‘ठाकरे ब्रदर्स’ का हुआ मिलन | क्या BMC में बदलेगा खेल? | BJP को मिलेगी बड़ी चुनौती ?
20 साल बाद ठाकरे ब्रदर्स, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे, एक साथ मंच पर नजर आए... इस ऐतिहासिक एकजुटता के साथ दोनों...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आया है.. जहां उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने हाथ मिला लिया है.. जिसकी कवायद लंबे समय से चली आ रही थी.. जिसपर आज विराम लग गया.. और ठाकरे ब्रदर्स एक हो गए.. और 20 साल का लंबा इंतजार खत्म हो गया.. बता दें यह गठबंधन बृहन्मुंबई महानगरपालिका समेत महाराष्ट्र के कुल 29 नगर निगम चुनावों के लिए है.. दोनों ठाकरे चचेरे भाइयों ने मुंबई में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी औपचारिक घोषणा की.. यह 20 साल बाद ठाकरे परिवार का राजनीतिक पुनर्मिलन है.. जो महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ रहा है.. जिसको लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह गठबंधन महाराष्ट्र की रक्षा.. और मराठी लोगों के अधिकारों के लिए है.. वहीं, राज ठाकरे ने जोर देकर कहा कि मुंबई का मेयर मराठी ही होगा.. और वह हमारा ही होगा.. इस घोषणा से विरोधी पार्टियां सतर्क हो गई हैं.. जबकि ठाकरे समर्थकों में उत्साह है..
आपको बता दें कि यह गठबंधन ऐसे समय में हुआ है.. जब हाल ही में महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में विपक्षी महा विकास अघाड़ी को करारी हार मिली थी.. एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) शामिल हैं.. इन चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन, जिसमें भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना.. और अजीत पवार की एनसीपी शामिल हैं.. जिसने भारी जीत हासिल की.. महायुति ने 117 नगराध्यक्ष पदों पर कब्जा किया.. जबकि एमवीए को सिर्फ 44 सीटें मिलीं.. वहीं इस हार के बाद विपक्षी पार्टियां बीएमसी चुनावों की तैयारी में जुट गईं.. बीएमसी चुनाव 15 जनवरी 2026 को होने वाले हैं.. और नतीजे 16 जनवरी को आएंगे.. बीएमसी एशिया की सबसे अमीर नगर निगम है.. जिसका बजट हजारों करोड़ रुपये का है.. यह चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.. क्योंकि मुंबई राज्य की आर्थिक राजधानी है..
वहीं ठाकरे परिवार महाराष्ट्र की राजनीति का एक बड़ा नाम है.. बालासाहेब ठाकरे ने 1966 में शिवसेना की स्थापना की थी.. शिवसेना की शुरुआत मराठी लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए हुई थी.. बालासाहेब ने मुंबई में मराठी मानुष की आवाज बुलंद की.. और दक्षिण भारतीयों के खिलाफ आंदोलन चलाया.. उद्धव ठाकरे बालासाहेब के बेटे हैं.. जबकि राज ठाकरे उनके भतीजे हैं.. 2006 में राज ठाकरे ने शिवसेना से अलग होकर एमएनएस बनाई थी.. जिसकी वजह थी कि उद्धव को पार्टी की कमान सौंपी गई थी… जिससे राज ठाकरे नाराज हो गए थे.. उसके बाद से दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक दुश्मनी चल रही थी.. वे चुनावों में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते थे.. और कटु बयान देते थे.. लेकिन अब 20 साल बाद वे फिर साथ आ गए हैं..
आपको बता दें कि इस गठबंधन की नींव हाल के महीनों में पड़ी.. जुलाई 2025 में महाराष्ट्र सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा बनाने का फैसला किया था.. जिसका दोनों ठाकरे भाइयों ने विरोध किया.. वे एक मंच पर आए और सरकार को फैसला वापस लेने पर मजबूर किया.. उसके बाद वे कई मौकों पर साथ दिखे.. उद्धव के जन्मदिन पर राज उनसे मिलने गए.. स्थानीय निकाय चुनावों की हार ने उन्हें और करीब ला दिया.. संजय राउत, शिवसेना (यूबीटी) के सांसद ने कहा कि यह गठबंधन बालासाहेब ठाकरे के सपनों को पूरा करने के लिए है..
