उत्तराखंड के नए सीएम पुष्कर सिंह धामी

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। उत्तराखंड के नए सीएम का ऐलान हो गया है। बीजेपी विधायक पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए सीएम बने है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगाई गई। धामी 2017 के बाद से भाजपा के तीसरे व उत्तराखंड के 11वें सीएम बने। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को इस्तीफा देने वाले तीरथ सिंह रावत ने भाजपा विधायक दल की बैठक में धामी के नाम का प्रस्ताव रखा था। इसे मंजूरी दे दी गई। सूत्रों के मुताबिक, पुष्कर सिंह धामी आज ही राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले सकते हैं। तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद भाजपा ने आज देहरादून में पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई थी। केन्द्र की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बैठक के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया था। उनकी मौजूदगी में ही धामी के नाम का ऐलान हुआ। बतौर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का 114 दिन का कार्यकाल उनके विवादित बयानों के लिए ज्यादा जाना जाएगा। फटी जींस से लेकर 20-20 बच्चे वाले उनके बयानों को शायद ही कोई भूला हो। पद संभालते ही भावावेश में तीरथ कुछ का कुछ बोलते रहे। कुंभ के दौरान उन्होंने संतों को खुश करने के लिए जिस तरह से कोरोना के नियमों में छूट देने का अधिकारियों को इशारा किया, उससे हिंदुओं का यह मेला कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया। यही नहीं, कोर्ट की आंखों में धूल झोंकने के लिए बीजेपी के करीबियों द्वारा सैंपलिंग और टेस्टिंग में जिस तरह से फर्जीवाड़ा किया गया, उससे तीरथ सरकार की छवि को बट्टा ही लगा।

मुख्तार को छोड़िए, उसके गुर्गों से कांपती है हजरतगंज पुलिस

  • जांच के बाद करती है मुकदमा दर्ज इसके बाद गिरफ्तारी से डरती
  • सुबोध मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं
  • डकैती के मामले में हुआ था एफआईआर अब धाराएं बदलने की तैयारी

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। योगी आदित्यनाथ ने सीएम की कुर्सी संभालते ही सख्त आदेश दिया था कि माफिया के इशारे पर नहीं, कानून के हिसाब से प्रदेश चलेगा। सीएम बनने के बाद सबसे पहले उन्होंने हजरतगंज कोतवाली का निरीक्षण कर यह संदेश दिया था लेकिन सीएम साहब को क्या पता कि जहां से अभियान चला था वहीं की पुलिस माफिया मुख्तार को तो छोड़िए उसके गुर्गों से थर-थर कांप रही है। एफआईआर दर्ज होने के एक माह बाद भी मुख्तार के गुर्गों को पकड़ने की हिम्मत हजरतगंज कोतवाल श्याम बाबू शुक्ला नहीं कर पाए। बता दें कि सुबोध बाजपेई शादी-विवाह में फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी का बिजनेस करता है। सुबोध के मुताबिक कोरोना काल में उसे बिजनेस बंद करना पड़ा और उसने सारा सामान हलवासिया स्थित दफ्तर में रख दिया। सुबोध के मुताबिक उसे 30 मई को केशव अग्निहोत्री ने हलवासिया दफ्तर में बुलाया और कहा कि इस दफ्तर को उसने खरीद लिया है। यहां रखी हुई सारा सामान उसका है। इस बात को लेकर सुबोध ने विरोध किया। जहां केशव के साथ मौजूद मुख्तार का गुर्गा इमरान, जैन अंसारी, अक्षय अग्निहोत्री, कृष्णा सिंह, अश्विनी मिश्रा, राहुल सहित 30 से 35 लोगों ने उसे गन प्वाइंट पर लेते हुए कमरे में बंधक बना लिया। सुबोध की पिटाई करने के बाद उसके पास मौजूद पांच लाख रुपए, सोने की चेन, अंगूठी सहित अन्य सामान छीन लिए। जबकि सुबोध के साथी को बाहर ही गन प्वाइंट पर ले लिया गया था। इसके बाद उसे धमकी दी गई कि वह लखनऊ छोड़कर चला जाए नहीं तो जान से मार दिया जाएगा।

आरोपियों के पक्ष में हजरतगंज पुलिस

इस मामले में जब सुबोध हजरतगंज कोतवाली गया तो उससे पहले जांच का बहाना किया गया। लगभग एक सप्ताह तक जांच की गई। सुबोध के मुताबिक वहां पर मौजूद सभी सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया और कई दिनों तक टरकाया।

रक्षामंत्री के फोन पर हरकत में आई पुलिस

इस मामले में सुबोध ने रक्षामंत्री से गुहार लगाई। पुलिस सूत्रों की मानें तो रक्षामंत्री ने जब पुलिस कमिश्नर से बात की तो हजरतगंज पुलिस अपनी औकात में आ गई और डकैती की धाराओं में छह जून को तहरीर बदलवाते हुए मुकदमा दर्ज किया। बता दें कि रक्षामंत्री के फोन और मुख्तार के गुर्गों जैसे इस संगीन मामले में हजरतगंज पुलिस लापरवाह दिखी। लगभग एक माह बाद भी किसी की गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर पाई है।

सुबोध मामले में जांच अधिकारी जांच कर रहे हैं। कुछ लोग है जो हजरतगंज पुलिस ही नहीं, पुलिस को ही बदनाम करना चाहते हैं। बाकी सारे आरोप लगाए गए बेबुनियाद हैं। कानून का उल्लंघन करने पर ही पुलिस कार्रवाई करती है।

श्याम बाबू शुक्ला, इंस्पेक्टर हजरतगंज

अखिलेश यादव की खामोशी के पीछे एक मजबूत आवाज है

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। मायावती लगातार अखिलेश यादव पर हमले कर रही है पर अखिलेश यादव खामोश है। इस खामोशी का कारण जरूर कोई है। फिलहाल आने वाले चुनाव में देखने को मिलेगा कि ये खामोशी क्या कहती है। ये बातें निकलकर सामने आई वरिष्ठï पत्रकार दीपक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक कुमार, वरिष्ठ पत्रकार अवनीश विद्यार्थी, सपा प्रवक्ता जूही सिंह व 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के साथ एक लंबी परिचर्चा में।परिचर्चा में दीपक शर्मा ने कहा जो ट्वीट मायावती ने किए हैं, उनसे यह लगता है कि उन्हें दिक्कत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से है। क्योंकि वे चाहती हैं आरएलडी व सपा में तकरार हो जाएं, इसके बाद वे अपनी पकड़ मजबूत कर सके। पिछले गठबंधन में बसपा ने सपा की जिताऊ सीटों पर बाजी मार ली, और सपा शहर के कई ऐसी सीटों पर लड़ी जहां सपा जीत नहीं सकती थी। ऐसे में अखिलेश का मायावती के साथ बड़ा कड़वा अनुभव रहा है। अवनीश विद्यार्थी ने कहा अखिलेश का व्यक्तित्व सुलझा हुआ है। राजनीति में उन्होंने कभी व्यक्तिगत तौर पर मायावती पर निजी हमले नहीं किए. वे मुलायम-शिवपाल की तरह के बयान देने से बचते है। वहीं अभिषेक कुमार ने कहा कोई भी दल अपने बूते यूपी में बहुमत लाते नहीं दिख रहा है। ऐसे में यह खामोशी इसलिए भी है कि क्या पता चुनाव तक फिर साथ आना पड़े। जूही सिंह ने कहा इस खामोशी के पीछे एक मजबूत आवाज है. इसीलिए जिसको सुनना होता है उस तक पहुँच ही जाती है।

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