गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में छापे, विपक्ष ने कहा- चुनाव से पहले बेजा इस्तेमाल
- बंगाल के बाद अब यूपी में सक्रिय हुई सीबीआई
- लखनऊ समेत 40 ठिकानों पर छापेमारी, 190 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
- घोटाले में सीबीआई ने दर्ज की दूसरी एफआईआर विपक्ष ने उठाए सवाल
- जांच एजेंसी के रडार पर हैं नेता, व्यापारी, आईएएस अफसर और इंजीनियर
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। बंगाल के बाद अब उत्तर प्रदेश में सीबीआई एक्शन में आ गई है। विधान सभा चुनाव से पहले जांच एजेंसी ने करीब 1800 करोड़ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में आज लखनऊ समेत 40 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें पश्चिम बंगाल तथा राजस्थान के कई जिले भी शामिल हैं। इस मामले में सीबीआई ने दूसरी एफआईआर दर्ज की है और 190 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। सीबीआई की रडार पर नेता, व्यापारी, आईएएस अफसर और इंजीनियर हैं। वहीं चुनाव से पहले सीबीआई की सक्रियता पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। विपक्ष ने कहा कि सरकार चुनाव से पहले जांच एजेंसी का बेजा इस्तेमाल कर रही है। सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में आरंभिक जांच के बाद तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव, शिवमंगल यादव, चीफ इंजीनियर काजिम अली, असिस्टेंट इंजीनियर सुशील कुमार यादव समेत 190 लोगों के विरुद्ध नया केस दर्ज किया है। इस केस को दर्ज करने के बाद सीबीआई ने कई टीमें गठित कर छापेमारी अभियान चलाया। सीबीआई टीमों ने एक साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ गाजियाबाद, बरेली, गौतमबुद्धनगर, सीतापुर, बुलंदशहर, आगरा, रायबरेली, इटावा तथा पश्चिम बंगाल और राजस्थान के कई जिलों में छापा मारा। टीमें कागजों की पड़ताल में लगी हैं। गौरतलब है कि सपा सरकार में लखनऊ में गोमती नदी के सौंदर्यीकरण का काम किया गया। इसको गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर सजाने की योजना थी। सपा सरकार ने गोमती रिवर फ्रंट के लिए 1513 करोड़ मंजूर किए थे। इसमें 1437 करोड़ जारी होने के बाद भी मात्र 60 फीसदी काम ही हुआ। इस दौरान रिवर फ्रंट का काम करने वाली संस्थाओं ने 95 फीसदी बजट खर्च करके भी पूरा काम नहीं किया था। गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों पर कई गंभीर आरोप हैं। इंजीनियरों पर दागी कंपनियों को काम देने, विदेशों से महंगा सामान खरीदने, चैनलाइजेशन के कार्य में घोटाला करने, नेताओं और अधिकारियों के विदेश दौरे में फिजूलखर्ची करने सहित वित्तीय लेन-देन में घोटाला करने और नक्शे के अनुसार कार्य नहीं कराने का आरोप है। वहीं जांच एजेंसी की इस कार्यवाही और वक्त पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। इसके पूर्व पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव से पहले सीबीआई ने टीएमसी नेताओं के यहां छापेमारी की थी। यही नहीं ममता सरकार के गठन के तुरंत बाद भी सीबीआई ने नारदा स्टिंग टेप केस में टीएमसी के दो कैबिनेट मंत्रियों समेत चार नेताओं के घर छापेमारी की थी, जिसका जमकर विरोध हुआ था।
की गई थी न्यायिक जांच
2017 में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद ही इस घोटाले की बात सामने आई थी, जिसके बाद सरकार ने न्यायिक जांच बैठा दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति आलोक सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने जांच में दोषी पाए गए इंजीनियरों और अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने की संस्तुति की थी। इसके बाद 19 जून 2017 को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डॉ. अंबुज द्विवेदी ने गोमतीनगर थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में यह जांच सीबीआई को सौंप दी गई।
ईडी भी कर रही जांच
इस मामले में आठ इंजीनियर्स के खिलाफ पुलिस के साथ सीबीआई व ईडी केस दर्ज कर जांच कर रही हैं। इसमें तत्कालीन चीफ इंजीनियर गोलेश चन्द्र गर्ग, एसएन शर्मा, काजिम अली, शिवमंगल सिंह, कमलेश्वर सिंह, रूप सिंह यादव, सुरेन्द्र यादव शामिल हैं। यह सभी सिंचाई विभाग के इंजीनियर हैं।
गोमती रिवर फ्रंट के बहाने भाजपा 2022 के चुनाव में फायदा लेना चाहती है मगर जनता सब जानती है। विधान सभा चुनाव में बंगाल वाला हाल भाजपा का यहां भी होगा। आने वाले समय में फर्जी एफआईआर का भी पर्दाफाश होगा। सरकार विपक्ष को दबाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी का सहारा ले रही है।
सुनील सिंह साजन, एमएलसी, सपा
जहां-जहां चुनाव हुए हैं भाजपा वहां-वहां चुनाव से पहले ऐसे हथकंडे अपनाती रही है। विपक्ष के कार्यकर्ताओं व नेताओं पर फर्जी एफआईआर करने के अलावा भाजपा साम, दाम, दंड, भेद अपनाकर किसी तरह भी यूपी की सत्ता हासिल करना चाहती है। आने वाले चुनाव में जनता इनको सबक सिखाएगी।
जीशान हैदर, प्रवक्ता, कांग्रेस
रिवर फ्रंट सपा सरकार की देन है। चुनाव के पहले भाजपा बदले की भावना से यह कार्रवाई करवा रही है। विपक्ष को बदनाम करने से भाजपा की सीटें नहीं बढ़ेंगी। बंगाल की तरह भाजपा को यहां भी मुंह की खानी पड़ेगी।
अनुपम मिश्रा, राष्टï्रीय प्रवक्ता , आरएलडी
रिवर फ्रंट मामले में जिस तरह सीबीआई छापेमारी कर रही है उससे साफ है कि चुनाव को ध्यान में रखकर भाजपा के इशारे पर यह कार्रवाई हुई है लेकिन भाजपा को इसका फायदा मिलने वाला नहीं है। जनता ने सत्ता परिवर्तन का मन बना लिया है।
सतीश श्रीवास्तव, प्रदेश महासचिव पूर्वांचल विंग, आप