अमरावती में युवा कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, कृषि मंत्री को दिखाए काले झंडे

अमरावती में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र की सत्ता पर NDA के काबिज होने को “वोट चोरी” करार देते हुए कृषि मंत्री...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हंगामा मच गया है.. राज्य की सत्ता पर काबिज एनडीए गठबंधन के कृषि मंत्री दत्तात्रय भारने के काफिले को.. अमरावती शहर में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर जोरदार विरोध किया.. यह विरोध चुनाव में कथित वोट चोरी के आरोपों से जुड़ा है.. जहां विपक्ष का दावा है कि एनडीए ने जनमत को ठग लिया.. वहीं कार्यकर्ताओं ने वोट चोर, गद्दी छोड़ के जमकर नारे लगाए.. वहीं यह घटना न सिर्फ अमरावती तक सीमित रही.. भारतीय युवा कांग्रेस ने वीडियो शेयर कर इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश की…

आपको बता दें कि यह विरोध महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की जीत के एक साल बाद उभरा है.. जब एनडीए ने 230 सीटों पर कब्जा जमाया था.. लेकिन विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने शुरू से ही वोटों में गड़बड़ी के आरोप लगाए.. वहीं ये घटना उन आरोपों को फिर से जिंदा कर रही है.. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नवंबर 2024 में हुए थे.. जिसमें महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों पर वोटिंग हुई.. जिसमें एनडीए गठबंधन (भाजपा, शिवसेना-शिंदे गुट और एनसीपी-अजित पवार गुट) ने 235 सीटें जीतीं.. भाजपा को सबसे ज्यादा 132 सीटें मिलीं.. दूसरी तरफ, एमवीए (कांग्रेस, शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट और एनसीपी-शरद पवार गुट) को सिर्फ 46 सीटें नसीब हुईं.. चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक.. वोटर टर्नआउट 66.05 प्रतिशत रहा..

लेकिन जीत के ठीक बाद ही विवाद शुरू हो गया.. कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने आरोप लगाया कि चुनाव में बड़े पैमाने पर वोट चोरी हुई.. उनके मुताबिक, कई बूथों पर फर्जी वोटिंग हुई.. वोटर लिस्ट में नाम जोड़े-घटाए गए और ईवीएम में छेड़छाड़ की गई.. एक लड़की ने बताया कि वह धुले और अहमदनगर दोनों जगह वोटर लिस्ट में दर्ज थी.. जब पूछताछ की गई, तो वह भाग गई.. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी जून 2025 में एक पोस्ट में कहा कि.. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ही निर्वाचन क्षेत्र में वोटर लिस्ट में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.. और कुछ बूथों पर 20-50 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई.. उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए कि वह चुप क्यों है.. इसी तरह कर्नाटक में वोट डिलीट होने के आरोपों में भी चुनाव आयोग ने सहयोग नहीं किया.. जैसा कि स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने सितंबर 2025 में बताया था..

आपको बता दें कि एनडीए ने इन आरोपों को खारिज किया.. भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने नवंबर 2024 में कहा कि ये बेबुनियाद आरोप हैं.. और एमवीए हार मानने से इनकार कर रही है.. और उन्होंने विनोद तावड़े पर लगे 5 करोड़ के नकदी बांटने के आरोप को भी झूठ बताया.. चुनाव आयोग ने भी कई बार कहा कि चुनाव निष्पक्ष थे.. लेकिन विपक्ष ने अदालतों का दरवाजा खटखटाया.. सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं.. इन आरोपों ने महाराष्ट्र की राजनीति को गरमा दिया.. कांग्रेस ने वोट चोरी को अपना अभियान बना लिया.. युवा कांग्रेस, जो युवाओं को जोड़ने वाली कांग्रेस की युवा इकाई है.. उसने सड़कों पर उतरने का फैसला किया.. बता दें कि अमरावती की यह घटना उसी का हिस्सा है..

