हाईकोर्ट ने गाय को लेकर दिया यह सुझाव
प्रयागराज। गायों की हालत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया है। हाई कोर्ट के सुझाव के मुताबिक केंद्र सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा देने के लिए संसद में एक बिल लाना चाहिए। हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि जब गायों का कल्याण होगा, तभी देश का कल्याण होगा। गाय भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। संसद जो भी कानून बनाए, सरकार को उसे सख्ती से लागू भी करना चाहिए।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है कि गायों को केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए। गायों का सम्मान और उनकी रक्षा करना हर देशवासी का कर्तव्य है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गोहत्या कानून के तहत गिरफ्तार जावेद नाम के शख्स की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह सुझाव दिया है. कोर्ट ने आरोपी जावेद की जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह फैसला जस्टिस शेखर कुमार यादव की बेंच ने दिया है।
उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में अवैध बूचडख़ानों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस बीच, सूचना के अधिकार के माध्यम से पता चला है कि देश में केवल 1,707 बूचडख़ाने पंजीकृत हैं। पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया के अनुसार, देश में अवैध बूचडख़ानों की संख्या 30,000 से अधिक है।
आपको बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर ने बताया कि तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा पंजीकृत बूचडख़ाने हैं। आरटीआई के अनुसार, तमिलनाडु में 425, मध्य प्रदेश में 262 और महाराष्ट्र में 249 बूचडख़ाने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत हैं। यानी इन तीन राज्यों में देश के 55 प्रतिशत पंजीकृत बूचडख़ाने चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 58 बूचडख़ाने पंजीकृत हैं।
आंध्र प्रदेश में 1, असम में 51, बिहार में 5, छत्तीसगढ़ में 111, दिल्ली में 14, गोवा में 4, गुजरात में 4, हरियाणा में 18, हिमाचल प्रदेश में 82, जम्मू-कश्मीर में 23, झारखंड में 11, झारखंड में 30 कर्नाटक, केरल में 50, लक्षद्वीप में 65, मणिपुर में चार, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 9 और मेघालय में एक को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत किया गया है।