भाजपा नेताओं के विवादित बयान से पूरे देश में कोहराम

  • मुस्लिमों पर तीखे बोलों से विपक्ष के निशाने पर आई बीजेपी
  • बंगाल में सुवेंदु , महाराष्ट्र में नीतेश व यूपी में केतकी के बिगड़े बोल से माहौल गरमाया
  • कांग्रेस, टीएमसी और शिवसेना यूबिटी ने एनडीए सरकार पर किए प्रहार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। महाराष्ट्र, यूपी, पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों के खिलाफ विवादित बयान से पूरे देश में कोहराम मच गया है। बता दें बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसे लेकर वहां की सियासत अभी से गरमाने लगी है। बंगाल में विपक्ष के भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के मुस्लिमों पर एक विवादित बयान देने से पूरे राज्य में बवाल मच गया है।
टीमएसी समेत सभी दलों ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा वह देश में नफरत फैला रही है जो संविधान के खिलाफ है। दरअसल भाजपा नेता हाल ही में उन्होंने एक बार फिर मुसलमानों को लेकर तीखा बयान दिया है। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद मुस्लिम विधायकों को शारीरिक रूप से विधानसभा से बाहर फेंक देंगे। अधिकारी के इस बयान के बाद टीएमसी ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है और इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। वहीं महाराष्ट्र में नितेश राणे व सीएम फडणवीस के बयान पर भी विपक्ष ने कड़ी आपत्ति की है।

टीएमसी मुस्लिम लीग का दूसरा रूप : सुवेंदु

पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुवेंदु अधिकारी को 17 फरवरी को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था और वो अब पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित हो चुके हैं। उन्होंने राज्य की ममता सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि यह सरकार सांप्रदायिक प्रशासन चला रही है औरउन्होंने इसे मुस्लिम लीग का दूसरा रूप भी करार दिया था। उन्होंने कहा, बंगाल की जनता इस बार इस सरकार को उखाड़ फेकेंगी।

सुवेंदु अधिकारी की दिमागी हालत ठीक नहीं : कुणाल घोष

सुवेंदु अधिकारी के विवादित बयान के बाद ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताते हुए उनके भाषण को नफरती बताया है। इतना ही नहीं, टीएमसी ने सुवेंदु अधिकारी की दिमागी हालत पर भी सवाल उठाए हैं। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, किसी भी निर्वाचित प्रतिनिधि को अपने साधी विधायकों के खिलाफ इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। संसद में बहस और तर्क-वितर्क हो सकते हैं, लेकिन धर्म का मुद्दा उठाकर किसी विशेष समुदाय के विधायकों को निशाना बनाना संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है।

सुवेंदु पहले भी दे चुके हैं इस तरह के बयान

यह पहली बार नहीं है कि सुवेंदु अधिकारी ने इस तरह का बयान दिया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कमजोर प्रदर्शन के बाद भी उन्होंने ऐसा बयान दिया था, जिससे उनकी पार्टी में असहजता फैल गई थी। उन्होंने पार्टी के सबका साथ, सबका विकास नारे को खारिज करते हुए कहा था कि जो हमारे साथ, हम उनके साथ हैं। बंगाल में 13 लाख से अधिक फर्जी मतदाता, भाजपा ने वोटर लिस्ट ऑडिट कराने की मांग की

इस तरह से तो देश जल जाएगा : संजय राउत

महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर से जुड़े नियमों के उल्लंघन पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर से निकलने वाली तेज आवाज के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह हाईकोर्ट का आदेश है. इसलिए अगर सरकार उस आदेश का पालन करती है, तो यह अच्छी बात है। इसके अलावा मल्हार सर्टिफिकेट को लेकर उन्होंने कहा कि इस समाज के एक बड़े नेता ने इसका विरोध किया है, ये लोग हिंदू-मुसलमान का विभाजन करके इस देश का विभाजन करना चाहते है एक उत्तर प्रदेश की इनकी विधायक है, जो कहती है कि मुसलमानों का अलग इलाज हो। उन्होंने कहा कि एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं कि तीन तलाक हाटने से मुस्लिम महिलाओं को राहत होती और दूसरी तरफ इनकी पार्टी के लोग इस तरह से बयानबाजी कर रहे हैं। ये लोग देश में दंगे भड़काना चाहते हैं और देश को फिर से तोड़ना चाहते हैं. ये लोग तो भाग जाएंगे पर देश जल जाएगा।

मुसलमानों को उनके अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर किया जा रहा : मौलाना मदनी

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य संगठनों द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ आहूत विरोध प्रदर्शन को समर्थन देते हुए दावा किया कि मुसलमानों को उनके अधिकारों को पुन: प्राप्त करने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि 12 फरवरी, 2025 को संगठन की कार्यसमिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि यदि विधेयक पारित होता है, तो जमीयत उलेमा-ए-हिंद की सभी राज्य इकाइयां अपने-अपने राज्य के उच्च न्यायालयों में इस कानून को चुनौती देंगी। इसके अलावा, जमीयत इस विश्वास के साथ उच्चतम न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएगी कि न्याय मिलेगा, क्योंकि अदालत हमारे लिए अंतिम सहारा है।

मस्जिद मामले में होली से पहले मुस्लिम पक्ष की बड़ी जीत, हाईकोर्ट ने मंजूर की मांग

उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रंगाई पुताई की मस्जिद कमेटी की मांग को मंजूर किया है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (एएसआई) रंगाई पुताई का काम कराएगा। एएससाई को एक हफ्ते में व्हाइट वॉश का काम पूरा करना होगा। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने यह आदेश दिया है, सिर्फ बाहरी परिसर में व्हाइट वॉश होगा. मस्जिद कमेटी ने बाहरी परिसर में ही रंगाई पुताई की इजाजत मांगी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले ही साफ सफाई की मांग को मंजूर कर लिया था। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया मस्जिद परिसर में साफ सफाई का काम पूरा भी करा चुका है, अब हाईकोर्ट के फैसले से मुस्लिम पक्ष को बड़ी राहत मिली है। संभल शाही जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इसे अपनी बड़ी जीत बताया है और हाईकोर्ट का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट में मस्जिद पक्ष की जीत हुई है। मस्जिद कमेटी ने एएसआई के जवाब पर भी आपत्ति की थी. जब हाईकोर्ट ने एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर सिर्फ जामा मस्जिद की साफ सफाई का आदेश दिया था. संभल की शाही जामा मस्जिद में रंगाई पुताई, मरम्मत और लाइटिंग के काम की इजाजत दिए जाने की मांग को लेकर मस्जिद कमेटी ने याचिक दाखिल की थी। इस दौरान हिंदू पक्ष की तरफ से भी यह कहा गया है कि मरम्मत और पुताई होने से ढांचे को नुकसान हो सकता है।

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