अफगानिस्तान के मसले पर प्रधानमंत्री मोदी ने की उच्च स्तरीय बैठक

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने आज अफगानिस्तान के हालात पर बैठक की। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सीडीएस जनरल बिपिन रावत मौजूद थे। पीएम मोदी ने ऐसे समय में बैठक की है जब तालिबान ने आज दावा किया है कि उसने पंजशीर पर भी कब्जा कर लिया है। पंजशीर में, हालांकि, तालिबान प्रतिद्वंद्वी अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने दावों को खारिज कर दिया है। अहमद मसूद ने कहा है कि लड़ाई अभी जारी है।
उन्होंनेे कहा कि हम पंजशीर के माननीय निवासियों को विश्वास दिलाते हैं कि उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा, सभी हमारे भाई हैं और हम सभी देश की सेवा और सामान्य हितों के लिए काम करेंगे। बता दें कि 15 अगस्त को तालिबान ने पंजशीर समेत पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। तालिबान लड़ाकों को काबुल की ओर बढ़ते देख राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोडक़र चले गए।
इसके बाद तालिबान का रुख पंजशीर की ओर हो गया। यहां तालिबान और अहमद मसूद के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (एनआरएफ) के लड़ाकों के बीच संघर्ष बढ़ गया। तालिबान के कई प्रतिनिधिमंडलों ने वहां के कुछ प्रमुख नेताओं से बात करने की कोशिश की, लेकिन सभी प्रयास असफल रहे। तालिबान विरोधी गुट के प्रवक्ता फहीम दशती की भी रविवार को हुई झड़पों में मौत हो गई। पंजशीर में तालिबान विरोधी लड़ाकों का नेतृत्व भी पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह कर रहे हैं।
पंजशीर में कब्जे के दावों के बीच तालिबान ने भी सरकार गठन की तैयारी शुरू कर दी है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए चीन, पाकिस्तान, रूस, तुर्की, ईरान और कतर को आमंत्रित किया गया है।
अफगानिस्तान में नई तालिबान सरकार का नेतृत्व संगठन के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर कर सकते हैं। तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद दूसरी बार काबुल में नई सरकार के गठन की घोषणा को टाल दिया है। इतना ही नहीं तालिबान के शीर्ष धर्मगुरु मुल्ला हेबतुल्लाह अखुनजादा अफगानिस्तान के सर्वोच्च नेता होंगे।

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