लखनऊ के सरकारी अस्पताल में लगी आग से अफरा-तफरी
एक मरीज की गयी जान, 200 मरीजों को शिफ्ट करना पड़ा दूसरे अस्पतालों में

सरकारी इंतजामों की पोल खोल गयी आग
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी के लोकबंधु अस्पताल में लगी आग पर काबू पा लिया गया है। लेकिन यह आग सरकारी व्यवस्था की पोल खोल दी। देर रात अस्पताल के दूसरे तल पर आग लगी। इससे पहले की कोई कुछ समझ पात आग ने अपना दायरा बढ़ाया। लोगों को जम समझ में आया तबतक काफी देर हो चुकी थी। इस अफरा-तफरी में एक मरीज की जान चली गयी और कम से कम 200 से ज्यादा मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया।
गौरतलब है कि अब से कुछ दिनों पहले जब गोरखपुर के एक अस्पताल में लाग लगी थी उसके बाद तमाम सारे इंतेजाम होने की बात कही गयी थी। हाईलेवल मीटिंग हुई थी और व्यवस्था सुधारने के सरकारी दावे किये गये थे।
घटना की सूचना मिलते ही उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मौके पर पहुंचे। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि मरीजों को केजीएमयू, बलरामपुर और सिविल में भर्ती कराया गया है, जो गंभीर मरीज है उन्हें केजीएमयू के आईसीयू में भर्ती करवाया गया है। शेष को सिविल और बलरामपुर में भर्ती किया गया है। आग लगने के कारण बिजली को काट दिया गया। जनरेटर के माध्यम से आग बुझाने का काम और रोशनी की गई।
रात भर चला रेस्क्यू ऑपरेशन
आग का लगाना शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि पूरी बिल्डिंग में धुआं भर गया। स्थिति और बिगड़ गई। इसके बाद अस्पताल प्रशासन सुरक्षा कारणों से बिजली काट दी, जिससे अंधेरा फैल गया और मरीजों को बाहर निकालने में काफी मुश्किलें आईं। रातभर चले रेक्यू ऑपरेशन में लोकबंधु अस्पताल से निकाले गए करीब 250 मरीजों को लखनऊ के सिविल, बलरामपुर, केजीएमयू और लोहिया जैसे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। परिजनों का आरोप है कि बिजली काटने से ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो गया। ऐसे में राजकुमार प्रजापति नाम के मरीज की मौत हो गयी। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जैसे ही अस्पताल की बिजली काटी गई, ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो गई, जिसके चलते उनके परिजन की जान चली गई।
सींट बंटवारे को लेकर राजद कांग्रेस की दिल्ली में मीटिंग
वरिष्ठ नेताओं के बीच होगी बातचीत, खरगे तेजस्वी होंगे शामिल
एनडीए घटक दलों के बीच खिच चुका है सीटों का ताना-बाना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर बैठकों का दौर जारी है। तीन दिन पहले पटना में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक हुई थी। सोमवार को दरभंगा में एनडीए के सभी प्रमुख नेता एकजुट हुए थे। आज दिल्ली में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के बीच बैठक होगी। इसमें सीट शेयरिंग समेत कई मुद्दों पर बातचीत होगी। नेता प्रतिपक्ष और लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव दिल्ली में कांग्रेस के राष्टीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से बातचीत करेंगे। तेजस्वी यादव के साथ राजद के वरीय नेता भी मौजूद रहेंगे।
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन पूरी तरह तैयार है। आगामी चुनाव में सीट शेयरिंग समेत कई मुद्दों पर आज की बैठक में चर्चा होगी। यह महज एक औपचारिक बैठक है। राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के बीच संबंध काफी लंबे समय से हैं। अब चुनाव में करीब छह-सात महीने का समय रह गया है। सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस इस बार भी 70 सीटों पर चुनाव लडऩे की मांग कर रही है। हालांकि 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महज 19 सीटों पर ही जीत मिली थी। वामदल भी अपने स्ट्राइक रेट को देखते हुए अधिक सीटों की मांग कर रहा है। और, राजद किसी भी हाल में 150 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लडऩा चाहता है। इसका कारण यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में बिहार में राजद के टिकट पर सबसे ज्यादा विधायक जीते थे।
