भारतीय मुसलमानों को जफर सरेशवाला ने दी नसीहत, शिक्षा पर फोकस बहुत जरूरी
नई दिल्ली। भारतीय बिजनेसमैन और पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय मुस्लिमों को पीडि़त मानसिकता से बाहर आना चाहिए और शिक्षा पर फोकस करना चाहिए। खास बात ये है कि जफर सरेशवाला ने सऊदी अरब में ये बातें कही।
मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला ने सऊदी अरब के शहर जेद्दा में एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि भारत में मुस्लिमों के साथ भेदभाव होता है लेकिन यह कुछ तत्वों द्वारा ही किया जाता है। भारतीय मुस्लिमों को भेदभाव को लेकर शिकायतें करने की बजाय शिक्षा पर फोकस करने की जरूरत है। समुदाय हमेशा आंदोलनरत नहीं रह सकता और उसे पीडि़त होने की सोच भी छुटकारा पाने की जरूरत है।
जफर सरेशवाला ने कहा कि मुस्लिमों को ना सिर्फ शिक्षा बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और तकनीकी शिक्षा पर फोकस करना चाहिए। सरेशवाला ने कहा कि वह समय गया, जब ग्रेजुएट की डिग्री लेना ही काफी होता था। अब दुनिया आगे बढ़ चुकी है और आपको अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ होने की जरूरत है। अगर आप किसी क्षेत्र में विशेषज्ञ नहीं हैं तो आप अपनी जगह नहीं बना पाओगे।’
मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, भारतीय बिजनेसमैन ने जेद्दा में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारतीय मुस्लिमों को सिविल सेवा परीक्षाओं में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आप रेस में शामिल ही नहीं होंगे तो आप जीतने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। सरेशवाला ने कहा कि सिविल सेवाओं में मुस्लिमों की भागीदारी का प्रतिशत बहुत कम है।
सरेशवाला ने ये भी कहा कि हमें अपने हिंदू भाई-बहनों से बात करने और उनके सामने अपनी अच्छी इमेज पेश करनी की कोशिश करनी चाहिए, जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे, तब तक संघर्ष होता रहेगा। बता दें कि जफर सरेशवाला अहमदाबाद के उद्योगपति हैं और वह पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं। हालांकि एक समय वह पीएम मोदी के कट्टर आलोचकों में से एक थे लेकिन बाद में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उनके समर्थक बन गए।