खतरनाक साबित हो सकता है डेल्टा वैरिएंट

नई दिल्ली। यूरोप में एक बार फिर कोरोना के नए मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। इस बार बढ़ोतरी की वजह डेल्टा वेरिएंट है। यह वैरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था। यूरोपियन यूनियन की मेडिकल एजेंसी ने जानकारी दी है कि यूरोप में कोरोना के 90 फीसदी नए मामले डेल्टा वेरिएंट से जुड़े हो सकते हैं। यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ने कहा है- बहुत संभव है कि इस गर्मी में डेल्टा वेरिएंट बुरी तरह फैल जाए। खासकर उन युवाओं में जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं मिली है।
एजेंसी ने कहा है- डेल्टा का नया वेरिएंट ‘यादा संक्रामक है। हमारा अनुमान है कि अगस्त के अंत तक यूरोप में 90 फीसदी मामले इसी वेरिएंट से जुड़े होंगे। एजेंसी का अनुमान है कि डेल्टा संस्करण अपने पूर्ववर्ती अल्फा संस्करण की तुलना में 40-60 गुना अधिक संक्रामक हो सकता है।
यह भी चेतावनी दी गई है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। चिकित्सा व्यवस्था पर एक बार फिर बोझ बढ़ सकता है। साथ ही नए वेरिएंट के असर से मरने वालों की संख्या भी बढ़ सकती है।
एजेंसी ने कोरोना के खिलाफ अभियान को तेज करने के लिए टीकाकरण पर जोर देने को कहा है। यूरोप में अब तक 80 वर्ष से अधिक आयु के &0 प्रतिशत लोगों को, 60 से अधिक उम्र के 40 प्रतिशत लोगों को पूरी तरह से टीका नहीं लगाया गया है। एजेंसी का कहना है कि इस स्तर पर दूसरे डोज का काम जल्द पूरा करने की जरूरत है। आपको बता दें कि भारत में इस समय डेल्टा वेरिएंट के म्यूटेशन डेल्टा प्लस के मामले मिलने शुरू हो गए हैं। हालांकि इनकी संख्या अभी भी बहुत कम है। लेकिन मंगलवार को भारत सरकार ने इसे चिंता का एक रूप बताया है. साथ ही देश के सभी रा’यों को पत्र लिखकर इस प्रकार के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दी है।

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