पश्चिम बंगाल पंंचायत चुनाव: टीएमसी नेता की गोली मारकर हत्या
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में टीएमसी नेता की हत्या के बाद इलाके में हडक़ंप मच गया है। टीएमसी समर्थक शुक्रवार सुबह से ही आद्रा शहर की सडक़ों पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका दावा है कि जब तक हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक सडक़ जाम जारी रहेगा। उधर, पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच काफी आगे बढ़ चुकी है। कई संदिग्धों की सूची तैयार कर उनसे पूछताछ की जा रही है। इलाके से एकत्र किए गए सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है।
आद्रा सिटी के तृणमूल अध्यक्ष धनंजय चौबे की गुरुवार शाम पार्टी कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावरों की गोलीबारी में धनंजय के अंगरक्षक, राज्य पुलिस कांस्टेबल शेखर दास भी घायल हो गए।
हमलावरों द्वारा तृणमूल नेता और उनके अंगरक्षक को गोली मारने और भागने के बाद, स्थानीय लोगों ने दोनों को रघुनाथपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया। पंचायत चुनाव के माहौल में जब इस घटना की खबर इलाके में फैली तो तृणमूल के नेताओं और कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा।
उन्होंने शुक्रवार को आद्रा रोड जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। शहर में सुबह से दुकानें भी बंद हैं। स्थानीय तृणमूल नेता बाबू चट्टोपाध्याय ने कहा, हमें पुलिस पर भरोसा है कि वे हमलावरों को ढूंढ लेंगे। लेकिन जब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो जाती, घेराबंदी जारी रहेगी।
गोलीबारी के बाद स्थिति धीरे-धीरे शांत हो गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जिस पार्टी कार्यालय में धनंजय की हत्या हुई, उसके आसपास के इलाके के सीसीटीवी कैमरों से कई फुटेज एकत्र किए गए हैं। उनकी जांच की जा रही है।
पार्टी कार्यालय के अंदर सीसीटीवी कैमरा भी है। हालांकि यह टूटा हुआ है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, हत्या की घटना के बाद जिला पुलिस अधिकारी खोजी कुत्ते लेकर आये और घटनास्थल का दौरा किया।
शुक्रवार सुबह भी पार्टी कार्यालय के सामने सडक़ पर खून के धब्बे दिखे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शाम को धनंजय पार्टी कार्यालय के छज्जे पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठे थे। शेखर भी वहां थे। तभी पार्टी कार्यालय में दो लोग बाइक से आये। इसके बाद हमलावर मोटरसाइकिल छोडक़र मौके से भाग गए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक संभावित हमलावरों की सूची पहले ही तैयार कर ली गई है। हमलावर जो बाइक छोड़ गए, उसके नंबर की जांच की जा रही है।
शुरुआत में यह माना गया कि नंबर प्लेट बदलकर हत्या की योजना बनाई गई थी। कुछ जांचकर्ताओं का यह भी मानना है कि यह चोरी की बाइक हो सकती है। पुलिस के एक वर्ग का मानना है कि जिस तरह से धनंजय की हत्या की गयी, वह किसी पेशेवर शूटर का काम है।