पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला, 26 मौतों का जिम्मेदार कौन!

- विपक्ष ने मोदी सरकार पर उठाये सवाल
- सीमा पार से जारी है आतंकवाद, भारत देगा माकूल जवाब
- सर्च एंड डिस्ट्राय ऑपरेशन में दो आतंकी ढेर, गोला बारूद बरामद
- 26 भारतीय शहीद, दो विदेशी, दो लोकल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। हमास स्टाइल में किये गये पहलगाम हमले पर पूरा देश स्तब्ध है। 26 लोगों की जान इस हमले में गयी है, जिनमें दो विदेश सैलानी शामिल है। हमला कश्मीर के स्वीटजरलैंड कही जाने वाली घाटी पर हुआ जहां सिर्फ घोड़े पे सवार होकर पहुंचा जा सकता था। सेना के जवानो की वर्दी में आतंकी आये और नाम पूछ कर गोली मारने लगे। जो बच सकता था वह बचा और जो गोलीबारी की जद में आया उसे जान गवानी पड़ी। घटना के विरोध में पूरा कश्मीर बंद है। उत्तर प्रदेश हाई एलर्ट मोड पर है और नेपाल के रास्तों पर विशेष चौकसी बरती जा रही है। हमला भारत की सुरक्षा व्यवस्था, खुफिया एजेंसियों और कूटनीतिक चालों के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। यह हमला तब हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की राजकीय यात्रा पर थे और मुस्लिम देशों के साथ भारत के रिश्तों को नए आयाम देने की कोशिश कर रहे थे। सवाल यह उठता है कि क्या यह हमला महज एक आतंकी वारदात थी? या इसके पीछे कोई गहरी साजिश, कोई राजनीतिक संदेश छिपा है? इस हमले के बाद खूफिया एजेंसियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष ने भी सरकार को घेरते हुए कहा है सरकार जब दावे कर रही थी कि सबकुछ ठीक है तो इतनी बड़ी घटना कैसे घटी और सरकार की रणनीति क्यों फेल हो गई।
अब तक का सबसे घातक हमला
यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकी हमला है। गृहमंत्री अमित शाह कश्मीर पहुंच चुके हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सेना के तीनों अंगों के प्रमुख आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दे रहे हैं। शीर्ष अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है और स्थानीय टुकडिय़ों को सतर्क रहने और आतंकवाद विरोधी अभियानों को और तेज करने के लिए कहा गया है। सर्च एंड डिस्ट्रॉय ऑपरेशन्स शुरू किया जा चुका है और इसके लिए हमले वाली जगह के पास के इलाकों में और सैनिकों को भेजा गया है। सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भारी मुठभेड़ जारी है। इस ऑपरेशन में अब तक 2 आतंकवादी मारे जा चुके हैं और घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया गया है। आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य युद्ध जैसी सामग्री बरामद हुई है। स्थानीय प्रशासन ने श्रीनगर में इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाया है और ये फोन नंबर ं 0194-2457543, 0194-2483651 भी जारी किए हैं और मोबाइल नंबर 7006058623 भी दिया गया है।
पहलगाम घटना पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर बुधवार (23 अप्रैल, 2025) को सुप्रीम कोर्ट में याचिका पीआईएल दाखिल हुई है। याचिका में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाने और अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा की भी मांग की गई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने किया आतंकी हमले की जगह का दौरा
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी सऊदी दौरे को बीच में छोड़कर देश वापस लौट आए. पीएम मोदी जैसे ही एयरपोर्ट पर उतरे, उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर तुरंत एयरपोर्ट पर बड़ी बैठक की। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ अजित डोभाल और एस जयशंकर भी मौजूद रहे। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और हालात की जानकारी ली। पीएम के निर्देश पर गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर में हैं।
कश्मीर शर्मिंदा है : महबूबा
हमले पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, जो कल पहलगाम में हमला हुआ वह केवल मासूम पर्यटकों पर हमला भर नहीं था बल्कि जम्मू कश्मीर के लोगों पर हमला था। हम इसकी निंदा करते हैं यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री यहां आए हुए हैं, मेरी उनसे अपील है कि वे पता लगाएं कि इसमें कौन लोग शामिल थे ताकि उन्हें जल्द से जल्द सजा दी जाए। मैं आपसे शर्मिंदा हूं, कश्मीरी आपसे शर्मिंदा हैं कि आप यहां आए और आपके साथ इतना बड़ा हादसा हुआ।
भाजपा का पोस्ट शर्मनाक : अखिलेश
जम्मू और कश्मीर स्थित पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने कहा कि बीजेपी के इस विज्ञापन से उनके कट्टर समर्थक भी उन्हें माफ नहीं करेंगे। भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के बेहद दर्दनाक हादसे पर बचकाना विज्ञापन छापकर साबित कर दिया है कि भाजपाइयों की संवेदना उनके प्रति शून्य है, जिन्होंने अपना जीवन खोया है और जिनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, भाजपा अब ये विज्ञापन हटवा भी देगी तो भी उसका ये पाप उसके कट्टर समर्थक तक माफ़ नहीं करेंगे।
हमला नहीं नरसंहार है: ओवैसी
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की कि सरकार पहलगाम आतंकवादी हमले में निर्दोष पर्यटकों की हत्या में शामिल आतंकवादियों को दंडित करे और कहा कि यह घटना एक खुफिया विफलता थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह जांच करनी चाहिए कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर उसकी निवारक नीति काम कर रही है या नहीं। ओवैसी ने मांग की कि सरकार इस मामले में जवाबदेही तय करे और कहा कि पर्यटकों की हत्या उरी और पुलवामा हमलों से भी ज्यादा निंदनीय है।
सज्जाद गुल है मास्टरमाइंड
इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है जो लश्कर-ए-तैयबा का ही अपडेटेड वर्जन है। इस आतंकी समूह को शेख सज्जाद गुल सीमा पर से आपरेट कर रहा है वह आईएसआई के सम्पर्क में है और उसे जो निर्देश मिलते हैं वह उसपर अमल करता है। गुल ने इस हमले की योजना करीब एक महीने पहले बनाई थी। विशेष बात यह है कि इस बार पर्यटकों को निशाना बनाया गया जो यह बताने के लिए काफी है कि कि आतंकियों का मकसद सिर्फ घाटी में सिर्फ खून बहाना नहीं बल्कि घाटी की अर्थव्यवस्था और छवि को भी नुकसान पहुंचाना है।