जानकारी के मुताबिक 24 दिसंबर को ठाकरे भाइयों ने मुंबई के शिवाजी पार्क में बालासाहेब ठाकरे की समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि दी.. उद्धव के साथ उनके बेटे आदित्य ठाकरे.. और राज के साथ उनके बेटे अमित ठाकरे भी थे.. पूरा ठाकरे परिवार एक साथ नजर आया.. जो समर्थकों के लिए भावुक पल था.. उसके बाद वे वर्ली में एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए पहुंचे.. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र का नेतृत्व केवल ठाकरे ही कर सकते हैं.. हमें 107 लोगों की शहादत के बाद महाराष्ट्र मिला.. उस आंदोलन की अगुवाई हमारे दादा प्रबोधनकार ठाकरे ने की थी.. मेरे और राज के पिता भी इसमें शामिल थे.. और उन्होंने शिवसेना की स्थापना का जिक्र किया.. और कहा कि यह मराठी लोगों के अधिकारों के लिए हुई थी.. उद्धव ने गठबंधन का ऐलान करते हुए कहा कि जो लोग पहले महाराष्ट्र चाहते थे.. वही अब नए प्रयास कर रहे हैं.. हम दिल्ली में बैठे दो लोगों को रोकने आए हैं.. हमारी सोच एक है.. हमें मराठियों का संघर्ष याद है.. दिल्ली वाले हमें तोड़ रहे हैं.. लेकिन इस बार हम नहीं टूटेंगे..
आपको बता दें कि राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र और मुंबई किसी झगड़े से बड़ा है.. आज हम दोनों भाई साथ हैं.. सीटों का बंटवारा मायने नहीं रखता.. मुंबई का मेयर मराठी होगा.. हमारा होगा.. और उन्होंने मराठी मानुष की रक्षा पर जोर दिया.. और कहा कि यह गठबंधन महाराष्ट्र को बचाने के लिए है.. गठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है.. बीएमसी में कुल 227 सीटें हैं.. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना (यूबीटी) 145 से 150 सीटों पर लड़ेगी.. जबकि एमएनएस 65 से 77 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.. वहीं अन्य नगर निगमों में भी इसी तरह का फॉर्मूला अपनाया जाएगा.. संजय राउत ने कहा कि सीट बंटवारा अंतिम चरण में है.. और जल्दी ही इसका ऐलान होगा.. यह गठबंधन मराठी वोटों को एकजुट करने का प्रयास है.. क्योंकि दोनों पार्टियों का आधार मराठी मतदाता हैं..
शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने गठबंधन पर खुशी जताई.. और उन्होंने कहा कि जनता का कोई काम नहीं हुआ है.. जनता के पैसे की लूट हुई है.. राजनीति हमारे लिए सेवा का माध्यम है.. महायुति झूठी है.. मेयर हमारा ही होगा, मराठी ही होगा.. संजय राउत ने इसे बड़ा दिन बताया.. और उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे का पूरा परिवार एक साथ आ रहा है.. यह राजनीतिक गठबंधन है.. जिसका फायदा बीएमसी और अन्य चुनावों में मिलेगा.. हम जीतने जा रहे हैं..
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने अलग लड़ने का फैसला किया है.. कांग्रेस ने कहा कि उद्धव के एमएनएस से गठबंधन के कारण वे अकेले लड़ेंगे.. लेकिन चुनाव बाद समर्थन का दरवाजा खुला रखा है.. शरद पवार की एनसीपी (एसपी) भी पुणे में अजीत पवार की एनसीपी से गठबंधन पर विचार कर रही है.. जो ठाकरे गठबंधन में बाधा डाल सकती है.. सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन इस गठबंधन से प्रभावित नहीं दिख रहा है.. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बैठक की और फैसला किया कि वे सभी नगर निगम चुनाव साथ लड़ेंगे.. कोई फ्रेंडली फाइट नहीं होगी.. भाजपा ने पोस्टर वॉर शुरू कर दिया है.. जिसमें लिखा है बीएमसी परिवार का कारोबार नहीं है.. इसका जवाब यूबीटी ने बीएमसी अडानी का कारोबार नहीं है से दिया.. एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनका गठबंधन विकास पर केंद्रित रहेगा..



