दिल्ली में केशव मौर्य ने बनाया नया आवास, यहीं से होगा चुनावी गुणा-भाग
- गोपनीय मुलाकातों और अपने लोगों को ज्यादा टिकट दिलवाने में भी साबित होगा मददगार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अब दिल्ली में डेरा डाल लिया है। चुनाव से ठीक पहले मौर्य के दिल्ली में बने निजी आवास को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मतभेद के चलते सुर्खियों में रहे मौर्य अब दिल्ली में ज्यादा समय बिताकर अपनी राजनीतिक जमावट मजबूत करना चाह रहे हैं। कहा यह भी जा रहा कि आगामी दिनों में उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं। इसमें दिल्ली का घर मौर्य की गोपनीय मुलाकातों और अपने लोगों को ज्यादा टिकट दिलवाने में भी मददगार साबित हो सकता है। कहा यह भी जा रहा है कि केशव मौर्य यूपी चुनाव को लेकर इसी घर से चुनावी गुणाभाग करेंगे। केन्द्रीय नेतृत्व में अच्छी पैठ के चलते इसका फायदा भी मौर्य को मिलेगा। मौर्य ने लुटियंस दिल्ली की फिरोजशाह रोड पर अपना नया ठिकाना बनाया है। अब जब मौर्य दिल्ली आते हैं तो राष्टï्रीय नेतृत्व और केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात के बाद यूपी सदन में नहीं ठहरते बल्कि अपने निजी आवास पर ही रुकते हैं। उन्होंने अपने इस नए घर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मेल मुलाकात करने के साथ ही गोपनीय बैठकें करना भी शुरू कर दिया है। इसके पहले जब भी डिप्टी सीएम दिल्ली प्रवास पर आते थे तो सभी कार्यक्रम खत्म होने के बाद यूपी सदन में ही रुकते थे। मौर्या अफसरों की बैठक हो या फिर कार्यकर्ताओं से मिलना सब कुछ यूपी सदन में ही करते थे। इसके बाद वे सीधे राजधानी लखनऊ के लिए रवाना हो जाते थे।
सिराथू से ताल ठोक सकते हैं डिप्टी सीएम
विधानसभा सिराथू सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद के मैदान में आने की आहट मिलने से सियासत के प्याले में तूफान आ गया है। डिप्टी सीएम अगर यहां से मैदान में आते हैं तो सिराथू सीट जिले की सबसे हॉट सीट हो जाएगी। दूसरी तरफ इस सीट पर नजर जमाए विपक्षी दलों के दावेदारों की नींद उड़ गई है। कुछ दावेदार तो दूसरी सीट की तलाश में भी लग गए हैं। वहीं पार्टी के फैसले के बाद से डिप्टी सीएम ने सिराथू क्षेत्र का दौरा तेज कर दिया है। हालांकि उन्होंने योगी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान विकास की कई योजनाओं की सौगात देने का काम किया है। डिप्टी सीएम का सिराथू प्रेम जगजाहिर है। आज तक पूर्वर्ती किसी भी सरकार ने सिराथू के विकास के प्रति तनिक भी तबज्जो नहीं दिया था।