किसानों और केंद्र सरकार में टकराव बढ़ा, आंदोलन तेज

  • सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान दिल्ली से कौशांबी जाने वाली सडक़ को किया बंद
  • किसान नेता बोले, आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही सरकार
  • कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कृषि कानूनों पर सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद किसान संगठनों ने आंदोलन को तेज कर दिया है। इससे केंद्र सरकार और किसानों के बीच टकराव बढ़ता नजर आ रहा है। कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान आज भी दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहे। यही नहीं उन्होंने सरकार पर आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश का आरोप भी लगाया। पंजाब समेत कई अन्य राज्यों से किसानों के जत्थे आंदोलन को तेज करने के लिए रवाना हो गए हैं। दूसरी ओर सरकार ने किसानों से अपना आंदोलन वापस लेने की अपील की है।
दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन आज 15वें दिन भी जारी रहा है। कल केंद्र सरकार ने जो प्रस्ताव भेजे थे उन सभी को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया है। किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया है। किसान तीनों कानूनों को रद्द करने से पहले अपना आंदोलन वापस लेने को तैयार नहीं हैं। हालांकि वे सरकार के अगले प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं। आंदोलन के अगले चरण में किसान 12 दिसंबर को देश भर के सभी टोल प्लाजा को फ्री कर देने और 14 दिसंबर को देशव्यापी धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है। वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता मनजीत सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा किसान आंदोलन को कमजोर करने की है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के ज्वाइंट सेक्रेटरी सुखविंदर सिंह का कहना है कि आने वाले दिनों में हमारा आंदोलन और तेज होगा। सरकार जब तक ये कानून वापस नहीं लेती तब तक हम आराम से बैठने वाले नहीं हैं। आंदोलन के कारण सिंघु, औचंदी, पियाऊ मनियारी और मंगेश बॉर्डर बंद हैं। एनएच 44 भी बंद है। यूपी गेट पर जुटे किसानों ने डाबर से आने वाले रोड को जाम कर दिया। किसानों के धरना-प्रदर्शन से दिल्ली से यूपी और हरियाणा के दर्जनभर रास्ते सील हैं।

कृषि मंत्री ने आंदोलन खत्म करने की अपील की

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपील की है कि वे अपना आंदोलन समाप्त करें और सरकार के साथ सहयोग करें।

केंद्रीय मंत्री दानवे के बयान पर भड़क़े किसान

केंद्रीय मंत्री राव साहब दानवे के उस बयान पर किसानों ने नाराजगी जताई है, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन में चीन और पाकिस्तान का हाथ बताया था। अखिल भारतीय किसान सभा के जनरल सेके्रटरी हन्नान ने कहा कि यह भारतीय किसानों का अपमान है। किसान अपने स्वयं के हितों का नेतृत्व करते हैं।
किसान आंदोलन भारत के इस लोकतांत्रिक मूल्य की पुनसर््थापना का भी आंदोलन है कि सरकार के सभी फैसलों में आम जनता की भागीदारी होनी चाहिए, सरकार की मनमानी नहीं। इसीलिए भारत में लोकतंत्र को बचाने के लिए देश का हर नागरिक भी आज ‘किसान आंदोलन’ के साथ भावात्मक रूप से जुड़ता जा रहा है।
अखिलेश यादव, सपा प्रमुख

किसान नए कृषि कानूनों के बारे में फैलाई जा रही भ्रामक सूचनाओं और अफवाहों का शिकार न हों। एपीएमसी मंडियों का संचालन जारी रहेगा और नए कृषि कानूनों के पारित होने के बाद कोई एपीएमसी मंडी बंद नहीं हुई। नए कृषि कानूनों और सुधारों के पीछे की वास्तविकता को जानें।
प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मंत्री

पीएम ने रखी नए संसद भवन की नींव

  • किया भूमि पूजन, 2022 तक बनकर होगा तैयार
  • टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को निर्माण की जिम्मेदारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन कर आज नए संसद भवन की नींव रखी। नए संसद भवन का निर्माण अक्टूबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर नए भवन में संसद सत्र को आयोजित किया जा सके। नए संसद भवन में लोकसभा वर्तमान के मुकाबले तीन गुना बड़ा होगा। राज्यसभा का आकार भी बढ़ेगा। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड 64,500 वर्ग मीटर के कुल क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण करेगा।
नया संसद भवन अगले सौ वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ाने में कोई कठिनाई न हो। यह अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस होगा।

दुनिया कर रही है भारत का अनुसरण: योगी

  • हर क्षेत्र में आगे बढऩे का संकल्प ले संस्थाएं
  • शिक्षा के व्यवहारिक पक्ष का भी रखें ध्यान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गोरखपुर। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत का अनुसरण कर रही है। एक समय था जब हम देखते थे कि किसी मामले में दुनिया क्या कर रही है। आज दुनिया देख रही है कि भारत क्या कर रहा है। यह बदलाव नेतृत्व की वजह से है।
उन्होंने कहा कि जो बात देश पर लागू होती है वही संस्थाओं पर भी लागू होती है। हम पिछलग्गू बनेंगे या अपने कृतित्व से दूसरे के लिए प्रेरक बनेंगे। यह हमको तय करना है। संस्थाओं को भी ऐसी संकल्प के साथ हर क्षेत्र में आगे बढऩा चाहिए। देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया गया है। शिक्षा के केवल सैद्धांतिक नहीं बल्कि व्यवहारिक पक्ष को भी ध्यान में रखा जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई अपने जीवन को अच्छे कर्मों से आगे बढ़ाता है तो वह अपने से जुड़े सभी व्यक्तियों, संस्थाओं के लिए भी गौरव का विषय बनाता है लेकिन यदि आपके कृतित्व से यदि आपका जीवन आपके लिए बोझ बन जाए तो फिर समाज और देश को भी वह बोझ ही लगता है। संस्थाओं के साथ भी यही बात लागू होती है। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित, दिगंबर अखाड़ा अयोध्या के महंत सुरेंद्र दास, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। आज के कार्यक्रम में छह सौ से अधिक छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।

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