दत्तात्रय भारने महाराष्ट्र के वाशिम जिले के रहने वाले हैं.. वे भाजपा के विधायक हैं और 2024 चुनाव में वाशिम सीट से जीते हैं.. भारने को एक किसान परिवार से आने वाला बताया जाता है.. वे खुद को किसान का बेटा कहते हैं.. दिसंबर 2024 में देवेंद्र फडणवीस सरकार में उन्हें कृषि मंत्री बनाया गया.. लेकिन जुलाई 2025 में एक बड़ा विवाद हुआ.. तत्कालीन कृषि मंत्री माणिकराव कोकटे को विधानसभा सत्र के दौरान रम्मी खेलते हुए वीडियो वायरल हो गया.. इसके बाद अजित पवार ने कैबिनेट में फेरबदल किया.. और कोकटे को खेल एवं युवा कल्याण विभाग भेज दिया.. भारने को नया कृषि मंत्री बनाया गया.. भारने ने पद संभालते ही कहा कि मेरी प्राथमिकता टिकाऊ खेती और ग्रामीण समृद्धि है.. वे किसानों के लिए नई योजनाओं पर जोर दे रहे हैं..

फिर भी विपक्ष उन्हें वोट चोर का ठिकाना मानता है.. भारने का नाम चुनाव विवादों में सीधे नहीं आया.. लेकिन एनडीए सरकार का हिस्सा होने के नाते वे निशाने पर हैं.. अमरावती में उनका दौरा किसानों से मिलने के लिए था.. लेकिन वहां विरोध ने सबका ध्यान खींच लिया.. अमरावती, महाराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण शहर है.. जो विदर्भ क्षेत्र में आता है.. यहां कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है.. और किसान मुद्दे हमेशा गर्म रहते हैं.. 22 नवंबर को भारने का दौरा निर्धारित था.. वे स्थानीय किसानों से मिलने और योजनाओं की समीक्षा करने आए थे.. लेकिन जैसे ही उनका काफिला शहर में दाखिल हुआ.. युवा कांग्रेस के 50-60 कार्यकर्ता सड़क पर उतर पड़े..

कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लहराए.. और वोट चोर, गद्दी छोड़.. और एनडीए मुर्दाबाद के नारे लगाए.. वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि वे सड़क किनारे खड़े होकर मंत्री के वाहनों की ओर इशारा कर रहे थे.. पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाई और कार्यकर्ताओं को हटाने की कोशिश की.. लेकिन विरोध शांतिपूर्ण रहा.. भारतीय युवा कांग्रेस ने एक वीडियो पोस्ट किया.. जिसमें घटना का लाइव फुटेज था.. और पोस्ट में लिखा कि वोट चोरी करके महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज हुई.. एनडीए के कृषि मंत्री को अमरावती में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए.. वहीं अब जहां-जहां जनमत को लूटने वाले ये नेता जाएंगे.. इनका विरोध भी उतना जोरदार होगा.. मांग साफ है… वोट चोर-गद्दी छोड़..

तेलंगाना युवा कांग्रेस ने भी वही वीडियो शेयर किया… लिखा कि यह चेतावनी है.. इन जनादेश चोरों को कहीं शांति नहीं मिलेगी.. मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड और केरल की युवा कांग्रेस इकाइयों ने भी समर्थन में पोस्ट्स किए.. आपको बता दें कि यह विरोध अचानक नहीं था.. युवा कांग्रेस ने पिछले महीनों में कई रैलियां की.. अमरावती में स्थानीय नेता ने कहा कि  किसान परेशान हैं, और मंत्री सत्ता की कुर्सी पर बैठे हैं.. वोट चोरी का बदला लेंगे.. वहीं यह घटना कांग्रेस के वोट चोरी अभियान का हिस्सा है.. पार्टी का दावा है कि 2024 चुनावों में पूरे देश में 10 करोड़ वोट प्रभावित हुए.. महाराष्ट्र में ही 20 से ज्यादा जिलों में शिकायतें दर्ज हुईं.. नालासोपारा में विनोद तावड़े पर नकदी बांटने का आरोप लगा.. लेकिन एनडीए ने इसे साजिश बताया..

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने जून 2025 में कहा कि यह संगठित वोट चोरी है.. एनएसयूआई ने डिजिटल वोटर रोल और सीसीटीवी फुटेज की मांग की.. कर्नाटक के अलंद में वोट डिलीट होने का मामला भी इसी कड़ी का हिस्सा है.. जहां आईपी एड्रेस ट्रैकिंग की मांग की गई है.. युवा कांग्रेस चीफ ने कहा कि यह विरोध सिर्फ अमरावती तक नहीं रुकेगा.. हर मंत्री के दौरे पर काले झंडे दिखाए जाएंगे.. तेलंगाना और मध्य प्रदेश में भी इसी तरह की प्लानिंग है..

 

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