकल रहे हैं। यहां तक कि उन इलाकों में भी जहां से बहिष्कार के आह्वान होते थे, मतदाताओं में उत्साह है। यह दुनिया को देखना है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कैसे हो सकते हैं।

चारों तरफ से घिरने के बाद कंगना रनौत ने टेके घुटने

  • कृषि कानूनों पर दिये बयान पर खेद जताया
  • बीजेपी समेत विपक्ष के निशाने पर थीं सांसद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शिमला। हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के बीच कृषि कानूनों पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत का बयान भारतीय जनता पार्टी की परेशानी बढ़ाता हुआ नजर आ रहा है। इस बीच उन्होंने अपने बयान पर खेद जताया है। मंडी से सांसद कंगना रनौत ने कहा, पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे कृषि कानूनों पर सवाल किए, मैनें इस दौरान कृषि कानून वापस लाने का सुझाव दिया।
मेरी इस बात से बहुत सारे लोग निराश हैं, जब कृषि कानून आया तो बहुत सारे लोगों ने इसका समर्थन किया, लेकिन बड़े ही संवेदनशीलता और सहानुभूति से हमारे प्रधानमंत्री ने ये लॉ वापस ले लिया।

शब्दों की गरिमा रखूंगी

उन्होंने आगे कहा, हम सभी कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि उनके शब्दों की गरिमा रखें। मुझे ये बात भी ध्यान रखना होगा कि मैं सिर्फ एक कलाकार नहीं हूं, बीजेपी की कार्यकर्ता हूं, मेरी राय अपनी नहीं होनी चाहिए, पार्टी का स्टैंड होना चाहिए। अगर मैंने अपने शब्दों और सोच से किसी को निराश किया है तो हमें खेद रहेगा, हम अपने शब्द वापस लेते हैं।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर कांड के आरोपी के एनकाउंटर पर उठाए सवाल

  • अदालत बोली- मुठभेड़ में पहली नजर में गड़बड़ी है
  • पिस्तौल पर उंगली के निशान की जांच की जाए

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। बदलापुर कांड के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इधर अक्षय के पिता की ओर से दायर याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान हाई कोर्ट ने कई ऐसे सवाल खड़े किए, जिनके जवाब पुलिस नहीं दे पाई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सवाल उठाने के साथ यहां तक कहा कि इसे एनकाउंटर नहीं कहा जा सकता। हाई कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में गड़बड़ी है। बदलापुर केस में आरोपी अक्षय शिंदे के पिता की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की। पुलिस ने दावा किया था कि अक्षय शिंदे ने हिरासत से भागने का प्रयास किया। पुलिस को रिवॉल्वर छीनी और जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लगी।

अक्षय के पिता ने दायर की याचिका

अक्षय के पिता अन्ना शिंदे ने को वकील अमित कटरनवरे के माध्यम से दायर याचिका में आरोप लगाया है कि उनके बेटे अक्षय शिंदे को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया। उन्होंने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) की मांग की।

सिर में क्यों मारी गई गोली

हाई कोर्ट कहा कि पहली नजर में एनकाउंटर में गड़बड़ी नजर आ रही है। कोर्ट ने पूछा कि आरोपी के सिर में क्यों गोली मारी गई ? अगर मुठभेड़ में तीन गोली चली, एक आरोपी को लगी लगी तो दो कहां गई? चार पुलिसकर्मी आरोपी को काबू क्यों नहीं कर सके । कोर्ट ने कहा कि हाथ या पैर में गोली मारनी चाहिए थी। पुलिस को पता है कि कहां गोली मारनी है। इसे एनकाउंटर नहीं कह सकते हैं। एक आम आदमी गोली नहीं चला सकता है। पिस्तौल पर उंगली के निशान की जांच किया जाना जरूरी है।

बंदूक अनलॉक क्यों थी?

बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक के बाद एक कई सवाल उठाए। बेंच ने कहा कि इसे एनकाउंटर नहीं कहा जा सकता है। यह पहली नजर में ही गड़बड़ी है। एक कमजोर आदमी फायर नहीं कर सकता है। हाई कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि पुलिस की बंदूक अनलॉक क्यों थी? हाई कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि अगर आरोपी ने भागने की कोशिश की तो उसके सिर पर गोली क्यों मारी गई? हाथ या पैर पर गोली क्यों नहीं मारी गई?

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