कांग्रेस बना चुकी है माहौल
कांग्रेस का अंदाज इस बार काफी बदला सा लग रहा है। हाल में ही कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया। सवर्ण समाज से आने से वाले अखिलेश सिंह की जगह बिहार की कमान दलित समाज के राजेश कुमार को सौंप दी। कई जिलाध्यक्ष बदल दिए। इसके बाद कन्हैया कुमार ने नेतृत्व में पदयात्रा निकाली। राहुल गांधी भी इसमें शामिल हुए। उन्होंने कांग्रेस का रोल भी बता दिया। इतना ही नहीं अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में जाकर मेहनत करने का निर्देश भी दिया। इन सब बातों से स्पष्ट है कि कांग्रेस बिहार में फिर से बेहतर पोजीशन चाहती है।
बस ने ऑटो में मारी टक्कर, एक ही परिवार के छह लोगों की मौत
आठ की हालत नाजुक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बहराइच। यूपी के बहराइच में मंगलवार को भीषण हादसा हो गया। यहां तेज रफ्तार बस ने ऑटो में टक्कर मार दी। हादसे में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत की सूचना है। जबकि आठ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घटना से मौके पर अफरातफरी मच गई। सूचना पुलिस को दी गई है।
हादसा गोंडा-बहराइच मार्ग पर खूंटेहना चौकी के काटिलिया के पास हुआ। बताया गया कि मृतक और घायल हुजूरपुर थाना क्षेत्र के हीरापुर गांव के रहने वाले हैं। वह ऑटो बुक करके पयागपुर थाना क्षेत्र के कोलुहवा गांव में एक रिश्तेदार के घर वलीमा में शामिल होने जा रहे थे।
हादसा देख मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। देखते ही देखते गोंडा-बहराइच मार्ग पर लंबा जाम लग गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने एंबुलेंस के माध्यम से सभी को मेडिकल कॉलेज के लिए भेजा। शवों को मोर्चरी में रखवाया है। पुलिस गाडिय़ों को हटवाकर यातायात बहाल कराने का प्रयास कर रही है।
कर्नाटक में ट्रक हड़ताल, महंगी होंगी चीजें
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कर्नाटक में ट्रक मालिकों के संगठनों ने राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अनिश्चितकालीन राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा कर दी है। यह हड़ताल डीज़ल पर बिक्री कर (वैट) में वृद्धि, टोल शुल्क में इजाफा और आरटीओ अधिकारियों द्वारा कथित उत्पीडऩ के खिलाफ की जा रही है। इस आंदोलन का नेतृत्व फेडरेशन ऑफ कर्नाटक स्टेट लॉरी ओनर्स एंड एजेंट्स एसोसिएशन और कर्नाटक गुड्स ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन संयुक्त रूप से कर रहे हैं।
संघ के अनुसार, राज्यभर में लगभग 6 लाख ट्रक और लॉरी हड़ताल के चलते सडक़ों से नदारद रहेंगे। इससे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर व्यापक असर पडऩे की आशंका है। हड़ताल के दौरान बजरी, रेत, निर्माण सामग्री, पेट्रोल-डीज़ल, यहां तक कि एलपीजी टैंकरों की आवाजाही भी बंद रहेगी।
्रक मालिकों ने सरकार को अपनी मांगों पर विचार करने के लिए 14 अप्रैल तक का समय दिया था। चूंकि सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, इसलिए अब उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया है।
पांच प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल का ऐलान
संघ अध्यक्ष जी.आर. शन्मुगप्पा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हड़ताल पांच प्रमुख मांगों को लेकर की जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीनों में डीज़ल की कीमतों में 5 रुपए प्रति लीटर तक की वृद्धि हुई है, जिससे ट्रांसपोर्टरों की लागत काफी बढ़ गई है। राज्य भर में टोल प्लाज़ा पर जबरन पैसे वसूले जा रहे हैं, जिससे वाहन मालिकों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है। जीएसटी लागू होने के बावजूद राज्य की सीमाओं पर चेकपोस्ट अभी भी चालू हैं, जो अब बेमतलब हैं। यह छोटे और मध्यम ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों के लिए बहुत बड़ा आर्थिक झटका होगा।
