मायावती ने पार्टी में बगावत से किया इन्कार, बोलीं- विधायक पहले से ही निलंबित
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने पार्टी में टूट को नकारते हुए कहा कि घृणित जोड़तोड़, द्वेष व जातिवाद की संकीर्ण राजनीति में माहिर समाजवादी पार्टी मीडिया के सहारे यह प्रचारित कर रही है कि करना कि बहुजन समाज पार्टी के कुछ विधायक टूट कर समाजवादी पार्टी में जा रहे हैं। मायावती ने इसे घोर छलावा बताते हुए कहा कि इन विधायको को काफी पहले ही सपा और एक उद्योगपति से मिलीभगत के कारण राज्यसभा के चुनाव में एक दलित के बेटे को हराने के आरोप में बीएसपी से निलंबित किया जा चुका है। बसपा चीफ मायावती ने बुधवार को लगाता पांच ट्वीट कर सपा को आड़े हाथ लेते हुए कड़ी चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि सपा अगर इन निलंबित विधायकों के प्रति थोड़ी भी ईमानदार होती तो अब तक इन्हें अधर में नहीं रखती। क्योंकि उनको यह मालूम है कि बीएसपी के यदि इन विधायकों को लिया तो सपा में बगावत व फूट पड़ेगी, जो बीएसपी में आने को आतुर बैठे हैं। बसपा से निलंबित 11 विधायकों ने एकजुटता दिखाते हुए लालजी वर्मा के नेतृत्व में एक अलग दल बनाने का फैसला कर लिया है। पांच बागी विधायकों ने कल लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। बसपा में कुल 18 विधायकों में से नौ को पार्टी ने निलंबित और दो को निष्काषित कर दिया गया है।
सपा का नया नाटक
बसपा अध्यक्ष मायावती ने आगे कहा कि जगजाहिर है कि सपा का चाल, चरित्र और चेहरा हमेशा ही दलित विरोधी रहा है, जिसमें थोड़ा भी सुधार के लिए वह कतई तैयार नहीं हैं। इसी कारण सपा सरकार में बीएसपी सरकार के जनहित के कामों को बंद किया। खासकर भदोई को नया संत रविदास नगर जिला बनाने को भी बदल डाला गया था, जो अति निंदनीय कदम था। बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने आखिरी ट्वीट में फिर दोहराया कि बीएसपी के निलंबित विधायकों से मिलने आदि का मीडिया में प्रचारित करने के लिए किया गया सपा का नया नाटक यूपी में पंचायत चुनाव के बाद अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव के लिए की गई पैंतरेबाजी ज्यादा लगती है। यूपी में बीएसपी जन आकांक्षाओं की पार्टी बनकर उभरी है जो जारी रहेगा।