यूट्यूबर मनीष कश्यप को सुप्रीम कोर्ट से मिला झटका
नई दिल्ली। मनीष कश्यप को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई का झूठा वीडिया सोशल मीडिया पर शेयर करने का आरोपी मनीष कश्यप की याचिका को सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दिया है। मनीष कश्यप ने अपने खिलाफ चल रहे सभी मामलों को क्लब करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मनीष कश्यप की एनएसए रद्द करने वाली याचिका भी खारिज हो गई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने मनीष कश्यप की बेल की याचिका को भी खारिज कर दिया और उनको हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है।
मनीष कश्यप को बिहार के मजदूरों की तमिलनाडु में पिटाई का फेक वीडियो वायरल करने का आरोप है। इस मामले में मनीष कश्यप के खिलाफ बिहार और तमिलनाडु में 15 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। मामलों में जब जांच शुरू हुई तो मनीष कश्यप बिहार से फरार हो गया था। इस दौरान वह जेल जाने और वहां से निकलने के बाद सरकार गिरा देने की धमकी दे रहा था। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी।इसके बाद जब 16 मार्च को बेतिया में पुलिस ने उसके घर पर कुर्की जब्ती शुरू की तो मनीष कश्यप ने सरेंडर किया था।
इसके बाद बिहार पुलिस और जांच टीम ने पूछताछ करने के बाद उसे जेल भेज था। इधर तमिलनाडु पुलिस ने कोर्ट से उसके ट्रांजिट रिमांड की मांग की जिसे कोर्ट ने मान लिया तब तमिलनाडु पुलिस उसे पूछताछ के लिए तमिलनाडु ले गई। तब से वह वहां के जेल में बंद है। मनीष कश्यप ने नियमित बेल के साथ सुप्रीम कोर्ट से सारे केस को क्लब करने और एनएसए हटाने की मांग की थी।
इस मामले में 28 अप्रैल को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। तब कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से मनीष कश्यप पर क्यों लगाया गया यह सवाल किया था। इसके जवाब में सोमवार को काउंटर एफिडेविट फाइल किया गया। इस मामले में मनीष कश्यप की तरफ से एडवोकेट मनिंदर सिंह जबकि तमिलनाडु सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा। बिहार सरकार ने भी मामले में अपना पक्ष रखा। मनीष कश्यप का वकील पहले सीनियर एडवोकेट एपी सिंह थे लेकिन उनके परिवार ने उनकी जगह नए वकील मनिंदर सिंह को हायर किया है।