CM योगी के करीबी, ‘गुजरात योगी’ कच्छ में अनशन पर क्यों?
गुजरात के कच्छ में सीएम आदित्यनाथ के करीबी ‘गुजरात योगी’ अनशन पर बैठे हैं.... कहा जा रहा है कि यह अनशन बीजेपी के अंदरूनी मतभेद...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात में इन दिनों एक बड़ा आंदोलन चल रहा है…… उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाने वाले…….. योगी देवनाथ ने गौमाता को संवैधानिक रूप से राज्यमाता का सम्मान देने की मांग को लेकर अनशन शुरू कर दिया है…… यह अनशन कच्छ जिले के मुख्यालय भुज में कलेक्टर ऑफिस के बाहर चल रहा है…… योगी देवनाथ की यह मांग न केवल धार्मिक है, बल्कि सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व की भी है…… वे कहते हैं कि गौमाता भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की आत्मा हैं…… इसलिए उन्हें राष्ट्र की माता जैसा दर्जा मिलना चाहिए…… इस आंदोलन को गुजरात की कांग्रेस सांसद गेनीबेन ठाकोर का भी समर्थन मिला है…… जिन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मांग को दोहराया है…… शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जैसे प्रमुख धार्मिक नेता पहले से ही इस मुद्दे पर सक्रिय हैं…… जिससे भाजपा सरकार पर दबाव बढ़ गया है……
आपको बता दें कि योगी देवनाथ एक प्रमुख धार्मिक नेता हैं…… जो गुजरात के कच्छ क्षेत्र में रहते हैं…… वे राष्ट्रीय हिंदू संघ के संयोजक हैं और कच्छ के एकल धाम मंदिर के महंत भी हैं…… उनकी छवि फायरब्रांड नेता की है….. ठीक वैसे ही जैसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की…… योगी देवनाथ को योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है……. वे अक्सर सनातन धर्म के संरक्षण के लिए आवाज उठाते हैं….. और भाजपा के लिए चुनाव प्रचार भी कर चुके हैं…… इसके अलावा वे सनातन धर्म संरक्षण समिति गुजरात के प्रवक्ता हैं…… सोशल मीडिया पर उनका बड़ा प्रभाव है…… जहां वे धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर पोस्ट करते रहते हैं…..
योगी देवनाथ का जन्म और शुरुआती जीवन ज्यादा सार्वजनिक नहीं है…… लेकिन वे कच्छ क्षेत्र के स्थानीय नेता के रूप में उभरे हैं…… उन्होंने कई धार्मिक आयोजनों का आयोजन किया है….. और गौ रक्षा को अपना मुख्य एजेंडा बनाया है…… वे मानते हैं कि गौमाता का सम्मान सनातन धर्म का मूल है…… उनकी यह छवि उन्हें युवाओं और धार्मिक समुदाय में लोकप्रिय बनाती है…… हाल के वर्षों में उन्होंने कई प्रदर्शन किए हैं…… लेकिन यह अनशन उनका सबसे बड़ा कदम है…..
योगी देवनाथ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच गहरा संबंध है……. दोनों ही सनातन धर्म के प्रचारक हैं….. और गौ रक्षा के मुद्दे पर एकमत हैं….. योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में गौ रक्षा के लिए सख्त कानून बनाए हैं…… जैसे गौ हत्या पर प्रतिबंध और गौशालाओं का निर्माण…… योगी देवनाथ को उनके करीबी के रूप में देखा जाता है…… क्योंकि वे अक्सर योगी आदित्यनाथ के साथ मंच साझा करते हैं…… गुजरात में यह अनशन उत्तर प्रदेश की तरह अंतर्कलह का संकेत दे रहा है…… जहां भाजपा के भीतर धार्मिक मुद्दों पर बहस होती रहती है…… हालांकि, योगी देवनाथ का कहना है कि उनका आंदोलन राजनीतिक नहीं, बल्कि धार्मिक है…..
योगी देवनाथ ने अपना अनशन भुज के कलेक्टर ऑफिस के बाहर शुरू किया है…… यह अनशन पिछले हफ्ते से चल रहा है…… उनकी मांग साफ है कि गौमाता को संवैधानिक रूप से राज्यमाता का दर्जा दिया जाए…… वे कहते हैं कि जब तक यह मांग पूरी नहीं होती…… उनका सत्याग्रह जारी रहेगा…… शनिवार को कई अन्य संतों ने भुज पहुंचकर उनका समर्थन किया…… इन संतों की संख्या काफी थी, और उन्होंने योगी देवनाथ के साथ प्रार्थना की……
वहीं अनशन का स्थान महत्वपूर्ण है……. भुज कच्छ जिले का मुख्यालय है…… जो गुजरात का सीमावर्ती क्षेत्र है…… यहां धार्मिक समुदाय मजबूत है, और गौ रक्षा का मुद्दा स्थानीय लोगों के लिए भावनात्मक है….. योगी देवनाथ ने अनशन के दौरान पानी और नींबू पानी लिया है…… उनके समर्थक उनका हौसला बढ़ा रहे हैं, और प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है……. स्थानीय भाजपा नेता अभी दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन दबाव बढ़ रहा है…..
