ये दोस्ती दुनिया के साबित हो सकती है खतरनाक

नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद तालिबान की नजर एक बार फिर अपना वर्चस्व बढ़ाने पर है। यही वजह है कि तालिबान नेता दूसरे देशों में अपना समर्थन मांग रहे हैं। इसी क्रम में तालिबान का एक प्रतिनिधिमंडल मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में चीन पहुंचा है। इस दौरान तालिबान नेताओं ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। चीन के साथ तालिबान नेताओं की इस मुलाकात को कूटनीतिक हलकों में काफी अहम माना जा रहा है। वहीं बताया जा रहा है कि तालिबान अफगानिस्तान में अपने विस्तार के लिए चीन का समर्थन चाहता है।
आपको बता दें कि तालिबान अफगानिस्तान के 90 फीसदी इलाके पर कब्जा करने का दावा करता है। जानकारी के मुताबिक तालिबान नेता मुल्ला बरादर ने चीन को आश्वासन दिया है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश की सुरक्षा के खिलाफ नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि तालिबान नेताओं और चीनी विदेश मंत्री की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और आईएसआई प्रमुख फैज हामिद भी चीन गए हैं और वांग यी से मिले हैं। आपको बता दें कि आतंकी संगठन ने चीन के शिनजियांग प्रांत से सटे ज्यादातर सीमावर्ती इलाके पर कब्जा कर लिया है, जिससे चीन को डर है कि तालिबान अब उसके शिनजियांग प्रांत में घुसपैठ नहीं करेगा। ये मुलाकात चीन के तिहानजिन शहर में हुई। बैठक के दौरान चीन ने साफ कर दिया है कि तालिबान को पहले सभी आतंकी संगठनों से अपने संबंध खत्म करने होंगे।
2021अफग़ानिस्तान प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविलियन्स इन आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट मिडीयर रिपोर्ट में पाया गया कि वर्ष के पहले छह महीनों में संघर्षों में 1,659 नागरिक मारे गए, जबकि अन्य 3,254 घायल हुए। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में इसी अवधि की तुलना में उद्धृत अवधि के दौरान मौतों और चोटों सहित कुल नागरिक हताहतों की संख्या में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विशेष रूप से चौंकाने वाला और गहरा चिंताजनक यह है कि महिलाओं, लडक़ों और लड़कियों की संख्या लगभग आधी है। 2021 की पहली छमाही में सभी नागरिक हताहत हुए। सभी नागरिक हताहतों में, 46 प्रतिशत, 32 प्रतिशत बच्चे थे – कुल 1,682 और 14 प्रतिशत महिलाएं – कुल 727 थीं।

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