संघ प्रमुख के बयान का होने लगा है असर

  • तमिलनाडु में तीसरा बच्चा पैदा करने पर मिलेगी गाय और नगद उपहार
  • चिदंबरम की प्रतिक्रिया- देश ने जो अभी तक पाया है वह उलट जायेगा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नागपुर में आयोजित कथाले कुल सम्मेलन में संघ प्रमुख ने हिंदुओं से तीन बच्चे पैदा करने की अपील की थी। उनकी इस अपील का असर होने लगा है और शुरुआत तमिलनाडु से हो गयी है। आंध्र प्रदेश के टीडीपी सांसद कालीसेट्टी अप्पाला नायडू द्वारा तीसरे बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं को 50,000 रुपये नकद देने की बाकायदा घोषणा हो चुकी है।
यही नहीं सांसद ने कहा है कि यदि कोई महिला लड़का पैदा करती है तो उसे एक गाय भी उपहार में दी जायेगी। उनकी इस घोषणा का विरोध पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम समेत दूसरे नेताओं ने शुरू कर दिया है। सभी का यही कहना है कि इस बयान का असर गलत होगा। देश ने जो पिछले 70 सालों में हासिल किया है वह सब उलट सकता है।

अब स्थिर होना शुरू हुई है आबादी

आंकड़ों के मुताबिक भारत की आबादी अब स्थितर होना शुरू हुई है। ऐसे में यदि सभी लोग तीन बच्चें पैदा करने लगेंगे तो आबादी की सुनामी आ जाएगी जोकि भारत के लिए नकारात्मक होगा। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि भारत पहले से ही दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, और अब हमारी जनसंख्या स्थिर हो रही है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2062 तक भारतीय जनसंख्या अपने चरम पर पहुंचने की उम्मीद है, इसके बाद इसमें गिरावट देखने को मिलेगी। चिदंबरम ने इस पहल को अदूरदर्शी और गलत करार दिया है। चिदंबरम ने कहा कि इस तरह का आह्वान, जिसमें तीसरे बच्चे के लिए प्रोत्साहन देने की बात की गई है, भारत के लिए नकारात्मक होगा।

घट रही है हिंदू आबादी

देश भले ही इस वर्ष आबादी के मामले में लंबी छलांग लगाते हुए पूरे विश्व में नम्बर एक की स्थिति में आ गया हो लेकिन देश में हिंदू आबादी घटी है। भारत में बहुसंख्यक हिंदू पिछली जनगणना में 80 प्रतिशत थे जो अब इस साल तक उनकी जनसंख्या वृद्धि दर घटने से देश में उनकी कुल आबादी घटकर 78.9 प्रतिशत ही रह गई है। जबकि हिंदू आबादी अब भी देश में करीब 1.094 अरब है। पूरे विश्व के 95 प्रतिशत हिंदू भारत में रहते हैं। जबकि देश में मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर बढ़ी है।

सीएम नायडू पहले ही कर चुके हैं अपील

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी दो से अधिक बच्चा पैदा करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों के लोगों को ज्यादा बच्चा पैदा करने की जरूरत है। दक्षिण में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है। गांव खाली हो रहे हैं। आंध्र प्रदेश की सरकार दो से अधिक बच्चा पैदा करने वाले परिवारों को प्रोत्साहन राशि देने पर भी विचार कर रही है। सरकार यह भी कानून बनाने की तैयारी में है कि दो से अधिक बच्चे वाले लोग ही स्थानीय निकाय का चुनाव लडऩे के योग्य होंगे। नायडू का कहना है कि गांवों से युवाओं के पलायन की वजह से समस्या और विकराल हो गई है।

शिशु मृत्यु दर को कम किया जाए : पी. चिदंबरम

पी. चिदंबरम के मुताबिक अभी हमारे पास 37 साल बाकी हैं और माता-पिता को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना पिछले 70 सालों में जो भी हमने प्राप्त किया है उसे उलट देगा। उन्होंने कहा कि देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह नहीं है कि अधिक बच्चे पैदा किए जाएं। बल्कि चुनौती यह है कि शिशु और मातृ मृत्यु दर को कम किया जाए। साथ ही बच्चों को पहले 5 वर्षों में बेहतर पोषण और देखभाल मिले। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश में तीसरे बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं को 50,000 रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा, यदि महिला लड़के को जन्म देती है, तो उसे एक गाय भी उपहार के रूप में दी जाएगी। यह घोषणा राज्य के विजयनगरम से तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद कालीसेट्टी अप्पाला नायडू ने की।

