डीेएम निकले सडक़ पर तो मचा हडक़ंप
- जिलाधिकारी ने किया इंदिरानगर-गांजीपुर क्षेत्र का दौरा
- कंटेनमेंट जोन में स्क्रीनिंग में और तेजी लाने के निर्देश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी में संक्रमितों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश एक बार फिर शहर के निरीक्षण पर निकले। इस दौरान डीएम ने इंदिरानगर व गांजीपुर सहित कई इलाकों का दौरा किया।
जिलाधिकारी ने दौरे के दौरान कंटेटमेंट जोन में मेडिकल स्क्रीनिंग में तेजी लाने पर जोर दिया। डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग 100 प्रतिशत करने को कहा। साथ ही कंटेनमेंट जोन में सख्ती करने के कड़े दिशा-निर्देश जारी किए। इसके अलावा जिलाधिकारी ने लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भी शिकंजा कसा। कईयों के चालान काटे, जुर्माना वसूला व उन्हें संक्रमण काल में लापरवाही न बरतने की चेतावनी भी दी। डीएम ने कंटेनमेंट जोन में थर्मल स्कैनर ना रखने वाले दुकानदार पर भी भारी जुर्माना लगाया। हरियाणा स्टोर, दिल्ली स्टोर, बाबा किराना स्टोर, चंद्रा स्टोर समेत कई दुकान मालिकों पर जुर्माने के साथ उनके ऊपर अपेडमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की। आने जाने वाले लोगों का विवरण न रखने, कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करने पर यश मेडिकल स्टोर, अरावली इंदिरानगर पर भी डीएम ने दस हजार का जुर्माना ठोका। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त लहजे में कहा कि कोरोना काल में शहर में बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए हरसंभव उपाए किए जाए।
जोशी के बयान दर्ज कल लालकृष्ण आडवाणी की गवाही
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में मुरली मनोहर जोशी की पेशी हुई। वीसी के जरिए हो रही सुनवाई में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जोशी का बयान दर्ज कराया गया। वहीं 24 जुलाई को पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का बयान दर्ज कराए जाने की संभावना है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का बयान दर्ज किया जा चुका है।
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2020 तक सुनवाई पूरी करने के आदेश दिए हैं। अब तक कल्याण सिंह, उमा भारती सहित कईयों के बयान दर्ज हो चुके हैं। सुप्रीमकोर्ट ने मामले में 32 आरोपियों के बयान दर्ज करने के लिए कहा है, जिसमें कई नेताओं ने अपने बयान दर्ज भी करा दिए हैं।
सीएमओ फोन नहीं उठाएंगे तो कैसे मिलेगा संक्रमितों को इलाज
- समस्या के समाधान के लिए अस्पतालों व दफ्तरों में भटकते रहते हैं पीडि़त
पूर्ति सिंह
लखनऊ। वैश्विक महामारी के चलते मरीजों को कोरोना से लेकर अन्य बीमारियों का इलाज मिलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में पीडि़त मरीज आखिर अपनी पीड़ा किसे बताएं। राजधानी के सरकारी अस्पतालों में दूरदराज से आए रवि शर्मा, सुनील रावत, अनिल यादव सहित कई पीडि़त मरीजों का आरोप है कि सीएमओ नरेंद्र अग्रवाल को कई बार फोन करने के बाद भी उनका फोन उठता ही नहीं। जबकि योगी सरकार ने स्पष्टï आदेश दे रखे है कि कोरोना संक्रमितों को फौरन इलाज मिले। 24 घंटे अधिकारी व अफसर लोगों पर निगरानी रखें। उनकी समस्याएं सुने। सीएमओ भी गंभीर पीडि़तों की मदद करे। तत्काल उन्हें सुविधा मुहैया कराएं। मगर लखनऊ के सीएमओ के लिए योगी सरकार का आदेश ताक पर है। वे न तो फोन उठाते है और न ही बात करते हैं। ऐसे में बाहर से आए संक्रमित अस्पतालों व सीएमओ दफ्तर के चक्कर काटते रहते हैं।
राजधानी में एक हफ्ते में दो हजार संक्रमित मिले हैं। कोरोना संक्रमण के मामले बढऩे के साथ ही अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं और कैंसर, गुर्दा, लीवर के मरीजों को इलाज न मिलने से वे सीएमओ दफ्तर के चक्कर काटने पर मजबूर हैं। अधिकतर पीडि़त मरीजों का कहना है कि अपनी समस्या के समाधान के लिए सीएमओ दफ्तर पहुंचे तो होते हुए भी उन्होंने सुनवाई नहीं की। पीडि़त रवि कुमार का कहना है कि सीएमओ का सीयूजी नंबर भी नहीं उठता तो सरकार इन नंबरों को मुहैया ही क्यों कराती है।
इलाज मांग रहे लोगों ने की सीएम को शिकायत : ट्ïवीटर पर श्रेया नाम की एक महिला लिखती है कि सीएमओ नाम के है, जवाब देते ही नहीं है। वहीं गोरखपुर के कैलाश त्रिपाठी लिखते है कि मां का कैंसर का इलाज केजीएमयू में चल रहा था लेकिन कोरोना के कारण उनकी मां को डॉक्टर इलाज नहीं दे रहे हैं। इलाज न मिलने से सीएमओ से कॉन्टेक्ट किया लेकिन वे फोन ही नहीं उठाते। लोगों ने इसकी शिकायत सीएम को ट्ïवीट पर की है।
डीपीआरओ शिवशंकर सिंह समेत चार कर्मचारी सस्पेंड
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह की कार्रवाई में आज कानपुर देहात में तैनात डीपीआरओ शिवशंकर सिंह समेत चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। अवैध वसूली की शिकायत पर ये चारों कर्मचारी सस्पेंड किए गए हैं। निलंबित होने वालों में डीपीआरओ शिवशंकर सिंह, वीडीओ सरवनखेड़ा ब्लॉक जितेंद्र सिंह और कार्यालय वरिष्ठ सहायक रामसजीवन मौर्य व संबद्ध सफाई कर्मी यादवेंद्र सिंह सम्मिलित हैं।
ग्राम पंचायत सचिव व प्रधानों ने फरवरी और मार्च माह में सीडीओ से शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि डीपीआरओ पंचायतों का निरीक्षण, अभिलेखों की जांच के नाम पर अवैध वसूली करते हैं। इसमें उनका सरवनखेड़ा ब्लाक प्रभारी सहयोग करते है।