कोरोना से लड़िए सरकार, आलोचना करने वालों से नहीं : एसपी सिंह पर एफआईआर, पत्रकारों को मीडिया ग्रुप से निकाला

  • अफसर चाहते हैं कि यूपी सरकार के दावों की कड़वी सच्चाई जनता के बीच न पहुंचे
  • सच्चाई बताने वाली खबरों से नाराज योगी के अफसर सीएम को खुश करने के लिए अखबारों में खुद मैनेज कर रहे हेडिंग
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ें छिपाने में लगातार लगी हुई हैं। जबकि सच्चाई यह है कि यूपी के हालात भयावह है। ऐसे समय में सरकार को जनता के सामने सही आंकड़े पेश कर स्वच्छ छवि बनानी थी। आंकड़ों के जरिए जनता को जागरूक करना था कि कोरोना कितना खतरनाक है। मगर सरकार कोरोना से लड़ने के बजाय अलोचना करने वालों से ही लड़ने में लग गई हैं। यही नहीं, जो भी सरकार को जागरूक करने का कार्य कर रहा है उल्टा इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही है। सच्चाई की आवाज को दबाया जा रहा है। सच्चाई बताने वाली खबरों से नाराज योगी के अफसरों ने पत्रकारों को ‘सीएम मीडिया ग्रुपÓ से रिमूव कर दिया है। अफसर चाहते हैं कि यूपी सरकार के दावों की कड़वी सच्चाई जनता के बीच न पहुंचे कि कोरोना की असली हकीकत क्या है। इसी वजह से कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ें भी छिपाए जा रहे हैं। सरकार की चाटुकारिता में लगे कुछ अफसर जबरन मीडिया पर दबाव भी डाल रहे हैं। यहां तक कि अ्रखबारों की खबरों की हेडिंग भी खुद लगवा रहे हैं कि सरकार को कैसे खुश किया जाए। वहीं विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि दुनिया भर में यूपी की बदनामी हो रही है। कोरोना काल में घाटों में लाशें मिल रही हैं। इनका अंतिम संस्कार तक नहीं किया गया और नदियों में प्रवाहित किया जा रहा है। इसने सरकार की तमाम व्यवस्थाओं के दावों की हकीकत उजागर कर दी है। यही नहीं, टेस्टिंग कम करके आंकड़ों में भी खेल किया जा रहा है। हर एक का कोरोना टेस्ट न होना जनता के साथ धोखा है।
गंगा में तैरते शवों को लेकर जताई चिंता, रिटायर्ड आईएएस पर केस
गंगा में तैरते शवों को लेकर अपनी बात रखने वाले रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह पर उन्नाव में एफआईआर दर्ज की गई है। रिटायर्ड आईएएस एसपी सिंह पर एक ट्वीट के माध्यम से जन मानस को भड़काने के प्रयास का आरोप है। एसपी सिंह का ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसी को लेकर उन्नाव सदर कोतवाली पुलिस ने ट्वीट का संज्ञान लिया है। सदर कोतवाली में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी पर महामारी एक्ट, आपदा प्रबंधन एक्ट व आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है।

योगी सरकार पूरी तरह हताश है। मानसिक संतुलन खो चुकी है। आवाज उठाने वालों के खिलाफ इस सरकार में मुकदमा दर्ज हो रहा है। पत्रकारों को सच लिखने पर मनाही है। हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी अगर प्रदेश के श्मशानों के रजिस्टर जब्त कर आंकड़ों का मिलान करें, उसका सत्यापन करें तो सरकारी दावों के उलट 20 गुना मौतें कोरोना से हुई है, यह सच सामने आ जाएगा। जांच से यूपी में एक बड़े नरसंहार का पर्दाफाश हो जाएगा।
वैभव माहेश्वरी, आप प्रवक्ता
कोरोना ऐसी महामारी है, जिसकी जानकारी जनता को देने से ही बीमारी कंट्रोल की जा सकती है। मगर सरकार के कुछ अफसर चापलूसी और अच्छा दिखाने के चक्कर में बीमारी को दबा रहे है। पत्रकारों की आवाज को दबाया जा रहा है। जागरूकता फैलाने वाले लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है जो कि अक्षम्य अपराध है। जनता की पीड़ा को दबाने वाले को जनता जरूर सबक सिखाएगी आने वाले दिनों में।
उदयवीर सिंह, सपा प्रवक्ता
यूपी सरकार को अफसर और अधिकारी लगातार भ्रमित करने में लगे हैं। सीएम योगी को खुश करने के लिए सरकार के सामने झूठे आंकड़े पेश किए जा रहे हैं। पत्रकारों को भी सच नहीं लिखने दिया जा रहा है। कोरोना काल में प्रदेश की स्थिति बहुत ही भयावह हो गई है। बावजूद इसके सरकार नहीं चेत रही है, जो कि चिंता का विषय है।
जीशान हैदर, कांग्रेस प्रवक्ता

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button