झारखंड में नहीं लागू होगा वक्फ संशोधन बिल

  • वक्फ संशोधन बिल नहीं लागू करने वाला पहला राज्य बना झारखंड
  • जेएमएम के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्ताव हुआ पारित

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रांची। रांची के खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत इनडोर स्टेडियम में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का 13वां केंद्रीय महाधिवेशन आयोजित हुआ। अधिवेशन में वक्फ संशोधन बिल को झारखंड में नहीं लागू किये जाने का प्रस्ताव पारित हुआ। झारखंड देश का पहला राज्य बन गया जहां वक्फ संशोधन बिल नहीं लागू किया जाएगा। जेएमएम के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित महाधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्टी और राज्य को नई ऊंचाई पर ले जाने का आह्वान किया।
सोरेन ने कहा कि हमारी पार्टी की जड़ें अब झारखंड के घर-घर में फैल गई हैं। आंदोलन से उपजी पार्टी को सींचकर और बढ़ाना है। हमारा लक्ष्य झारखंड और यहां के वासियों को निरंतर आगे बढ़ाना है। हमें दिन-रात काम कर यहां के लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठाना है। सम्मेलन की शुरुआत संविधान निर्माता बाबा साहेब की तस्वीर पर माल्यार्पण और पार्टी का ध्वज फहराने के साथ हुई। हेमंत ने महाधिवेशन के उद्घाटन सत्र में भाजपा पर जोरदार जुबानी हमले किए।

महाधिवेशन में कुल 16 प्रस्ताव हुए पारित

भट्टाचार्य ने बताया कि महाधिवेशन के दौरान कुल 16 राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए हैं। पार्टी ने परिसीमन की प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग से संबंधित प्रस्ताव में कहा है कि इससे राजनीतिक असंतुलन की स्थिति उत्पन्न होगी। परिसीमन का जो खाका तैयार किया गया है, उससे आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, दलितों, शोषितों के साथ-साथ भाषायी आधार पर प्रतिनिधित्व घटेगा। इसी कारण पार्टी को परिसीमन की प्रक्रिया स्वीकार्य नहीं होगी। पार्टी ने राज्य में उद्योगों और अन्य कार्यों के लिए ली गई वैसी जमीनों की वापसी का प्रस्ताव भी पारित किया है, जिनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। प्रस्ताव में जमीनों की वापसी और जमीन अधिग्रहण से विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए आयोग गठित करने की बात कही गई है।

डोमिसाइल पालिसी लागू

राज्य में निजी क्षेत्रों में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को आरक्षण देने, ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण, राज्य में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियां शत-प्रतिशत स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने और 1932 के खतियान पर आधारित डोमिसाइल पॉलिसी लागू करने, आदिवासियों के लिए जनगणना में सरना धर्म कोड को देश की संसद से मान्यता देने और राज्य समेत पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने के प्रस्ताव भी महाधिवेशन में पारित किए गए हैं। सभी राजनीतिक प्रस्ताव्र पार्टी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री स्टीफन मरांडी ने पेश किए, जिसे चर्चा के बाद महाधिवेशन में उपस्थित प्रतिनिधियों ने पूर्ण समर्थन के साथ पारित कर दिया।

संविधान के 25 से 28 तक के अनुच्छेद का उल्लंघन है यह बिल

पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र का वक्फ संशोधन कानून संविधान विरोधी है। यह संविधान के 25 से 28 तक के अनुच्छेद का उल्लंघन है। पार्टी के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि वक्फ का मामला सीधे तौर पर जमीन से संबंधित है और जमीन राज्य सरकार का विषय है। जमीन को लेकर लॉ एंड ऑर्डर का मुद्दा भी राज्य सरकार का मामला है। वक्फ संशोधन के कानून पर राज्य सरकार से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया है, जबकि इसमें जमीन से संबंधित विषय होने की वजह से राज्य की सरकार स्टेक होल्डर है। ऐसी परिस्थिति में पार्टी का स्पष्ट मानना है कि इस संशोधन कानून को नहीं स्वीकार किया जाएगा और इसे झारखंड में नहीं लागू होने दिया जाएगा।

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