चुनाव से पहले पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ा सकती है उत्तराखंड सरकार

देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी की जा सकती है। इसके लिए प्रदेश भर के पंचायत प्रतिनिधि सरकार पर दबाव बना रहे हैं। ताकि चुनाव के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी हो सके। उत्तराखंड में चुनाव से पहले पंचायत प्रतिनिधियों को सरकार खुश कर सकती है जिसका फायदा सरकार को चुनाव में भी मिल सकता है। उत्तराखंड में तकरीबन 8000 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें से अधिकतर में बीजेपी के प्रधान हैं। साथ ही जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत प्रमुख समेत तमाम ऐसे महत्वपूर्ण पद है जो चुनावों के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चुनावों की स्थिति को देखते हुए पंचायत प्रतिनिधि सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि उनका इस मौके पर मानदेय बढ़ जाए। उत्तराखंड जिला पंचायत सदस्य संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री व पंचायती राज मंत्री से बात हो चुकी है जिनसे आग्रह किया गया है कि पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी की जानी चाहिए क्योंकि कई पंचायत प्रतिनिधियों को बैठकों के आधार पर मानदेय मिलता है। तो वहीं ग्राम प्रधान को 15 सौ रुपए, जिला पंचायत अध्यक्ष को 10 हजार मानदेय दिया जाता है। उत्तराखंड में पंचायत प्रतिनिधियों को मानदेय देने की व्यवस्था है। इसके लिए सरकार अलग से बजट जारी नहीं करती, बल्कि पंचायतों को मिलने वाले राज्य के बजट से ही इसकी व्यवस्था की जाती है। फिलहाल जो मानदेय पंचायत प्रतिनिधियों को दिया जा रहा है वो 2017 में तय किया गया था।

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