मदरसों में न मनाया जाए योग दिवस, इसका विरोध जरूरी है: बर्क

लखनऊ। संभल से समाजवादी पार्टी सांसद डॉ. शफीकुर रहमान बर्क ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मदरसों में एवं दरगाह में योग के कार्यक्रम के आयोजन पर नाराजगी जताई। उन्हेंने कहा कि मदरसे योग दिवस का हिस्सा नहीं बनने चाहिए। मदरसों में ‘तालीम दिवस’ मनाना चाहिए। यहां पढऩे वाले छात्रों को एहसास दिलाया जाए कि तुम अच्छा पढ़ रहे हो। तुमको और अधिक पढऩे की जरूरत है। तालीम दिवस मनाने से छात्र-छात्राओं को अच्छा ज्ञान मिलेगा।
इस बीच सासंद डॉ। शफीकुर रहमान बर्क ने मोदी-योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम बच्चे मजहबी तालीम हासिल न कर सके, यह मंशा सरकार की है। मदरसों में योग दिवस मानने का क्या मतलब है? हर आदमी घर पर यह कर सकता है। मैं तो कहता हूं कि सभी को योग दिवस के आयोजन का विरोध करना चाहिए।
सांसद डॉ। शफीकुर रहमान बर्क ने मदरसों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन के आदेश पर नाराजगी जताई। सांसद ने कहा कि मदरसों का संचालन और मुसलमान बच्चों की तालीम रोकने को मदरसों में योग दिवस किया जा रहा है। 2024 का चुनाव सामने है। इसलिए इस तरह का हिंदू-मुस्लिम करके लड़ाना चाहते हैं।
सांसद डॉ। शफीकुर रहमान बर्क ने कहा कि इनकी नफरत की पॉलिसी है। इन लोगों को दिख रहा है कि हिंदुस्तान के हालात उनके फेवर में नहीं हैं। इसलिए इस तरह का लगातार विवादित कार्यक्रम हो रहा है। चुनाव से पहले ही इनको चक्कर आ रहा है। देश के हालात इनके साथ नहीं हैं। इसलिए इस तरह की लगातार वारदातें सामने आ रही हैं।
बता दें कि देश और पूरे विश्व में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। पीएम मोदी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में योग सत्र में भाग लेंगे। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के 75 साल पूरे होने के मौके पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

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