अवैध खनन मामले के आरोपी जी जनार्दन रेड्डी को मिली राहत

नई दिल्ली। खनन माफिया से नेता बने जी जनार्दन रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। रेड्डी दो साल से अधिक समय से जेल में हैं। अब उनके बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। रेड्डी कर्नाटक सरकार में मंत्री रह चुके हैं। लेकिन उसे खनन के अवैध धंधे में शामिल होने के लिए जाना जाता है। अदालत ने उन्हें कर्नाटक के बेल्लारी जिले और आंध्र प्रदेश के कडप्पा और अनंतपुरम में जाने और रहने की अनुमति दे दी है। हालांकि कोर्ट ने एक शर्त रखी है कि जिले के एसपी को जिले में पहुंचने और जाने की सूचना दी जाएगी।
नवंबर 2018 में, जनार्दन रेड्डी को केंद्रीय अपराध शाखा ने रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया था। उसके साथ क्राइम ब्रांच ने उसके करीबी अली खान को भी पकड़ लिया था। आपको बता दें कि करोड़ों रुपये की पोंजी योजना मामले में शामिल होने को लेकर उनसे पूछताछ की गई थी।
अपराध शाखा ने आरोप लगाया था कि रेड्डी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पोंजी योजना की जांच में आरोपियों को बचाने के लिए काम किया। हालांकि, कुछ दिनों बाद उन्हें फिर से जमानत दे दी गई।
जनार्दन रेड्डी की गिनती कर्नाटक के अमीर राजनेताओं में होती है। 11 जनवरी 1967 को चित्तूर में पैदा हुए गली जनार्दन रेड्डी भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। अवैध खनन मामले में आरोपी होने के बाद उन्हें 2010 के मध्य में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
खनन व्यवसायी जी जनार्दन रेड्डी एक विवादास्पद व्यक्ति हैं। खनन व्यवसाय के साथ-साथ वह अपने राजनीतिक संबंधों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में जमानत के लिए नकद राशि के एक मामले में सीबीआई के पूर्व विशेष न्यायाधीश बी नागा मारुति सरमा ने बड़ा खुलासा किया कि रेड्डी को जमानत दिलाने के लिए 40 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। टी पट्टाभि रामा राव, जो सरमा के उत्तराधिकारी थे, और उच्च न्यायालय के एक न्यायिक अधिकारी को रेड्डी की जमानत के लिए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

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