सपा विधायक इंद्रजीत सरोज ने दिया भडक़ाऊ बयान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और मंझनपुर से विधायक इंद्रजीत सरोज ने मंदिरों की भूमिका और प्राचीन ग्रंथों में कथित जाति-आधारित भेदभाव के बारे में टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया है।
आंबेडकर जयंती पर समाजवादी पार्टी की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए सरोज ने मंदिरों की आध्यात्मिक शक्ति पर सवाल उठाया और आक्रमणकारियों के खिलाफ उनकी कथित कमजोर ताकत को इससे जोड़ा।
उन्होंने कौशांबी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर भारत के मंदिरों में शक्ति होती, तो मुहम्मद-बिन-कासिम नहीं आता, महमूद गजनवी नहीं आता, मुहम्मद गौरी आकर इस देश को नहीं लूटता। इसका मतलब है कि मंदिरों में कोई शक्ति नहीं थी।
नेतन्याहू के खिलाफ लामबंद हुए मोसाद अधिकारी
जंग में शामिल सैनिक परिवारों और रिजर्व सैनिकों ने भी शुरू किया हस्ताक्षर अभियान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इजरायल की मोसाद खुफिया एजेंसी के 250 से अधिक पूर्व अधिकारियों ने सरकार से गाजा पट्टी में युद्ध को तुरंत समाप्त करने की अपील की है। इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले कान टीवी न्यूज के मुताबिक पूर्व अधिकारियों ने सरकार को पत्र लिखकर यह मांग की। रिपोर्ट के अनुसार, हस्ताक्षरकर्ताओं में मोसाद के तीन पूर्व प्रमुख डैनी याटोम, एफ्रेम हेलेवी और तामीर पार्डो के साथ-साथ दर्जनों अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।
मोसाद के पूर्व सदस्यों ने कहा, लगातार लड़ाई बंधकों और हमारे सैनिकों के जीवन को खतरे में डाल रही है। इस पीड़ा को समाप्त करने वाले समझौते तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। हम सरकार से साहसी फैसला लेने और देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी से काम करने की अपील करते हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने उन सैकड़ों सैन्य कर्मियों चाहे वे रिजर्व में हों या रिटायरमेंट के प्रति समर्थन व्यक्त किया जिन्होंने इसी तरह के पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। पत्र में युद्ध समाप्त करने और बंधकों की वापसी की अपील की गई थी।
250से ज्यादा पूर्व अधिकारियों ने खोला मोर्चा, तुंरत जंग बंद करने की अपील
शुरू किया सिग्नेचर कैंपेन
एयरक्रू सदस्यों के पत्र के प्रकाशन के बाद, इजरायली वायु सेना कमांडर टोमर बार ने हस्ताक्षरकर्ताओं में शामिल सक्रिय रिजर्विस्टों की सेवा समाप्त करने का फैसला लिया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बर्खास्तगी के फैसले का समर्थन किया और ऐसे पत्रों की निंदा की। उन्होंने हस्ताक्षरकर्ताओं को एक चरमपंथी हाशिए का समूह कहा, जो इजरायली समाज को अंदर से तोडऩे की कोशिश कर रहा है। पत्र की प्रति प्रकाशित करने वाले कई मीडिया आउटलेट्स के अनुसार, रविवार को लगभग 200 इजरायली सैन्य डॉक्टरों ने लड़ाई रोकने और बंधकों को घर वापस लाने की मांग के साथ एक याचिका पर हस्ताक्षर किए।
गाजा की लड़ाई व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए
इसमें कहा गया, गाजा में जारी लड़ाई का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक और व्यक्तिगत हितों की पूर्ति करना है, इसका कोई सुरक्षा उद्देश्य नहीं है, इससे सैनिकों और बंधकों का जीवन खतरे में पड़ रहा है। हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजरायल पर हमला करके 251 लोगों को बंधक बना लिया। वर्तमान में, 59 इजरायली बंधक गाजा में हैं, जिनमें से 24 के अभी भी जीवित होने का अनुमान है। जनवरी में इजरायल और हमास ने बंधकों के लिए तीन चरणों में संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी। हालांकि, छह सप्ताह का पहला चरण 1 मार्च को समाप्त होने के बाद दूसरे दौर की बातचीत में गतिरोध पैदा हो गया। इसके बाद इजरायल ने युद्धविराम गतिरोध के बीच 18 मार्च को गाजा में सैन्य अभियान फिर से शुरू कर दिया।