गुडम्बा में एलडीए की जमीन पर दबंग का कब्जा, 32 मकान बनाकर बेचे
अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से अब तक जमीन मुक्त नहीं करा पाया लखनऊ विकास प्राधिकरण
हाईकोर्ट ने भी एलडीए के पक्ष में सुनाया था फैसला
सत्यप्रकाश
लखनऊ। राजधानी में गुडम्बा की जमीनों पर दबंगों का कब्जा है। एलडीए अधिकारियों की मिलीभगत के चलते गुडम्बा क्षेत्र में जमीन कब्जाने का खेल खेला जा रहा है। हाल ही में एक और नया मामला पकड़ में आया है। गुडम्बा में सरकारी जमीनों की खरीद-फरोख्त करने वाले मो. खालिद सलीम नामक बिल्डर्स ने एलडीए की 56833.447 वर्गफिट जमीन शहरी सीलिंग के रूप में दर्ज है उस पर कब्जा कर लिया है। यह जमीन एलडीए के संज्ञान में है। मामला हाईकोर्ट में भी गया। फैसला एलडीए के पक्ष में गया। बावजूद इसके दबंग खालिद का जमीन पर कब्जा है। इसी जमीन पर 32 मकान भी बना दिए और कई तो बेच दिए। यह सब जानकारी एलडीए को है।
एलडीए फिर भी कुछ नहीं कर पा रहा है। खालिद की दबंगई के आगे एलडीए नतमस्तक है। हाईकोर्ट आदेश के बाद भी अधिकारी-अफसर जमीन खाली नहीं करा पा रहे। और तो और कई अधिकारी खालिद से मिल गए हैं, इस कारण उसकी दबंगई जारी है। इस संबंध में लक्ष्मीकांत सिंह नामक व्यक्ति ने आरटीआई दाखिल की तो मामला सामने आया। इसके बाद फोर पीएम के रिपोर्टर ने मामले की तहकीकात की और खालिद सलीम से बात की तो उल्टा उन्होंने धमकी दी कि एलडीए अधिकारी मेरे साथ उठते-बैठते हैं। सब जायज है। जो छापना है छाप दो, हम भी कई अखबार छापते हैं। कई पत्रकार मित्र है। सब मैनेज करना आता है। खालिद द्वारा कब्जा की गई जमीन का भाग इतना बड़ा है कि वह सैटेलाइट से भी देखा जा सकता है। हैरान करने वाली बात यह है कि इन मकानों के अवैध तरीके से निर्माण की जानकारी एलडीए के आलाधिकारियों के साथ ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को भी है लेकिन, मिलीभगत के चलते कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। इस मामले को सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने भी मामले को प्रमुखता से उठाया था।
नूतन ठाकुर कर रही मामले की पैरवी
बिल्डर द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना के बाद भी अवैध तरीके से 31 हाउसेस का निर्माण कराया गया। अब वह इन्हें लखनऊ विकास प्राधिकरण की मिलीभगत से बेच रहा है। मामले को लेकर लक्ष्मीकांत ने एफआईआर दर्ज करनाने के लिए 156 (3) की याचिका दायर की है। इस मामले की पैरवी नूतन ठाकुर कर रही हैं।
कोर्ट की अवमानना कर करा दिया निर्माण
लक्ष्मी कान्त ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी खालिद सलीम ने गाटा संख्या 160 सं पर सडक़ बिजली के खंभे लगाकर बेचने की तैयारी कर डाली। एलडीए भी अपनी ही जमीन को हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी खाली नहीं करा सका।
पांच करोड़ से ज्यादा की है सरकारी जमीन
आरटीआई एक्टिविस्ट लक्ष्मीकांत के अनुसार जोन पांच में गुडम्बा के बहादुरपुर में गाटा संख्या 160 सं का रकवा 0.528 हेक्टेयर अर्थात 56833.447 वर्गफिट जमीन शहरी सीलिंग के रूप में दर्ज है जो कि एलडीए की जमीन है। जिस पर बिल्डर खालिद सलीम का कब्जा है। इस जमीन की कीमत सरकारी मूल्य पांच करोड़ साठ लाख है एवं मार्केट कीमत लगभग 10 करोड़ है। यह जमीन 1980 से पहले प्यारा नामक महिला की थी जो कि सीलिंग अधिनियम के अंतर्गत 24 जनवरी 1980 को सरकार द्वारा अधिकृत हो चुकी है। आरोप है कि खालिद ने 2003 में अपराधिक तरीके से जमीन हथियाई थी। खालिद ने इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका संख्या 23546/2019 26 अगस्त 2019 एम.बी. भी डाली लेकिन, हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने मात्र पांच दिनों में सुनवाई करते हुए 2 सितंबर 2019 को कहा था कि उपरोक्त गाटा संख्या 160 संख्या पर उसका कोई अधिकार नहीं है। इसके बाद आदेश में खालिद सलमी की याचिका को खारिज कर दिया।
मामला संज्ञान में आया है, जांच के लिए वरिष्ठï अधिकारियों की एक टीम भेजी जा रही है। जांचोपरान्त रिपोर्ट मिलने पर संबंधित के विरुध विधिक कार्रवाई की जाएंगी।
शिवाकांत द्विवेदी, एलडीए वीसी