अब स्वदेशी खिलौना उत्पादन और बाजार पर प्रदेश सरकार की नजर

तीन लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना
खिलौना नीति लाने की तैयारी कर रही योगी सरकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए योगी सरकार की नजर अब खिलौना उत्पादन और इसके बाजार पर टिक गई है। जल्द ही सरकार इसके लिए नई खिलौना नीति लाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत अगले पांच सालों में 20 हजार करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना से सबसे अधिक लाभ पिछड़े जिलों को मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील के बाद देश में स्वदेशी खिलौने की बढ़ती मांग को देखते हुए योगी सरकार यूपी को खिलौना उत्पादन का हब बनाने की तैयारी कर रही है। खिलौने का उत्पादन बढ़ाकर राज्य सरकार की योजना तीन लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने की भी है। इस योजना के तहत निवेश करने वाले देसी और विदेशी निवेशकों को रियायतें भी दी जाएंगी। प्रदेश में खिलौना इंडस्ट्री को बढ़ावा देने से सबसे ज्यादा लाभ उन जिलों को होगा जो अभी उद्योगों की दृष्टि से पिछड़े हुए है, जिसमें चित्रकूट, गोरखपुर, आजमगढ़ जैसे जिले शामिल हैं। यहां तक कि झांसी के सॉफ्ट टॉयज को जनवरी 2018 में ही सरकार ने अपने फ्लैगशिप योजना ओडीओपी में शामिल कर इसकी बेहतरी के लिए काम करना शुरू कर दिया था, जिसके लिए डीएसआर रिपोर्ट भी तैयार करवायी जा चुकी है।

महिला निवेशकों को विशेष रियायतें
इस योजना के तहत निवेश करने वाले देसी और विदेशी निवेशकों को पूंजी, ब्याज, जमीन की खरीद और स्टैम्प ड्यूटी, पेटेंट, बिजली, परिवहन समेत अन्य सुविधाएं सब्सिडी के साथ दी जाएंगी अगर निवेशक महिला या अर्धसैनिक बलों से जुड़े हो तो अतिरिक्त रियायतें भी दी जाएंगी।
वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका
जानकर ये भी बता रहे है कि देश में करीब 90 प्रतिशत खिलौने चीन और ताइवान से आते है। वैश्विक कारोबार में भी भारत की हिस्सेदारी सिर्फ पांच प्रतिशत है। पिछले कुछ महीनों में चीन से आयत होने वाले चीनी खिलौने की डिमांड में कमी आयी है। ऐसे में यूपी सरकार के पास ये बड़ा मौका है। जिसका सीधा फायदा प्रदेश के लोगों को मिलेगा।

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