गरीबी है, वरना कोई नहीं चाहता भीख मांगना : सुप्रीमकोर्ट

  • शीर्ष न्यायालय ने सरकार को दिखाया आईना
  • कोरोना काल में भीख मांगने पर रोक लगाने से किया इंकार
  • अभिजात्यवादी नजरिया नहीं अपनाएगा कोर्ट
  • केंद्र और दिल्ली सरकार से मांगा पुनर्वास और टीकाकरण पर जवाब

4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज कोरोना महामारी के मद्देनजर भिखारियों और फुटपाथ पर रहने वाले लोगों के पुनर्वास और टीकाकरण का आग्रह करने वाली याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि वह ‘अभिजात्यवादी नजरियाÓ नहीं अपनाएगा कि सड़कों पर भिखारी नहीं होने चाहिए। यह एक सामाजिक-आर्थिक समस्या है। गरीबी है वरना कोई भीख नहीं मांगना चाहता है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने सरकार को आईना दिखाते हुए कहा कि शिक्षा और रोजगार की कमी के कारण आजीविका की कुछ बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग आमतौर पर सड़कों पर भीख मांगने पर मजबूर होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के रूप में, हम अभिजात्यवादी दृष्टिकोण नहीं अपनाना चाहेंगे कि सड़कों पर कोई भी भिखारी नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारीकर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका में महामारी के बीच भिखारियों के पुनर्वास, उनके टीकाकरण और उन्हें आश्रय और भोजन उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आपकी याचिका में कहा गया है कि लोगों को सड़कों पर होने से रोका जाए। लोग सड़क पर भीख क्यों मांगते हैं? यह गरीबी है। उनके पास कोई विकल्प नहीं है। कोई भीख नहीं मांगना चाहता। पीठ कुश कालरा द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर भी सख्त रुख

नई दिल्ली। देश में स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ता हालत का मसला उठाने वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। याचिका में निजी अस्पतालों में महंगे इलाज का मसला उठाया गया है। साथ ही, छोटे क्लिनिक में बिना विशेषज्ञ डॉक्टरों और जरूरी सुविधा के मरीजों को भर्ती करने की भी बात याचिका में रखी गई है। याचिका एनजीओ जन स्वास्थ्य अभियान की है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील संजय पारिख ने 2010 में बने क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट्स (रजिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन) एक्ट के अब तक पूरी तरह लागू न होने का मसला उठाया। सुनवाई कर रही बेंच के अध्यक्ष चीफ जस्टिस एन वी रमना ने याचिकाकर्ता की चिंताओं से सहमति जताई। उन्होंने कहा, इस मसले को केंद्र और राज्यों को देखना है। हमें व्यवहारिक रुख अपनाना होगा। निजी अस्पताल और क्लिनिक के रजिस्ट्रेशन के नियम बने हुए हैं लेकिन यह भी देखने की जरूरत है कि अगर छोटे क्लिनिक और लैब को विशेषज्ञ डॉक्टरों को रखने के लिए कहा गया तो इसका खर्चा आखिरकार गरीब मरीज को ही उठाना पड़ेगा।

संसद में हंगामा, विपक्ष पर बरसे मोदी

  • जासूसी कांड को लेकर दोनों सदनों की बाधित हुई कार्यवाही
  • संसदीय दल की बैठक में बोले पीएम, विपक्ष को जनता के सामने करें बेनकाब

4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में विपक्ष का हंगामा रूकने का नाम नहीं ले रहा है। आज भी विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी प्रकरण की जांच कराए जाने की मांग को लेकर कार्यवाही नहीं चलने दी। इसके अलावा विपक्ष ने कृषि कानूनों और महंगाई के मुद्दों पर भी सरकार को घेरा। दूसरी ओर भाजपा के संसदीय दल की बैठक आयोजित की गई। बैठक में पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा। पीएम ने पार्टी सांसदों से कहा कि वे विपक्ष को जनता के सामने बेनकाब करें। आज सुबह 11 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हंगामे की वजह से शून्यकाल नहीं हो पाया। इसी तरह लोक सभा में भी विपक्षी दलों के सांसदों ने जमकर हंगामा किया और सदन को चलने नहीं दिया। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक में स्वतंत्रता दिवस की 75वीं सालगिरह को हर गांव में मनाने का जिम्मा सांसदों को दिया। उन्होंने सांसदों से कहा कि सरकार की ओर से शुरू की गई योजनाओं का लाभ उठाने के लिए हर ग्रामीण को डिजिटल शिक्षा से अवगत कराएं।

नहीं मिली राहत, राज कुंद्रा को कोर्ट ने जेल भेजा

4पीएम न्यूज नेटवर्क. मुंबई। पोर्नोग्राफी केस में राज कुंद्रा को राहत नहीं मिली है। उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। राज कुंद्रा को किला कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। राज कुंद्रा के वकील ने जमानत के लिए अर्जी दी है। वहीं मुंबई पुलिस ने राज कुंद्रा की हिरासत बढ़ाने की मांग की है। राज कुंद्रा को 27 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया था। आज राज कुंद्रा को रिमांड के लिए किला कोर्ट ले जाया गया है। राज को किला कोर्ट में पेश किया गया है। राज कुंद्रा को पुलिस ने 19 जुलाई को 2 घंटे की पूछताछ के बाद अरेस्ट कर लिया था। राज पर अश्लील फिल्में बनाने और उन्हें एप्स पर रिलीज करने के आरोप हैं। पुलिस के मुताबिक राज इस केस में मुख्य आरोपी है। 

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