आपको बता दें कि योगी देवनाथ की मांग है कि गौमाता को राज्यमाता का सम्मान दिया जाए….. वे कहते हैं कि गौमाता भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की आत्मा हैं…… उन्हें राष्ट्र की माता के समान दर्जा मिलना चाहिए….. यह मांग धार्मिक ग्रंथों पर आधारित है….. सनातन धर्म में गौ को माता माना जाता है….. क्योंकि उसका दूध, गोबर और अन्य उत्पाद जीवन के लिए आवश्यक हैं…… वहीं सनातन धर्म में गौ का महत्व बहुत पुराना है….. ऋग्वेद में गौ को धन, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक बताया गया है….. अथर्ववेद में भी गौ की गुणगान है….. हिंदू मान्यता के अनुसार गौ के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवता निवास करते हैं…… इसलिए, गौ की रक्षा को धर्म का हिस्सा माना जाता है…… प्राचीन भारत में गौ को संपत्ति का प्रतीक माना जाता था…… और उसकी पूजा की जाती थी….. वैदिक काल से ही गौ की पवित्रता की मान्यता है……
बता दें कि योगी देवनाथ की मांग महाराष्ट्र के फैसले से प्रेरित है….. महाराष्ट्र सरकार ने सितंबर 2024 में अपनी देसी गौ नस्लों को ‘राज्यमाता गोमाता’ घोषित किया था……. यह फैसला गौ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए था….. गुजरात में भी इसी तरह का दर्जा मांगा जा रहा है….. गुजरात में गौ हत्या पर पहले से सख्त कानून हैं…… 1954 के गुजरात पशु संरक्षण अधिनियम के तहत गौ हत्या पर प्रतिबंध है….. और 2017 में इसे और सख्त बनाया गया……. जिसमें उम्रकैद की सजा शामिल है…… लेकिन योगी देवनाथ संवैधानिक दर्जा चाहते हैं……. जो प्रतीकात्मक और कानूनी दोनों रूप से मजबूत हो……
गुजरात में कांग्रेस की इकलौती लोकसभा सांसद गेनीबेन नागाजी ठाकोर इस मुद्दे पर सक्रिय हैं…… वे बनासकांठा से सांसद हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पत्र लिखकर गाय को राज्यमाता घोषित करने की मांग की है…… ठाकोर ने योगी देवनाथ के अनशन का समर्थन किया है….. वे कहती हैं कि यह मांग धार्मिक भावना से है……. इसमें कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है…… गौमाता हमारी संस्कृति की विरासत है….. आपको बता दें कि गेनीबेन ठाकोर गुजरात की एकमात्र महिला कांग्रेस सांसद हैं……. वे स्थानीय मुद्दों पर मुखर हैं और ठाकोर समुदाय से आती हैं, जो गुजरात में प्रभावशाली है…… उनका पत्र गुजरात विधानसभा की चुप्पी के बीच आया है…… और उन्होंने महाराष्ट्र की तर्ज पर यह मांग की है…… ठाकोर का समर्थन इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रहा है, हालांकि वे इसे धार्मिक बताती हैं…… कांग्रेस की ओर से यह ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ नहीं, बल्कि सांस्कृतिक सम्मान है…..
वहीं इस मुद्दे पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पहले से आक्रामक हैं……. वे गौ को ‘राष्ट्र माता’ घोषित करने की मांग कर रहे हैं…… फरवरी 2025 में उन्होंने केंद्र सरकार को 33 दिनों का अल्टीमेटम दिया था कि गौ हत्या पर प्रतिबंध लगे….. और गौ को राष्ट्र माता का दर्जा मिले…… उनका तर्क है कि गौ के शरीर में 33 करोड़ देवता रहते हैं…… इसलिए 33 दिनों का समय दिया गया….. बता दें कि शंकराचार्य ने पूरे देश में यात्रा की है….. 9 फरवरी 2025 से शुरू हुई 33 दिनों की यात्रा दिल्ली में समाप्त हुई…… जहां उन्होंने कड़े फैसले की चेतावनी दी…… वे गौ संरक्षण के लिए महायज्ञ और प्रदर्शन आयोजित कर चुके हैं……. उनका अभियान राष्ट्रीय स्तर पर है…… जो योगी देवनाथ के आंदोलन को मजबूती देता है…….
भारत में गौ संरक्षण का इतिहास पुराना है…… संविधान के अनुच्छेद 48 में राज्य को गौ संरक्षण का निर्देश है……. अधिकांश राज्यों में गौ हत्या पर प्रतिबंध है….. गुजरात में 1954 का अधिनियम है…… जो 2011 और 2017 में संशोधित हुआ….. महाराष्ट्र में 1976 का अधिनियम है, जो गौ हत्या और मांस के कब्जे पर प्रतिबंध लगाता है…… 99.38 फीसदी भारतीय अब ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां गौ संरक्षण कानून हैं…… लेकिन कानूनों में एकरूपता नहीं है…… कुछ राज्य गौ हत्या पर उम्रकैद देते हैं, जबकि अन्य में छूट है…… सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में गुजरात के कुल प्रतिबंध को उचित ठहराया…… गौ संरक्षण आंदोलन राजनीतिक भी है, जो हिंदुत्व से जुड़ा है…..
सनातन धर्म में गौ पूजा का महत्व बड़ा है……. गौ को माता माना जाता है क्योंकि वह दूध देती है, जो जीवन देता है……. गोबर से खाद बनती है, जो कृषि के लिए जरूरी है…… गौ मूत्र को औषधीय माना जाता है……. हिंदू त्योहारों में गौ पूजा होती है….. प्राचीन ग्रंथों में गौ को देवी का रूप कहा गया है…… वहीं यह अनशन गुजरात में भाजपा पर दबाव बढ़ा रहा है……. योगी देवनाथ भाजपा से जुड़े हैं…… लेकिन सरकार चुप है…… कांग्रेस का समर्थन इसे राजनीतिक बना रहा है……. गुजरात विधानसभा में इस पर चर्चा नहीं हुई…… जबकि धार्मिक संगठन जैसे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समर्थन कर रहे हैं……. उत्तर प्रदेश के बाद गुजरात में अंतर्कलह की बात हो रही है…… जहां धार्मिक नेता सरकार से असंतुष्ट हैं……



