प्रदोष व्रत के दिन महिलाएं करें ये उपाय, बाधाएं होंगी दूर

4PM न्यूज़ नेटवर्क: हिंदू धर्म के अनुसार प्रदोष व्रत का विशेष महत्त्व माना जाता है। एक माह में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं. प्रदोष का व्रत भगवान शिव को समर्पित किया गया है।प्रदोष व्रत के दिन पूजा के दौरान भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें और माता पार्वती को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें। यह उपाय अविवाहित लोगों के लिए विवाह के योग भी बना सकते हैं और शादीशुदा जीवन में खुशहाली लाते हैं।
ऐसे में मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन से साधक को जीवन में सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही कहा गया है कि इस दिन शिवलिंग पर कुछ विशेष चीजों से अभिषेक करना चाहिए। प्रदोष का व्रत हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर को रखा जाता है। प्रदोष का व्रत कैलाशपति देवों के देव महादेव को समर्पित किया गया है। प्रदोष व्रत सप्ताह के जिस दिन पड़ता है, उस दिन जो वार होता है उसी के नाम पर प्रदोष व्रत होता है। प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान से उपवास और भगवान शिव का पूजन किया जाता है। प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में पूजा का महत्व है।
महिलाएं करें ये उपाय
- प्रदोष व्रत के दिन महिलाएं प्रदोष काल या दिन में किसी भी समय सात पीले चावल के दाने लें।
- ये उपाय पीपल या बेलपत्र के वृक्ष पर भी किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि शिवलिंग या इन वृक्षों पर चावल समर्पित करने से पहले जल अवश्य चढ़ाएं, धूप-दीप भी जलाएं।
- शिवलिंग पर दूध, दही, शहद और बेलपत्र भी अर्पित किया जा सकता है, साथ ही जलाभिषेक के दौरान ओम नम: शिवाय जपते रहे।
- महिलाओं को इस दिन मिट्टी या आटे का दिपक बनाकर उसमें दो बत्ती शिव-शक्ति के नाम की रखनी चाहिए।
- फिर दीप जलाकर उसको हथेली पर लेकर शिव जी के मंदिर या बेलपत्र के वृक्ष के नीचे रख देना चाहिए।
- प्रदोष व्रत के दिन सुहागिन महिलाओं को हरे रंग की चूड़ियों का दान करना चाहिए।
- माता पार्वती को सिंदूर, बिंदी और मेहंदी लगानी चाहिए।
जानिए शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 फरवरी को दोपहर 12.47 बजे आरंभ होगी और 26 फरवरी की तारीख को सुबह 11.08 बजे खत्म होगी।