सितंबर के पहले हफ्ते में यूपी में बिजली की नई दर पर फैसला
लखनऊ। कोरोनाकाल में बिजली उपभोक्ताओं पर एक और भार पडऩे वाला है। क्योंकि योगी सरकार उत्तरप्रदेश में बिजली महंगी करने की तैयारी में है। अगस्त में बिजली की नई दरों पर फैसला होना था। मगर कोरोना के चलते अब सितंबर में इस पर निर्णय होगा। बताया जाता है कि बिजली दर बढ़ते ही प्रति यूनिट भुगतान भी बढ़ जाता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार बिजली कंपनियों द्वारा वार्षिक राजस्व आवश्यक्ता (एआरआर) और बिजली की नई दर निर्धारित करने के लिए नियामक आयोग में दाखिल रिपोर्ट पर अगली सुनवाई अब आठ व दस सितंबर को होनी है। उ.प्र. राज्य उपभोक्ता परिषद और अन्य उपभोक्ता प्रतिनिधियों की मांग पर विद्युत नियामक आयोग ने 10 व 13 अगस्त को होने वाली इस सुनवाई की तिथि को आगे बढ़ा दिया है। सुनवाई वीसी के माध्यम से होगी। बिजली कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यक्ता और बिजली दर पर सुनवाई नियामक आयोग में चल रही है। उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में एक जनहित प्रत्यावेदन दाखिल कर सुनवाई की तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की थी। आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह द्वारा सुनवाई की तिथि को आगे बढ़ाने पर उपभोक्ता परिषद ने आभार जताया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आयोग में प्रस्तुत अपने प्रत्यावेदन में सुनवाई की तिथि आगे बढ़ाने की मांग की थी। बिजली कंपनियों ने एआरआर व बिजली दर पर आपत्तियां दाखिल करने के लिए उपभोक्ताओं को कम से कम 25 दिन का समय दिया जाना चाहिए। कंपनियों ने एआरआर के संबंध में विज्ञापन 31 अगस्त को प्रकाशित कराया है और 15 दिन में आपत्तियां मांगी है। ऐसे में सुनवाई की तिथि आगे बढ़ाई जाए। ताकि उपभोक्ता अपनी आपत्तियां दाखिल कर सकें। पिछले साल भी बढ़ी थी दरें, महंगी हुई थी बिजली बीते साल भी सितंबर माह में बिजली की दरें बढ़ी थी। तब औसतन 12 फीसदी का इजाफा किया गया था। शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को तब से फिक्स चार्ज के रूप में 10 रुपए प्रति किलोवाट के साथ ही बिजली के लिए 50-60 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है। वहीं अनमीटर्ड ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 25 फीसदी की वृद्धि की गई थी। यही नहीं किसानों, कॉमर्शियल व औद्योगिक उपभोक्ताओं पर भी बोझ बढ़ा था।
मुरादाबाद में किडनैप कर मांगी थी 30 लाख की फिरौती, 5 वर्षीय मासूम दिल्ली से बरामद
रामलीला मैदान के पास से लापता हुआ था बच्चा लखनऊ। मुरादाबाद में रामलीला मैदान के पास से लापता मासूम धु्रव को यूपी पुलिस ने शनिवार सुबह दिल्ली में एक बस से बरामद कर लिया है। किडनैपर ने शुक्रवार दोपहर 5 साल के मासूम बच्चे का अपहरण कर उसके माता-पिता से छुड़ाने के लिए 30 लाख की फिरौती मांगी थी। अपहरण की इस वारदात से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। पुलिस के अनुसार रामलीला मैदान के पास गौरव कुमार का परिवार रहता है। फाइनेंस कंपनी में जॉब करने वाले गौरव का 5 वर्षीय बेटा ध्रुव घर से निकलकर पास के ही दुकान पर सामान खरीदने के लिए गया था। जब वह नहीं लौटा तो घरवालों ने उसकी तलाश शुरू की। गौरव का कहना है कि दोपहर को किडनैपर ने घर पर फोन करके बेटे को छुड़ाने के लिए तीस लाख की फिरौती मांगी। पुलिस में रिपोर्ट दी तो पुलिस ने अपहरणकर्ताओं की तलाश में सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू कर दिए। एसएसपी प्रभाकर चौधरी व एसपी अमित पाठक के अथक प्रयासों के बाद पुलिस ने शनिवार सुबह बच्चे को दिल्ली से बरामद कर लिया गया। डर से किडनैपर ने बस में छोड़ा बच्चा रोडवेज बस में बैठा मिला। बताया जा रहा है कि पकड़े जाने के डर से आरोपी ने बच्चे की जेब में उसका नाम और घर का पता रखकर उसे रोडवेज बस में बैठा दिया। कंडक्टर ने अकेले बच्चे को पाकर पुलिस को सूचना दी। बच्चे की जेब से मिले नाम और पते के बाद उसके घर का पता चल सका।
बेनी के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर भाजपा की नजर
पहले इस सीट पर सपा का था कब्जा
अब भाजपा में प्रत्याशी के नाम पर मंथन
24 अगस्त को है उपचुनाव लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता बेनी प्रसाद वर्मा के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट पर भाजपा की नजर है। इस राज्यसभा सीट पर 24 अगस्त को होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा ने दावेदारों के नाम पर मंथन शुरू कर दिया है। बेनी प्रसाद वर्मा के निधन से खाली हुई सीट पर भाजपा के विधायकों की संख्या बल को देखते हुए भाजपा का सपा से यह सीट छीनना तय है। इसलिए इस सेफ सीट पर भाजपा के तीन नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं। भाजपा ने इस सीट पर क्षेत्रीय व जातीय समीकरण साधने शुरू कर दिए हैं। इस सीट पर जीतने वाले प्रत्याशी का 2022 तक राज्यसभा का सदस्य रहेगा। इस सीट के लिए नामांकन पत्र भरने की तारीख छह अगस्त से शुरू हो गई है। भाजपा को नामांकन की आखिरी तिथि 13 अगस्त से पहले अपना प्रत्याशी तय कर लेना होगा। ऐसे में अगले हफ्ते की 11 या 12 अगस्त को भाजपा अपना प्रत्याशी तय कर सकती है। इन तीन नामों पर है चर्चा भाजपा की ओर से इन नामों की चर्चा है। लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी से भाजपा में अपने पुत्र नितिन अग्रवाल के साथ आए नरेश अग्रवाल के अलावा भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी और पार्टी के प्रदेश महामंत्री सलिल विश्नोई का नाम प्रमुख रूप से है। पिछले उपचुनाव में डा. अरुण सिंह और सुधांशु त्रिवेदी भाजपा की ओर से निर्विरोध निर्वाचित घोषित हुए थे।