आरबीआई ने बैंकों के लिए बदले नियम

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते दिनों कहा कि जमा प्रमाणपत्र (सीडी) न्यूनतम 5 लाख रुपये के मूल्य के साथ जारी किए जाएंगे। उसके बाद इसे 5 लाख रुपये के गुणकों में जारी किया जा सकता है। जमा प्रमाणपत्र बिना किसी गारंटी के एक परक्राम्य मुद्रा बाजार लिखत है। एक वर्ष तक की परिपक्वता अवधि के लिए जमा किए गए धन के लिए बैंक द्वारा टर्म प्रॉमिसरी नोट के रूप में जारी किया जाता है।
रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि सीडी केवल डीमैट रूप में जारी की जाएगी और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के साथ एक पंजीकृत डिपॉजिटरी के पास रखी जाएगी। इस संबंध में जारी आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों को सीडी जारी की जा सकती हैं। यह उत्पाद कम से कम सात दिनों के लिए जारी किया जाना चाहिए। साथ ही, बैंकों को सीडी के एवज में ऋण देने की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक कि रिजर्व बैंक इस संबंध में मंजूरी नहीं दे देता।
आरबीआई के अनुसार, जारीकर्ता बैंक को परिपक्वता से पहले सीडी वापस खरीदने की अनुमति है। लेकिन यह कुछ शर्तों पर निर्भर करेगा। दिसंबर 2020 में केंद्रीय बैंक ने लोगों की राय जानने के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी की थी।
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए गत दिनों मुख्य नीतिगत दर रेपो रेट को 4 फीसदी पर रखने की घोषणा की। मौद्रिक समीक्षा में कहा गया है कि अगर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर और गहरी होती है और इस वजह से देशभर में गतिविधियों पर अंकुश लगता है तो महंगाई के ऊपर जाने का खतरा है।

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