मूर्तिकारों के संकट हरेंगे गणपति बाजार में देसी प्रतिमाओं की धूम
festival
चाइनीज सामानों के बहिष्कार से बढ़ी मांग अच्छे मुनाफे की उम्मीद
आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करने में जुटे राजधानी के मिट्टी कलाकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। गणेश उत्सव में विघ्नहर्ता गणपति राजधानी के मूर्तिकारों के आर्थिक संकट को हर लेंगे। चीन के सामानों के बहिष्कार के कारण बाजार में देश में बनी गणेश प्रतिमाओं की मांग है। मूर्तिकारों ने गणेश उत्सव को देखते हुए पिछले साल के मुकाबले काफी मूर्तियां तैयार की है। उन्हें इस बार अधिक मुनाफे की उम्मीद है। हालांकि कोरोना काल को देखते हुए वे सशंकित भी हैं।
राजधानी में गणपति उत्सव की तैयारियां जोरों पर हंै। गणेश प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बाजार में भी स्थानीय स्तर पर बनी गणेश मूर्तियां पहुंच चुकी हैं। हालांकि कोरोना के चलते इस बार केवल तीन फीट ऊंची प्रतिमा ही बनाई गई हैं। मूर्ति निर्माण में भी आत्मनिर्भर भारत का असर साफ दिख रहा है। लोग देश में बनी मूर्तियों के पूजन पर जोर दे रहे हैं। लखनऊ के सआदतगंज की लकड़मंडी में बन रही गणेश मूर्तियां यूपी के सभी जिलों के साथ एमपी और महाराष्ट्र तक भेजी जा रही हैं। इसके अलावा सभी अपने घरों में गणपति उत्सव मनाएंगे। इसका ध्यान रखकर अधिक मात्रा में मूर्तियां बनाई गई हैं। इसके अलावा पर्यावरण अनुकूल प्रतिमाएं भी बाजार में उपलब्ध हैं। लकड़मंडी में गणेश प्रतिमाओं को बना रहे हूबलाल प्रजापति का कहना है कि चीन से मूर्तियां नहीं मंगाई जा रही हैं इसलिए देश में बनी गणेश मूर्तियों की मांग बढ़ी है। अमीनाबाद रोड पर संतोष कुमार सभी त्योहारों में पिछले लगभग बीस सालों से देवी-देवताओं की मूर्तियों की बिक्री कर रहे हैं। वह हर साल मुंबई के कल्याण से मूर्तियां मंगवाते थे। इस साल भी ऑर्डर किया है लेकिन उनकी मांग के मुताबिक प्रतिमाएं नहीं आई हैं। उनके अनुसार मुंबई से मंगवाई गई मूर्तियों को बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला पेंट और मिटटी अच्छी किस्म के होते हैं, जिससे मूर्तियां और भी आकर्षक हो जाती हैं। इसके साथ ही इसकी मांग भी अधिक रहती हैं।
पंडालों में नहीं विराजेंगे भगवान गणेश
्र कोरोना काल में गणेश उत्सव को लेकर सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके मुताबिक इस साल गणेश चतुर्थी में पूजा पंडालों में मूर्ति स्थापना पर रोक रहेगी। साथ ही शोभा यात्रा, जुलूस, झांकी पर भी पाबंदी रहेगी। पुलिस प्रशासन ने लोगों से गणेश पूजन घर पर करने की अपील की है। लिहाजा इस बार राजधानीवासियों को अमीनाबाद के राजा के नाम से मशहूर गणेश जी का पंडाल देखने को नहीं मिलेगा। ऐसा कई दशकों बाद होगा।
मनकामेश्वर मंदिर में स्थापित होंगे गोबर के श्रीगणेश
मनकामेश्वर मंदिर में इस बार गणेश चतुर्थी पर गोबर के श्रीगणेश की स्थापना होगी। महंत देव्या गिरि ने बताया कि गोबर से प्रतिमा बनाने के लिए महिलाओं से कहा गया है। गाय के गोबर से गौरी-गणेश बना पूजन कर पर्यावरण को संरक्षित करने का संदेश दिया जाएगा। गणेश जी पर्यावरण संरक्षण के साथ ही स्वास्थ्य सुरक्षा का संदेश देंगे। प्रतिमाओं की पूजा के बाद गमलों में विसर्जन किया जाएगा। विसर्जन के बाद गोबर न केवल खाद में तब्दील हो जाएगी बल्कि उसमे डाले गए गिलोय और तुलसी के बीज आपके घर में पौधों के रूप में विकसित होकर स्वस्थ्य सुरक्षा का काम भी करेंगे। सिटीजन डेवलपमेंट फाउंडेशन संस्थान की शालिनी सिंह की ओर से प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर में महिलाओं को भी प्रतिमा बनाने की ट्रेनिंग भी दी गई है।
ऑनलाइन होंगे दर्शन
मंदिरों में होने वाले गणेश उत्सव का लोग ऑनलाइन आनंद उठा सकेंगे। गणेश उत्सव में होने वाली आरती का लाइव प्रसारण किया जाएगा। इसके अलावा सोशल मीडिया माध्यम से भी दर्शन संभव हो सकेंगे। इसके लिए फेसबुक पर प्रसारण करने की तैयारियां की जा रही है।
कोरोना महामारी के चलते सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही गणेश उत्सव मनाया जायेगा। कोरोना के कारण हर साल की तरह इस साल पंडाल नहीं सजाया जायेगा। इसके साथ ही प्रतिमा का आकार भी छोटा ही रखा जाएगा। किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे।
अतुल अवस्थी, श्रीगणपति उत्सव मंडल, अमीनाबाद
नहीं होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
कोरोना संकट को देखते हुए इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। इसके अलावा इको फ्रेंडली प्रतिमा की मांग भी बढ़ी है। लोग घरों में पूजा-अर्चना करेंगे और कोरोना मुक्ति की कामना की जाएगी।