अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं, फिर ये लोग लाइन में क्यूं खड़े हैं
- मरते नहीं देख सकते अपनों को, इसलिए 6 घंटे से लाइन में खड़े हैं ऑक्सीजन के लिए
- बख्शी का तालाब में ऑक्सीजन फैक्ट्री के बाहर लगी खाली सिलेंडरों की लाइन
- घर वाले बार-बार फोन पे पर यही पूछते- ऑक्सीजन सिलेंडर मिला क्या
- निजी अस्पतालों में तीन से चार घंटे का ही बैकअप ऑक्सीजन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क. लखनऊ। राजधानी लखनऊ के कृष्णानगर निवासी रामपाल, चिनहट निवासी संजय त्रिपाठी, इंदिरा नगर निवासी मालती सिंह यूपी सरकार से बहुत खफा है। उनका कहना है कि प्रदेश की योगी सरकार झूठी है। अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहा है। दवाएं भी नहीं उपलब्ध हो पा रही है और अखबारों में संदेश दे रहे हैं कि यूपी के अस्पतालों में बेड व ऑक्सीजन की कमी नहीं। बख्शी का तालाब में ऑक्सीजन फैक्ट्री के बाहर खाली सिलेंडर रिफिल कराने व कुछ नया सिलेंडर लेने आए लोगों का कहना है कि अपनों को मरता नहीं देख सकते इसीलिए बीते छह घंटे से लाइन में लगे है। सिलेंडर मिलते ही निकल जाएंगे क्योंकि घर में ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजार हो रहा है। फैक्ट्री के बाहर ऑक्सीजन सिलेंडर लेने आए लोगों का कहना है कि घर वाले बार-बार फोन पे पर यही पूछते- ऑक्सीजन सिलेंडर मिला क्या। हम ही नहीं, लखनऊ के सभी ऑक्सीजन फैक्ट्रियों पर यही हाल है। कुर्सी रोड स्थित इंट्रीगल मेडिकल कॉलेज में तीन से चार घंटे का ही बैकअप ऑक्सीजन बचा है। इसके अलावा आलमबाग व इंदिरानगर के कई निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने की कगार पर है। होम आइसोलेशन में इलाज करना बेहतर उपाय है पर सरकार को सुविधाएं भी उपलब्ध करानी चाहिए। प्रदेश व लखनऊ में जिस तरह कोरोना भयावह है ऐसे में तो सरकार को कम से कम पंद्रह दिन का लॉकडाउन लगा देना चाहिए। ताकि संक्रमण को रोका जा सके। इसके अलावा जो लोग कोरोना से पीड़ित है, उनको बेवजह रास्तों में रोका न जाए। पुलिस प्रताड़ित भी न करें।