अब रेलवे ने ली प्रवासी कामगारों की सुध, रोजगार देने की बनायी योजना
यूपी और बिहार के 23 जिलों में लागू होगी योजना
रेलवे के निर्माण कार्यों में दिया जाएगा काम, 220 करोड़ होंगे खर्च
प्रतिदिन 1060 लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा रोजगार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अब रेलवे ने प्रवासी कामगारों की सुध ली है। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत रोजाना 1060 प्रवासियों को रोजगार देने की योजना तैयार की है। इसके लिए पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्र में पडऩे वाले उत्तर प्रदेश के 20 और बिहार के तीन जिले चिन्हित किए गए हैं। इन जिलों में पहले से चल रहे रेलवे के निर्माण कार्यों में प्रवासी कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रथम चरण में पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने 31 अक्टूबर तक 174350 कार्य दिवस में रोजगार देने की योजना तैयार की है, जिसमें रेलवे का करीब 220 करोड़ खर्च आएगा। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के मुताबिक पूर्वोत्तर रेलवे के समस्त मंडल रेल प्रबंधकों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस योजना को जमीन पर उतारने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान महाप्रबंधक ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे यथाशीघ्र इस योजना को धरातल पर लाएं ताकि, घर पहुंचे प्रवासियों को तत्काल काम मिल सके।
पलायन रोकने की कवायद
लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे कामगार उत्तर प्रदेश और बिहार स्थित अपने घर पहुंच गए हैं। उनको मनरेगा में कार्य उपलब्ध कराने का सरकार ने निर्देश दे रखा है, बावजूद इसके कामगारों के सामने रोजगार की समस्या बनी हुई है। ऐसे में रेलवे की यह पहल उन्हें राहत देगी। सरकार की मंशा कामगारों के पलायन को रोकना है। इसके लिए क्षेत्र में ही रोजगार की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
इन जिलों को किया गया चिन्हित
अयोध्या, आजमगढ़, देवरिया, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, जौनपुर, लखीमपुर खीरी, प्रयागराज, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, वाराणसी, महराजगंज, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, कुशीनगर, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, मिर्जापुर तथा बिहार के सारन, गोपालगंज और सिवान।