देखो ऐसा काम न करो, राम का नाम बदनाम न करो

  • राम मंदिर की जमीन खरीदने में करोड़ों के घोटाले की खबर से पूरी दुनिया में साख खराब हो गयी ट्रस्ट की
  • चंद मिनटों में दो से 18 करोड़ हुई कीमत, विपक्ष हमलावर, जांच की मांग
  • आम आदमी पार्टी और सपा ने लगाए जमीन खरीद में बड़े भ्रष्टïाचार के आरोप
  • कहा, केंद्र कराए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से मामले की जांच
  • केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक मचा हड़कंप

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। राम मंदिर के लिए जमीन खरीद घोटाला मामले ने तूल पकड़ लिया है। सपा और आम आदमी पार्टी ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टïाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से कराने की मांग केंद्र सरकार से की है। सपा और आप ने आरोप लगाया है कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ कीमत वाली जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी। यह धन शोधन का मामला है। इस कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार को घेरा है। वहीं करोड़ों के घोटाले की खबर से पूरी दुनिया में ट्रस्ट की साख पर धब्बा लगा है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कुछ दस्तावेजों को पेश करते हुए बताया कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर चंपत राय ने करोड़ों रुपए चंपत कर दिए। अयोध्या सदर तहसील के बाग बिजैसी गांव में पांच करोड़ 80 लाख रुपये की मालियत वाली गाटा संख्या 243, 244 और 246 की जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने कुसुम पाठक और हरीश पाठक से 18 मार्च को दो करोड़ रुपए में खरीदी थी और शाम सात बजकर 10 मिनट पर हुई इस जमीन खरीद में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋ षिकेश उपाध्याय गवाह बने थे। उसके पांच मिनट बाद इसी जमीन को चंपत राय ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से साढ़े 18 करोड़ में खरीदा, जिसमें से 17 करोड़ रुपए आरटीजीएस के जरिए पेशगी के तौर पर दिए गए। मजे की बात यह है कि जो राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय बैनामा कराने में गवाह थे, वे ही इस जमीन को ट्रस्ट के नाम पर खरीदने में भी गवाह बने। सपा नेता पवन पांडेय का कहना है कि 10 मिनट पहले दो करोड़ में जमीन का बैनामा हुआ और उसी दिन फिर साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट हुआ। पांच मिनट में जमीन की कीमत कैसे बढ़ गई? इसकी जांच होनी चाहिए। इस मामले के सामने आने के बाद केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक में हड़कंप मच गया है।

क्या कहना है संत समाज का

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि विवाद राजनीतिक वजहों से हो रहा है। सपा और आम आदमी पार्टी दोनों भाजपा विरोधी हैं। बयान पर पवन पांडेय और संजय सिंह दोनों को सफाई देनी चाहिए। वहीं हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए अगर कोई दोषी पाया जाए तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। वहीं अगर आरोप झूठे पाए जाते हैं तो मैं संजय सिंह के खिलाफ 50 करोड़ की मानहानि का दावा करूंगा।

सीएम आवास के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन

राम मंदिर के नाम पर हुए करोड़ों के जमीन घोटाले को लेकर कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास के गेट पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान पुरुष पुलिस कर्मियों पर महिला कार्यकर्ताओं से मारपीट का आरोप लगाया। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है।

यह साफ तौर पर धन शोधन और भारी भ्रष्टाचार का मामला है। मैं प्रधानमंत्री और उनकी सरकार से मांग करता हूं कि तत्काल ईडी और सीबीआई के जरिए इस मामले की गहन जांच कराकर इसमें शामिल भ्रष्टाचारियों को जेल में डाला जाए क्योंकि यह करोड़ों राम भक्तों की आस्था के साथ उन करोड़ों लोगों के भरोसे का सवाल है जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा राम मंदिर निर्माण के लिए दिया है।

संजय सिंह, सांसद, आप

जिनके हाथ राम भक्तों के खून से रंगे हैं, वो सलाह न दें अगर कोई आरोप लगा है तो उसकी जांच होगी। अगर कोई दोषी है तो एक्शन लिया जाएगा। राम मंदिर का निर्माण जारी है। बाहरी लोग सलाहकार न बनें।

केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम

खाली इसी जमीन की बात मैं नहीं कर रहा हूं। ट्रस्ट ने पूरे अयोध्या में जितनी जमीनें खरीदी हैं, उसकी जांच होनी चाहिए। सारे तथ्यों की जांच हो और जो दोषी हैं उन पर कार्रवाई हो। ये तो 120 करोड़ लोगों की आस्था का सवाल है और लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है।

पवन पांडेय, नेता, सपा

ट्रस्ट ने जितनी भी जमीन खरीदी है वह खुले बाजार से काफी कम कीमत पर है। जमीन खरीदने के लिए वर्तमान विक्रतागणों से वर्षों पूर्व जिस मूल्य पर एग्रीमेंट हुआ था उस जमीन को उन्होंने 18 मार्च 2021 को बैनामा कराया। इसके बाद ट्रस्ट के साथ एग्रीमेंट किया। समाज को गुमराह करने के लिए राजनीतिक लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं। हम आरोपों से नहीं डरते, जो आरोप लगे हैं उसकी जांच करूंगा।

चंपत राय, महासचिव, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

सबने राम मंदिर बनाने के लिए चंदा दिया, लेकिन इसकी जमीन खरीद में घोटाला किया गया। यह लोगों की आस्था से विश्वासघात है।

मनीष सिसोदिया, उप मुख्यमंत्री, दिल्ली

हे राम, ये कैसे दिन… आपके नाम पर चंदा लेकर घोटाले हो रहे हैं। बेशर्म लुटेरे अब आस्था बेच ‘रावणÓ की तरह अहंकार में मदमस्त हैं। सवाल है कि दो करोड़ में खरीदी जमीन 10 मिनट बाद ‘राम जन्मभूमिÓ को 18.50 करोड़ में कैसे बेची? अब तो लगता है …कंसों का ही राज है, रावण हैं चहुं ओर!

रणदीप सुरजेवाला, मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस

जो पैसा ट्रांसफर हुआ है, वह उसके गवाह रहे हैं। अनुबंध वर्षों पुराना है। जो लोग मुद्दा उठा रहे हैं, वो राजनीतिक लोग हैं जिनको भगवान राम से दिक्कत है, वे लोग ये मुद्दा उठा रहे हैं। मार्केट रेट क्या है, ये पता किया जा सकता है। आज एयरपोर्ट और अन्य चीजों के लिए भी सरकार अधिक दाम पर जमीन ले रही है। ट्रस्ट की ओर से ऑनलाइन पैसा दिया गया है, ऐसे में गड़बड़ी का कोई सवाल नहीं हो सकता है।

ऋषिकेश उपाध्याय, मेयर, अयोध्या  

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