कोरोना के कहर के बीच लोग बेहोश हो रहे हैं, मर रहे हैं पर यूपी में चल रहे पंचायत चुनाव

  • फिरोजाबाद में मतदान ड्यूटी पर लगे एक होमगार्ड और लखीमपुर में दो शिक्षाकर्मियों की मौत
  • हमीरपुर में घंटों बेहोश पड़े रहे मतदान अधिकारी, सूचना के बाद भी नहीं मिली चिकित्सकीय मदद
  • सोशल मीडिया पर कोरोना काल में चुनाव कराने को लेकर सरकार पर उठ रहे सवाल
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। एक ओर उत्तर प्रदेश में कोरोना ने कहर बरपा रखा है दूसरी ओर पंचायत चुनाव जारी हैं। आलम यह है कि चाहे मतदान करा रहे अधिकारी और कर्मचारी बेहोश होकर गिर जाएं या उनकी मौत हो जाए, इसकी फ्रिक सरकार को नहीं दिख रही है। सरकार को इनकी जिंदगी से ज्यादा जरूरी पंचायत चुनाव लग रहा है। लोग सोशल मीडिया पर सवाल पूछ रहे हैं कि क्या कोई सरकार इतनी भी संवेदनहीन हो सकती है, यह बेहद शर्मनाक है। आज प्रदेश में तीसरे चरण का पंचायत चुनाव हुआ। फिरोजाबाद में मतदान ड्यूटी के दौरान एक होम गार्ड और लखीमपुर में दो शिक्षा कर्मियों की मौत हो गई जबकि हमीरपुर के पोलिंग बूथ पर एक मतदान अधिकारी घंटों बेहोश पड़ा रहा और उनका हाल-चाल पूछने वाला कोई नहीं था। हमीरपुर के विकास खंड सुमेरपुर के टिकरौली बूथ पर पेशे से शिक्षक मनोज कुमार की चुनाव ड्यूटी लगी है। वे पीठासीन अधिकारी हैं। अचानक तबीयत बिगड़ने पर वे बेहोश होकर गिर पड़े। सूचना के बाद भी उन्हें घंटों मेडिकल सुविधा मुहैया नहीं कराई जा सकीं। इतना ही नहीं इस बूथ पर जमकर कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई गईं। वहीं फिरोजाबाद के शिकोहाबाद थाना क्षेत्र के गांव जमालीपुर में चुनाव ड्यूटी करने के दौरान 55 वर्षीय होमगार्ड रविन्द्र सिंह की हालत अचानक बिगड़ गई। इसके कुछ देर ही बाद उनकी मौत हो गयी। दूसरी ओर लखीमपुर में दो शिक्षाकर्मियों की मतदान ड्यूटी के दौरान मौत हो गई। गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में अमेठी, उन्नाव, औरैया, कानपुर देहात, कासगंज, चंदौली, जालौन, देवरिया, पीलीभीत, फतेहपुर, फिरोजाबाद, बलरामपुर, बलिया, बाराबंकी, मेरठ, मुरादाबाद, मिर्जापुर, शामली, सिद्धार्थनगर और हमीरपुर में आज मतदान हुआ।
24 घंटे में तीन लाख 52 हजार से अधिक संक्रमित
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटों में 3,52,991 नए कोरोना मरीज मिले हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 1,73,13,163 हो गई है। वहीं बीते 24 घंटों में 2812 लोगों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया।
दवा और इंजेक्शन मार्केट से गायब
दिल्ली और यूपी समेत तमाम राज्यों में न केवल ऑक्सीजन की किल्लत है बल्कि कोरोना के इलाज में इमरजेंसी बेसिस पर इस्तेमाल हो रही दवाएं भी नहीं मिल रही हैं। रेमिडिसिवर हो फेरिपिराविर हो या फिर टोसिलिजुमैब हो, आम लोगों को खुले बाजार में आसानी से मिल नहीं रही है। इन दवाओं की कालाबाजारी जारी है। हालांकि डॉक्टर और एक्सपर्ट लगातार कह रहे हैं कि इन दवाओं का सीमित फायदा है इसलिए होल्ड न करें, अपने मन से इस्तेमाल नहीं करें। एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि रेमेडिसिविर कोई मैजिक नहीं है लेकिन इसके बाद भी बाजार में ये दवाएं गायब हैं और कालाबाजारी जारी है। टोसिलिजुमैब दवा की कालाबाजारी भी जारी है।
दावों की खुली पोल, कानपुर में प्लांट के बाहर लंबी कतार
कानपुर। सीएम योगी आदित्यनाथ खुद कोरोना संक्रमित होने के बावजूद व्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाने में लगे हैं लेकिन अफसर सीएम को गलत जानकारी दे रहे हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होने की बात कही जा रही है वहीं कानपुर में ऑक्सीजन प्लांट के बाहर लगी लोगों की लाइन उनके दावों की पोल खोल रही है। यहां ऑक्सीजन की कमी का हवाला देते हुए प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को एडमिट नहीं किया जा रहा है। मरीजों को लेकर पहुंच रहे तीमारदारों को घर में ही ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर पेशेंट को लगाने को कह रहे हैं। फजलगंज स्थित बब्बर ऑक्सीजन प्लांट में आधी रात से लोग सिलिंडर के साथ लाइन में लगे नजर आए।


दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग है जिम्मेदार : मद्रास हाईकोर्ट

नई दिल्ली। मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस. बनर्जी ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए यदि कोई जिम्मेदार है तो वो चुनाव आयोग है। इस पर तो हत्या का केस दर्ज होना चाहिए क्योंकि चुनाव आयोग ने कोरोना संकट के बाद भी चुनावी रैलियों को नहीं रोका। मद्रास हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि चुनाव आयोग ही कोरोना की दूसरी वेव का जिम्मेदार है। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों पर अगर मर्डर चार्ज लगाया जाए तो गलत नहीं होगा। अदालत में जब चुनाव आयोग ने जवाब दिया कि उनकी ओर से कोविड गाइडलाइन्स का पालन किया गया, वोटिंग डे पर नियमों का पालन किया गया था। इस पर अदालत नाराज हुई और पूछा कि जब प्रचार हो रहा था तब क्या चुनाव आयोग दूसरे प्लेनट पर था। अदालत ने इसी के साथ चेतावनी दी है कि अगर दो मई को कोविड से जुड़ी गाइडलाइन्स का पालन नहीं हुआ और उसका ब्लूप्रिंट नहीं तैयार किया गया, तो वह मतगणना पर रोक लगा देंगे। हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल तक प्लान बनाकर देने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने कहा भारत में कोरोना के हालात चिंताजनक है। कोरोना फैलने का एक कारण चुनाव भी है। उन्होंने कहा कि मद्रास ही नहीं बल्कि पदेश के हर हिस्से में अस्पतालों के बाहर भीड़ नजर आ रही है। सोशल मीडिया पर लोग यूं ही नहीं तस्वीरें डाल रहे हैं। कुछ तो सच्चाई होगी। पूरी व्यवस्था के दावे के बाद भी अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कोरोना रोकने के प्रभावी कदम उठाए जाए।

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