कर्नाटक का एंटी हलाल बिल क्या है, क्या देश में कहीं और भी लागू है?

नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार राज्य में हलाल मांस पर बैन लगाने के लिए एंटी-हलाल बिल को लाने की तैयारी में है. सोमवार को कर्नाटक विधानसभा में शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में इस बिल को पेश किया जा सकता है. बसवराज बोम्मई सरकार ने इसका प्रस्ताव तैयार कर कर लिया है. हालांकि इस हलाल मांस विरोधी बिल को पेश करते समय भाजपा और कांग्रेस के बीच टकराव होने की भी आशंका है.
इस बिल को लाने की पहल भाजपा विधायक रविकुमार ने की है. जानिए क्या है एंटी-हलाल बिल, इसे लाने की नौबत क्यों आई और यह दुनिया में कहां-कहां लागू है।
बिल को समझने से पहले हलाल मांस को समझ लीजिए. हलाल अरबी भाषा का शब्द है. हलाल मीट का मतलब है जिस जानवर का मांस आप खा रहे हैं उसे मारते वक्त धीरे-धीरे हलाल किया गया है न कि झटके से काटा गया है. इस्लाम के मुताबिक, जानवरों को हलाल करके ही मुस्लिम मीट खा सकते हैं.
इसी साल अप्रैल में हलाल मीट पर कर्नाटक में बवाल हुआ था. हिन्दू संगठनों ने उगादी उत्सव के दौरान हलाल मीट का बहिष्कार करने की अपील की थी. हालांकि, यह पहला मौका नहीं जब राज्य में हलाल मीट पर बवाल हुआ. इससे पहले भी कई बार हलाल बनाम झटका मीट पर बहस छिड़ चुकी है. अब कर्नाटक की भाजपा सरकार नया विधेयक पारित करके हलाल मीट को कानूनी मान्यता देना चाहती है.
नए बिल की मदद से राज्य में हलाल मांस पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है. इतना ही नहीं, इस बिल की मदद से फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 में बदलाव किया जाएगा और किसी प्राइवेट संस्थान को फूड सर्टिफिकेट देने पर बैन लगाया जाएगा. बिल के जरिए हलाल सर्टिफिकेशन पर भी बैन लगाया जाएगा.
अगर यह कानून बन जाता है तो कर्नाटक देश का पहला ऐसा राज्य होगा. हालांकि देश के कई राज्यों में हलाल मीट को बैन करने के लिए बवाल तो हुआ लेकिन कानून बनाने की नौबत नहीं आई.
कर्नाटक में भले ही हलाल मीट पर बैन लगाने की तैयारी चल रही है, लेकिन दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां इस पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है. 2021 में हलाल मीट पर बैन लगाने के लिए बेल्जियम में नया नियम लागू किया गया. नियम में कहा गया कि जानवरों को मारने से पहले अनिवार्यतौर पर पहले बेहोश किया जाए ताकि हलाल मीट पर अपने आप रोक लग जाए. बेल्जियम के अलावा नीदरलैंड, जर्मनी, स्पेन, साइप्रस, ऑस्ट्रिया और ग्रीस में भी ऐसे कानून बन चुके हैं.
दुनियाभर में हलाल मीट एक बड़ा कारोबार बन गया है. बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के कई गैर-मुस्लिम देश हलाल मीट के सबसे बड़े एक्सपोर्टर हैं. इनमें ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, भारत, फ्रांस और चीन है. इनमें से सबसे आगे है ब्राजील है. यह मुस्लिम देशों को 5.19 बिलियन डॉलर की कीमत का हलाल मीट सप्लाई करता है.

 

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