जिला व थाना स्तर के टॉप टेन अपराधियों के खिलाफ तेजी से हो कार्रवाई: सीएम

अपराधियों के शस्त्र जब्त कर उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया जाए

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को अपराध व अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस का संदेश फिर दिया है। त्योहारों पर शांति व्यवस्था बनाए रखने को हुई समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिला और थाना स्तर के टॉप-10 अपराधियों पर कार्रवाई तेज कर दें। सीएम योगी ने यह भी कहा कि अपराधियों से साठगांठ वाले पुलिसकर्मियों को भी चिह्नित कर कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने अपने आवास से वीसी के जरिए देर शाम कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने मोहर्रम, गणेश उत्सव, अनंत चतुर्दशी जैसे त्योहारों को देखते हुए पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को पूरी सतर्कता बरतने के साथ-साथ सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन व कार्यक्रम की अनुमति नहीं है। ऐसा पाए जाने पर सख्ती से कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सोशल मीडिया पर सतर्क नजर रखें और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि जिले के टॉप टेन व थाना स्तर पर टॉप टेन की सूची में दर्ज अपराधियों पर कानून का डंडा चलना चाहिए। बीट प्रणाली को मजबूत करें। फुट पेट्रोलिंग निरंतर हो। उन्होंने कहा कि अपराध होने पर शस्त्रों के लाइसेंस का निलंबन व जब्ती करें।

डीएम-सीएमओ की क्लास ली
सीएम योगी ने कहा कि जिलाधिकारी और सीएमओ अपने-अपने जिलों में सर्विलांस, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, डोर-टू-डोर सर्वे के साथ-साथ टेस्टिंग की संख्या बढ़ाएं। सीएम योगी ने कहा कि अभी कोविड-19 से निपटने के लिए हमें मजबूती से और प्रयास करने होंगे। तभी सफल होंगे। सभी जिलों में कोविड-19 से निपटने के लिए स्थापित किए गए इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए।

छह माह टल सकते हैं पंचायत चुनाव

लखनऊ। कोविड-19 के मद्देनजर राज्य सरकार फिलहाल पंचायत चुनाव नहीं कराएगी। पंचायत चुनाव को छह माह तक टालने पर योगी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। इस संबंध में सरकार जल्द ही फैसला कर राज्य निर्वाचन आयोग को अवगत कराएगी। दरअसल, मौजूदा पंचायतों का पांच वर्ष का कार्यकाल 25 दिसंबर को पूरा हो रहा है। समय से चुनावी प्रक्रिया पूरी करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को सामान्यता छह माह चाहिए होते हैं। विशेष परिस्थितियों में आयोग न्यूनतम चार महीने में भी चुनाव करा सकता है। इस तरह से पंचायतों के समय से गठन के लिए अब तक चुनाव की तैयारियों शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 के मद्देनजर सरकार ने अब तक आयोग को चुनाव कराने के संबंध में हरी झंडी नहीं दी है।

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