अयोध्या : राम मंदिर निर्माण में नहीं होगा लोहे का इस्तेमाल

मंदिर निर्माण 36 से 40 माह में पूरा हो जाने की उम्मीद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अयोध्या में रामजन्मभूमि पर बनने वाले प्रसिद्घ राम मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इस मंदिर का निर्माण प्राचीन निर्माण पद्घति से किया जाएगा, जिसमें लोहे का प्रयोग नहीं किया जाता। यह जानकारी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दी। ट्रस्ट ने यह भी बताया कि मंदिर का निर्माण 36 से 40 माह में पूरा हो जाएगा। मंदिर की आयु हजारों साल की होगी और इसे भूकंप समेत अन्य प्राकृतिक आपदाओं से कोई नुकसान नहीं होगा।
मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोडऩे के लिए तांबे की प्लेटों का इस्तेमाल होगा। हर प्लेट 18 इंच लंबी, 30 मिलीमीटर चौड़ी और तीन मिलीमीटर मोटी होगी। इस तरह की लगभग दस हजार तांबे की प्लेटें मंदिर के निर्माण में लगेंगी। ट्रस्ट ने कहा कि रामभक्तों से ऐसी प्लेटें दान में देने का भी अनुरोध किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दिल्ली में हुई अनौपचारिक बैठक में मंदिर निर्माण कार्य के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। सूत्रों के अनुसार बातचीत में बताया गया कि निर्माण में सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुडक़ी और आईआईटी चेन्नई दोनों का सहयोग लिया जा रहा है। 60 मीटर गहराई तक 10-12 स्थानों की मिट्टी की टेस्टिंग और भूकंप-रोधी जांच हुई है। मंदिर निर्माण समिति की दूसरी बैठक में 70 एकड़ परिसर के मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी गयी है।

संग्रहालय पर सहमति
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में ट्रस्ट महासचिव चंपत राय के प्रस्ताव पर मंदिर निर्माण के साथ एक संग्रहालय के निर्माण पर भी सहमति बन गयी है।
मानचित्र की कवायद
परिसर के मास्टर प्लान को मंजूरी के बाद अब इसे अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण के कार्यालय में जमा कराकर संपूर्ण क्षेत्र का मानचित्र मंजूर कराया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button