आखिर क्यों किया गया हिमाचल के विधायकों को राजस्थान तलब

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल का गठन 16 दिसंबर तक टल गया है. मिली जानकारी के मुताबिक 16 दिसंबर को राजस्थान में चल रही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को 100 दिन पूरे हो रहे हैं ऐसे में राहुल गांधी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित सभी 40 विधायकों को राजस्थान के अलवर में यात्रा में शामिल होने के लिए बुलाया है. वहीं इस दिन देशभर से कांग्रेस के सभी विधायकों, सांसदों को यात्रा में शामिल होने के आदेश दिए गए हैं. माना जा रहा है कि राहुल गांधी हिमाचल के सभी कांग्रेस विधायकों के साथ मंत्रिमंडल गठन पर भी चर्चा कर सकते हैं. वहीं हिमाचल में कैबिनेट का गठन पार्टी हाईकमान की अनुमति के बाद ही किया जाएगा.
वहीं इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री मंगलवार को दिल्ली भी जा सकते हैं जहां वह पार्टी आलाकमान के साथ मंत्रिमंडल के गठन को लेकर मंत्रियों के नामों पर चर्चा करेंगे.
बता दें कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को हिमाचल सचिवालय में पदभार ग्रहण किया और इसके बाद उन्होंने कांग्रेस विधायक दल की एक बैठक भी ली. बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल के लिए लगभग 10 नाम तय किए जा चुके हैं जिन पर आलाकमान से चर्चा की जाएगी.
वहीं जानकारी यह भी मिली है कि 15 दिसंबर की रात को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला प्रदेश के सभी विधायकों को डिनर भी दे सकते हैं. फिलहाल दिल्ली में मंत्रियों के नाम तय होने की सूचना मिलने के बाद प्रदेश कांग्रेस के कई विधायकों ने शिमला से दिल्ली का रूख किया.
बताया जा रहा है कि शिमला और कांगड़ा जिले से मंत्रियों को चुनने के लिए पार्टी आलाकमान को काफी खींचतान करनी पड़ रही है. फिलहाल कांग्रेस को 17 सीटें देने वाले इन दो जिलों से कितने विधायकों को मंत्री बनाना है इस पर सहमति बनाई जा रही है.
गौरतलब है कि रविवार को सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीएम पद की शपथ ली थी और वहीं मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम बनाया गया था. वहीं अब सुक्खू की कैबिनेट में लगभग 10 और मंत्रियों को शामिल किया जाना है.
सुक्खू ने शपथ के बाद कहा कि उनकी कैबिनेट में पेशेवरों, युवाओं और समाज के सभी वर्गों के प्रतिनिधियों दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जैसे कौल सिंह ठाकुर, विद्या स्टोक्स और विप्लव ठाकुर जैसे अनुभवी नेताओं की मौजूदगी में कैबिनेट के चेहरों को तय करेंगे.

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