ओडिशा विस में लोकतंत्र शर्मसार, भाजपा व बीजद में हाथापाई

  • भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र के विवादित बयान से गरमाया माहौल
  • सारे देश में बीजेपी पर हुआ विपक्ष हमलावर
  • कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति ने लगाए भाजपा विधायक पर गंभीर आरोप

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भुवनेश्वर। ओडिशा विस में लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र के विवादित बयान को लेकर उपजे विवाद को लेकर सदन में भाजपा व बीजद के विधायकों के बीच हाथापाई हो गई है। ओडिशा के इतिहास में पहली बाहर किसी प्रसंग को लेकर शासक एवं विरोधी दल के विधायकों के बीच हाथापाई होने की घटना सामने आई है।
उप्र एवं बिहार जैसे राज्य के विधानसभा में शासक-विरोधी के बीच माइक फेकने, मारपीट की घटना देखे को मिलती रही है। परन्तु पहली बार ओडिशा विधानसभा में इस तरह की स्थिति देखने को मिली है। ओडिशा में पश्चिम ओडिशा के मिलने को ऐतिहासिक भूल होने की बात कुछ दिन पहले भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र ने एक सरकारी सभा में कही थी। इसके साथ ही सभा में जब राज्य की गीत वंदे उत्कल जननी का गान चल रहा था तब वह अपनी सीट से खड़े नहीं हुए। कांग्रेस एवं बीजद के विधायकों ने इसके खिलाफ सदन के मध्य भाग में आकर प्रतिवाद किया।

कांग्रेस विधायक ने कॉलर खींचने का लगाया आरोप

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति ने कहा है कि जय नारायण मिश्र एवं भाजपा के विधायकों ने मेरी कालर पकड़ी, मुझे गाली दी। 25 वर्ष से मैं विधायक हूं ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी। स्पीकर से हम अनुरोध कर रहे थे, मगर वह नहीं सुनी। सदन में भाजपा विधायक इस तरह से मारपीट कर रहे हैं, तो फिर सदन के बाहर वे क्या करते होंगे,यह सोचने की बात है। महिलाओं को सुरक्षा देने में सरकार विफल है। विधायक के निलंबन की मांग की है।

भाजपा विधायक की सफाई

वहीं भाजपा विधायक अशोक महांति ने कहा है कि ओडिशा शासन की जिम्मेदारी भाजपा को लोगों ने दिया है। तीन दिन से विरोधी दल सदन नहीं चलने दे रहे हैं। आज भी जैसे ही प्रश्नोत्तर शुरू हुआ, विरोधी दल नारेबाजी करने लगे।मंत्री पर हाथ उठाए।हम कहना चाहते हैं, आप अपनी बात विधानसभा अध्यक्ष से कह सकते हैं, परन्तु किसी मंत्री के ऊपर आप हाथ नहीं उठा सकते हैं। विधानसभा में अराजकता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष सूरमा पाढ़ी ने हस्तक्षेप किया मगर कोई लाभ नहीं हुआ। हंगामा जारी रहने के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।

राज्यसभा में खरगे के बयान पर मचा बवाल

संसद के बजट सत्र में नई शिक्षा नीति का मुद्दा छाया हुआ है। पक्ष और विपक्ष के बीच इसे लेकर जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है। इसी बीच मंगलवार को राज्यसभा में नेता विपक्ष मलिकार्जुन खरगे ने एक ऐसा बयान दिया, जिस पर सदन में खूब हंगामा हुआ। दरअसल, खरगे ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान की निंदा की। जब उपसभापति की ओर से खरगे को बोलने से रोका गया तो वो गुस्सा गए। यहां तानाशाही चल रही है। इस पर जब उपसभापति की ओर से उन्हें फिर बोलने से रोका गया तो क्या-क्या ठोकना है हम ठीक से ठोकेंगे।

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